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ऋषभ पंत ने लॉर्ड्स में रचा इतिहास तोड़े धोनी और विवियन रिचर्ड्स जैसे दिग्गजों के रिकॉर्ड
इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में 74 रनों की विस्फोटक पारी खेलकर भारतीय उपकप्तान ऋषभ पंत ने बनाए कई कीर्तिमान, बने इंग्लैंड में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले भारतीय विकेटकीपर।

लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर भारतीय उपकप्तान ऋषभ पंत ने एक बार फिर अपने बेखौफ अंदाज़ से क्रिकेट प्रेमियों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन उन्होंने 112 गेंदों पर 74 रनों की दमदार पारी खेलते हुए न सिर्फ भारत को संकट से उबारा, बल्कि एक के बाद एक रिकॉर्ड भी अपने नाम किए।
रनों की रफ्तार और रिकॉर्ड की बरसात
अपनी इस पारी के दौरान, पंत ने टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड के खिलाफ सबसे ज़्यादा छक्के मारने वाले बल्लेबाज़ का रिकॉर्ड अपने नाम किया। उन्होंने 35 छक्कों के साथ वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज़ विवियन रिचर्ड्स (34 छक्के) को पीछे छोड़ दिया। यही नहीं, पंत अब भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा छक्के लगाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में रोहित शर्मा के साथ संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं (88 छक्के)। इस सूची में सबसे ऊपर वीरेंद्र सहवाग हैं, जिनके नाम 90 छक्के हैं।
पंत ने यह उपलब्धि सिर्फ 46 टेस्ट मैचों में हासिल की, जबकि रोहित को 88 छक्के पूरे करने में 67 मैच लगे थे।
एमएस धोनी का रिकॉर्ड भी टूटा
इंग्लैंड दौरे पर एक विकेटकीपर बल्लेबाज़ द्वारा सबसे ज़्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड अब ऋषभ पंत के नाम है। उन्होंने इस टेस्ट सीरीज में अब तक 416 रन बना लिए हैं, जबकि महेंद्र सिंह धोनी ने 2014 में पूरे इंग्लैंड दौरे पर 349 रन बनाए थे। यानी, पंत ने एक दशक से अधिक पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया इतिहास रच दिया।
चोट के बावजूद जुझारू पारी
ध्यान देने वाली बात ये रही कि पंत ने यह पारी उंगली में चोट के बावजूद खेली। पहले दिन चोटिल होने के बाद भी उन्होंने मैदान पर डटे रहकर इंग्लैंड की धारदार गेंदबाज़ी का सामना किया। अपनी पारी के दौरान उन्होंने दो शानदार छक्के भी लगाए, जो दर्शकों के लिए रोमांच का क्षण थे।
रनआउट ने रोकी पारी, लेकिन छोड़ गए असर
इस शानदार पारी का अंत लंच से ठीक पहले हुआ, जब पंत ने तेज़ सिंगल लेने की कोशिश की। Ben Stokes ने फुर्ती दिखाते हुए गेंद उठाई और नॉन-स्ट्राइकर एंड पर सटीक थ्रो मारकर पंत को रनआउट कर दिया। हालांकि पंत का आउट होना भारत के लिए एक झटका था, लेकिन जिस अंदाज़ में उन्होंने बल्लेबाज़ी की, वो न सिर्फ स्कोरबोर्ड पर, बल्कि फैंस के दिलों में भी दर्ज हो चुका है।