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ज्यादा नहीं सोचा सिर्फ टिके रहना था शुभमन गिल ने दोहरे शतक के पीछे का राज़ बताया
बर्मिंघम टेस्ट में 269 रन की ऐतिहासिक पारी खेलने वाले कप्तान शुभमन गिल ने किया खुलासा—कैसे मानसिक रणनीति ने बनाया उन्हें मैच विनर

बर्मिंघम टेस्ट के दूसरे दिन भारतीय क्रिकेट को एक नई ऊंचाई मिली जब शुभमन गिल ने 269 रनों की विराट पारी खेली। यह न सिर्फ उनकी तकनीकी परिपक्वता का परिचायक था, बल्कि बतौर कप्तान उनके धैर्य और आत्मविश्वास का भी प्रमाण था। इस शानदार प्रदर्शन के बाद गिल ने खुद खुलासा किया कि इस पारी के पीछे क्या मानसिक और रणनीतिक तैयारी रही।
मैंने सोचना छोड़ दिया था गिल की रणनीति
सीरीज से पहले मैंने कुछ बातों पर फोकस किया था गिल ने मैच के बाद बातचीत में बताया। “टेस्ट क्रिकेट में लंबी पारी खेलने के लिए मानसिक स्थिरता सबसे ज़रूरी है। कई बार हम सिर्फ स्कोरबोर्ड देख कर दबाव में आ जाते हैं, लेकिन मैंने तय किया कि मुझे क्रीज पर टिके रहना है और विकेट नहीं गंवाना है।
269 रन न सिर्फ स्कोर बल्कि एक स्टेटमेंट
The Punjab Prince यानी गिल ने यह दोहरा शतक उस समय बनाया जब टीम को एक मजबूत शुरुआत की सख्त ज़रूरत थी। उन्होंने ना केवल इंग्लिश गेंदबाज़ों को थकाया, बल्कि पूरी रणनीति को ही बदल दिया। उनकी यह पारी भारत के लिए भावनात्मक और सामरिक, दोनों ही दृष्टिकोण से बहुत खास रही।
फील्डिंग पर भी बोले कप्तान
गिल ने मैच के बाद अपनी टीम की फील्डिंग की तारीफ करते हुए कहा, “आकाश दीप की गेंद पर बेन डकेट का कैच टर्निंग पॉइंट था। पहले टेस्ट के बाद हमने अपनी फील्डिंग पर काफी काम किया और इस बार उसका असर साफ दिखा।”
उन्होंने यह भी स्वीकारा कि अगर हेडिंग्ले टेस्ट में उनकी फील्डिंग बेहतर होती, तो शायद वहां का नतीजा कुछ और होता।
शुभमन गिल की कप्तानी में नयापन
इस पारी से यह साफ हो गया है कि शुभमन गिल अब केवल प्रतिभावान बल्लेबाज़ नहीं रहे—वह अब टीम इंडिया की अगली पीढ़ी के रणनीतिक और ठंडे दिमाग वाले कप्तान भी हैं। उनकी सोच में स्पष्टता है, और उनके शब्दों में आत्मविश्वास।