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शिखर धवन का खुलासा इशान किशन का 200 देख समझ गया अब मेरा करियर खत्म है
2022 के बाद टीम इंडिया से बाहर हुए शिखर धवन ने अब अपनी चुप्पी तोड़ी, बोले – T20 वर्ल्ड कप स्क्वॉड में नाम नहीं था, तब ही दिल ने कहा – सब खत्म हो गया

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन ने आखिरकार उस चुप्पी को तोड़ा है जो उनके टीम से बाहर होने के बाद बनी हुई थी। 2022 में भारत के लिए आखिरी मैच खेलने वाले धवन ने अब यह साफ कर दिया है कि उनका अंतरराष्ट्रीय करियर कब और कैसे खत्म हुआ — और इस अहसास ने उन्हें किस तरह प्रभावित किया।
गब्बर के नाम से मशहूर इस बाएं हाथ के ओपनर ने कहा कि जब टीम इंडिया की 2021 की T20 वर्ल्ड कप स्क्वॉड में उनका नाम नहीं आया, तभी उन्हें यह आभास हो गया था कि यह उनके करियर का अंतिम मोड़ हो सकता है। धवन ने कहा मुझे अहसास हो गया था कि अब नाम नहीं आएगा। और मैंने किसी को कॉल करके नहीं पूछा कि मेरा नाम क्यों नहीं आया। हर किसी की अपनी सोच होती है मैं अपनी कहानी सुनाऊं उससे कुछ बदलने वाला नहीं था।
2018 में टेस्ट क्रिकेट से बाहर हो चुके इस ओपनर को सफेद गेंद से भी धीरे-धीरे दरकिनार किया जाने लगा था। लेकिन उन्होंने खुद स्वीकार किया कि जब शुभमन गिल हर फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे थे, तब उनका मौका मिलना मुश्किल था। गिल हर फॉर्मेट में अच्छा कर रहा था मैं सिर्फ ODI में आता था। वह कोच की नज़रों में ज्यादा रहता था और अपनी जगह बना रहा था।
लेकिन सबसे गहरा आघात तब लगा जब इशान किशन ने वनडे में दोहरा शतक जड़ा। धवन ने कहा मैं अर्धशतक और सत्तर रन बना रहा था, लेकिन शतक नहीं आ रहे थे। जब इशान ने 200 मारा तो मेरे भीतर से आवाज़ आई – अब करियर खत्म। मेरे दोस्त उस दिन मुझे संभालने आए थे लेकिन मैं मस्त था, एंजॉय कर रहा था।
जब उनसे पूछा गया कि क्या किसी साथी खिलाड़ी ने उन्हें इस फेज़ में सहारा दिया, तो उन्होंने बताया कि मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने उनसे संपर्क किया था। राहुल भैया ने मुझे मैसेज किया था। लेकिन सभी अपनी-अपनी ज़िंदगी और टूर में व्यस्त होते हैं। हम 14 साल की उम्र से इस सिस्टम में हैं, ड्रॉप होना और फिर वापसी करना – यह नया नहीं है।”
टीम इंडिया के इस पूर्व स्टार ने यह भी बताया कि उन्होंने कभी चयनकर्ताओं से बात करने की ज़रूरत महसूस नहीं की। उनका मानना था कि इंसान को खुद अपनी स्थिति समझनी चाहिए और हर बार जवाब ढूंढने के लिए किसी और की तरफ नहीं देखना चाहिए।
एक समय वनडे फॉर्मेट में सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज़ रहे इस खिलाड़ी का करियर भले ही अचानक खत्म हो गया, लेकिन धवन ने जिस शांति और संतुलन के साथ इस ट्रांजिशन को स्वीकार किया, वह यकीनन काबिले तारीफ है। आज जब युवा खिलाड़ियों की फौज टीम इंडिया में जगह बना रही है, ऐसे में धवन का यह खुला दिल और आत्मस्वीकृति, कई नए खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी सीख हो सकती है।