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डंकी रैकेट का आरोप ईडी की रेड और राजनीति का तड़का — कौन हैं सुखविंदर सिंह गिल?
कभी भंगड़ा डांसर, कभी किसान नेता, अब ‘डंकी रैकेट’ में आरोपी — बीकेयू (टोतेवाल) प्रमुख सुखविंदर सिंह गिल पर छाया संदेह का साया

पंजाब की राजनीति और किसानों के आंदोलन से जुड़े एक नाम पर अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की नजरें टिक गई हैं — वह नाम है सुखविंदर सिंह गिल, जो भारतीय किसान यूनियन (टोतेवाल) के अध्यक्ष हैं। 40 वर्षीय यह किसान नेता अब ‘डंकी रैकेट’ के कथित मास्टरमाइंड के तौर पर जांच के घेरे में हैं।
बुधवार को ईडी ने पंजाब और हरियाणा में कुल 11 ठिकानों पर छापेमारी की, जिनमें गिल का मोगा ज़िले के टोता सिंह वाला गांव स्थित घर भी शामिल था। छापे सुबह 5:30 बजे शुरू हुए और देर रात 8:30 बजे तक चले। गिल उस समय मोहाली में चल रहे ‘कौमी इंसाफ मोर्चा’ के धरनास्थल पर मौजूद थे, जो गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामलों में न्याय की मांग कर रहा है।
एक चेहरा, कई पहचानें
सुखविंदर सिंह गिल का जीवन किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं लगता। वे कभी भंगड़ा डांसर रह चुके हैं, फिर पत्रकार के तौर पर भी सक्रिय रहे और अब किसान नेता की हैसियत से वह राज्य और केंद्र सरकारों पर दबाव बनाते दिखते हैं।
लेकिन अब उन पर आरोप है कि उन्होंने ‘डंकी रूट’ के जरिए अवैध तरीके से लोगों को विदेश भेजने वाले रैकेट में अहम भूमिका निभाई। यही नहीं, फरवरी 2024 में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही वो शक के घेरे में थे।
ईडी अधिकारियों ने उनकी संपत्तियों से दस्तावेजों की फोटो कॉपी की और कुछ अहम रिकॉर्ड ज़ब्त किए हैं। जांच फिलहाल जारी है और एजेंसी अन्य संदिग्ध संपर्कों की तलाश में जुटी हुई है।
‘राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई’ – गिल का दावा
गिल का कहना है कि यह पूरा मामला राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “मैं सिर्फ किसानों की आवाज़ उठा रहा हूं, इसलिए मुझे टारगेट किया जा रहा है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) से सस्पेंड करना भी इसी साजिश का हिस्सा था।
क्या है ‘डंकी रूट’?
‘डंकी रूट‘ एक आम बोलचाल का शब्द है, जिसका उपयोग उन रास्तों के लिए किया जाता है जिनसे लोग अवैध रूप से कनाडा, अमेरिका या यूरोप जैसे देशों में घुसपैठ करते हैं। यह रैकेट न केवल गैरकानूनी है, बल्कि इन मार्गों से यात्रा करना जानलेवा भी साबित होता है।