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टेस्ट से रिटायरमेंट के बाद रोहित शर्मा का खुलासा मानसिक रूप से बहुत थका देने वाला है लाल गेंद क्रिकेट
पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ने तीन महीने बाद टेस्ट क्रिकेट को लेकर कही बड़ी बात, तैयारी और अनुशासन को बताया सफलता की कुंजी।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के करीब तीन महीने बाद अपने अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट एक ऐसा प्रारूप है जो खिलाड़ियों से सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक मजबूती की भी मांग करता है।
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इस साल मई में 38 वर्षीय रोहित ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था। उन्होंने अपने 67 टेस्ट मैचों में 40.58 की औसत से 4301 रन बनाए। इससे पहले वे टी20 विश्व कप जीतने के बाद सबसे छोटे प्रारूप से भी संन्यास ले चुके थे।
हाल ही में एक कार्यक्रम में पैनल चर्चा के दौरान रोहित ने कहा, “टेस्ट क्रिकेट मानसिक रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। पांच दिन तक मैदान पर टिके रहना आसान नहीं है। यह खेल आपके धैर्य और मानसिक ताकत की सच्ची परीक्षा लेता है।”
बचपन से मिली तैयारी की सीख
रोहित ने बताया कि खिलाड़ियों की असली तैयारी क्लब और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से ही शुरू हो जाती है। “मुंबई में क्लब क्रिकेट दो-दो और तीन-तीन दिन का होता था। वहीं से हमें लंबी पारियां खेलने और मानसिक रूप से मजबूत रहने की आदत पड़ती है। यही वजह है कि टेस्ट स्तर पर कठिन परिस्थितियों का सामना करना अपेक्षाकृत आसान हो जाता है।”
युवा खिलाड़ियों को दी सलाह
उन्होंने कहा कि कई युवा क्रिकेटर करियर की शुरुआत में तैयारी के महत्व को नहीं समझते, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें एहसास होता है कि यही अनुशासन उनकी सफलता की नींव रखता है। “खेल में अनुशासन जरूरी है और इसकी शुरुआत तैयारी से होती है। जब आप समझ जाते हैं कि क्या करना है, तभी आप मानसिक रूप से मजबूत बनते हैं।

पर्दे के पीछे की मेहनत
रोहित ने यह भी स्वीकार किया कि पर्दे के पीछे होने वाली मेहनत ही असली अंतर पैदा करती है। “मैच से पहले की प्रैक्टिस, मानसिक रूप से खुद को तैयार करना और लंबे समय तक टिकने की आदत डालना—ये सब चीजें टेस्ट क्रिकेट में बहुत मायने रखती हैं। मेरे लिए भी यही सबसे बड़ा बदलाव था, जब मैंने मुंबई और फिर भारत के लिए खेलना शुरू किया।”
टेस्ट क्रिकेट का महत्व
भले ही उन्होंने अब टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है, लेकिन रोहित का मानना है कि यह प्रारूप क्रिकेट का असली चरित्र दिखाता है। उन्होंने कहा, “टेस्ट क्रिकेट में एकाग्रता ही सबसे बड़ी कुंजी है। यहां आपका धैर्य, तकनीक और मानसिक ताकत सब कुछ परखा जाता है।”
रोहित शर्मा का यह बयान उन सभी युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणादायक है जो आगे चलकर लाल गेंद क्रिकेट में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं।
