Crime
14 करोड़ की तस्करी और COFEPOSA के शिकंजे में फंसी रान्या राव की चौंकाने वाली कहानी
COFEPOSA के तहत जमानत से वंचित Ranya Rao को Bengaluru की सजा ने किया बेख़ौफ़ न्याय की मिसाल

कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री Ranya Rao के लिए ग्लैमर से जुड़ी दुनिया अब जेल की हकीकत में समा चुकी है। एक 14.2 किलो सोना—जोकि करीब ₹12.56 करोड़ का—उनके पास पाया गया और मार्च 2025 के दिन-ब-दिन की बदलती गुत्थियों के बीच अब उन पर COFEPOSA के तहत एक साल की जेल की सजा सुनाई गई है।
इस मामले की जांच कर रही DRI (Directorate of Revenue Intelligence) ने जब उन्हें Kempegowda International Airport, Bengaluru पर दुबई से लौटते समय हिरासत में लिया था, तब यह घटना सामने आई। रान्या सोने की आपराधिक तस्करी के शक के चलते सीज की गईं, और COFEPOSA एक्ट के तहत बिना आरोपी बनाए गिरफ्तारी की सुविधा के चलते उन पर यह कार्रवाई की गई।
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बेल की थी उम्मीद, लेकिन COFEPOSA ने भरोसा तोड़ा
20 मई को एक स्थानीय अदालत ने डिफ़ॉल्ट बेल मंजूर की, जिसके तहत ₹2 लाख की बॉन्ड राशि और जमानत की शर्तें रखी गईं। परंतु यह राहत केवल कागज़ों तक सीमित रह गई—COFEPOSA द्वारा लागू की गई रोक के चलते वह और उनके सहयोगी तारुण राजू जेल से बाहर नहीं आ पाए ।
इसके बाद COFEPOSA सलाहकार बोर्ड ने पूरे एक साल तक बेल नहीं देने का आदेश सुनाया—यह कार्रवाई सबूतों की पर्याप्तता के बाद की गई और अपराध रोकने का दृढ़ प्रयास माना जा रहा है ।
सोने से लेकर फ्लैट तक: जूझता करियर और बिगड़ता संघर्ष
जब DRI (Directorate of Revenue Intelligence) की टीम ने रान्या राव के आवास और उससे जुड़े अन्य ठिकानों पर छापेमारी की, तब उन्हें महज़ एक तस्कर के रूप में नहीं बल्कि एक संगठित सोना तस्करी नेटवर्क का संभावित हिस्सा समझा गया। यह छापेमारी महज औपचारिकता नहीं थी—यह एक गंभीर ऑपरेशन था जो एक्ट्रेस की दुनिया और तस्करी के अंडरवर्ल्ड को जोड़ने वाला कड़ी बन गया।

₹2.06 करोड़ की सोने की ज्वेलरी, जो खूबसूरती से तैयार की गई थी, घर में अलमारियों के भीतर छुपाकर रखी गई थी। इसके अलावा ₹2.67 करोड़ की नगद राशि, विभिन्न नोटों में बंडलों के रूप में पाई गई, जिन्हें बैग्स, दराज और कपड़े के नीचे छिपा कर रखा गया था। DRI को शक था कि यह पैसा तस्करी के लेन-देन से जुड़ा है और इसे जल्द ही हवाला नेटवर्क के जरिए भेजा या बदला जाना था, जिससे यह मामला अब COFEPOSA की सख्त कार्रवाई के दायरे में आ गया है।
34 दुबई यात्राएं: महज़ ट्रैवल नहीं, एक संकेत
अधिकारियों की निगाह में सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि रान्या राव ने 2023 से 2025 के बीच दुबई की 34 से ज्यादा यात्राएं की थीं। एक आम नागरिक या यहां तक कि एक व्यस्त अभिनेत्री के लिए भी यह यात्रा संख्या असामान्य मानी जाती है, खासकर जब यह यात्राएं कुछ हफ्तों के अंतर पर हों। हर बार वे लौटने पर हरे चैनल से निकलीं, लेकिन सवाल यह उठता है—क्या पहले भी ऐसे सोने की खेपें उनके जरिए भारत लाई गईं थीं, जिनका अब खुलासा COFEPOSA के तहत हो रहा है?

इन यात्राओं के दौरान रान्या ने अधिकतर बिजनेस क्लास या फर्स्ट क्लास टिकट्स का उपयोग किया था, और उनके होटल स्टे भी प्रीमियम श्रेणी में दर्ज थे। DRI को संदेह है कि उनके दुबई संपर्कों के साथ meeting points पहले से तय होते थे, और उन्हें सोने की खेप सौंप दी जाती थी जिसे वह अपने शरीर या सामान में छिपाकर भारत लाती थीं।
फ्लैट, गाड़ियां और लग्जरी लाइफस्टाइल: पर्दे के पीछे की संपत्ति
जांच में यह भी सामने आया कि रान्या के नाम पर तीन फ्लैट, दो लक्ज़री गाड़ियां (एक BMW और एक Audi), और एक रिसॉर्ट-स्टाइल फार्महाउस भी दर्ज है, जिनकी कुल अनुमानित कीमत ₹20 करोड़ से अधिक है। इनमें से अधिकांश संपत्तियाँ 2019 के बाद खरीदी गई हैं—एक ऐसा समय जब रान्या की फिल्में ज्यादा चल नहीं रही थीं और उनका फिल्मी करियर गिरावट की ओर था, जो अब COFEPOSA जैसी कठोर कार्रवाई में तब्दील हो चुका है।
इस बात ने अधिकारियों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि जब आय के स्रोत सीमित हों, तो इतनी अधिक संपत्ति और खर्च कहां से आ रहे हैं? इन सभी संपत्तियों और बैंकों के ट्रांजैक्शंस को अब ED (Enforcement Directorate) भी खंगाल रही है।
एक सितारे की गिरावट: करियर अब विवादों के घेरे में
2014 में जब रान्या राव ने ‘Maanikya’ जैसी हिट फिल्म से डेब्यू किया था, तब उन्हें एक ‘ग्लैम डॉल’ के रूप में इंडस्ट्री में देखा गया। सुंदरता और नृत्य में माहिर होने के बावजूद, वह किसी अ-स्थायी सफलता की शिकार हो गईं। ‘Pataki’ और ‘Chuttalabbai’ जैसी फिल्में तो आईं, लेकिन वे बॉक्स ऑफिस पर खास नहीं चलीं।
इंडस्ट्री के भीतर के कुछ सूत्रों का कहना है कि करियर की ठहराव से परेशान होकर रान्या ने दुबई ट्रैवल्स शुरू कीं। शुरुआत में शायद ये सिर्फ ब्रांड शोज़, फोटोशूट या इवेंट्स के लिए हों, लेकिन धीरे-धीरे लालच और संपर्कों के जाल में वो तस्करी जैसी गंभीर चीज़ों में उलझती चली गईं, जो अब उन्हें COFEPOSA जैसी सख्त धारा के तहत सलाखों के पीछे ले गई है।
पब्लिक इमेज की तबाही
इस पूरे घटनाक्रम का सबसे बड़ा नुकसान उनके पब्लिक इमेज को हुआ है। एक अभिनेत्री के तौर पर उनकी पहचान अब एक तस्कर के रूप में होने लगी है। सोशल मीडिया पर लगातार मीम्स, टिप्पणियाँ और आलोचनाएं हो रही हैं। ब्रांड एंडोर्समेंट्स, फिल्म प्रोजेक्ट्स और PR टाईअप्स पर तुरंत रोक लग गई है।

फिल्मी दुनिया, जो दिखने में भले ही चकाचौंध हो, लेकिन अपने अंदर एक कठोर सच छुपाए रहती है—जहां एक गलत कदम आपको हमेशा के लिए आउटसाइडर बना देता है।
कानूनी कबाड़ख़ाना प्रक्रिया और आगे की राह
रान्या के परिवार—विशेषकर मां रोहिणी—ने कर्नाटक हाई कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की थी, लेकिन COFEPOSA बोर्ड ने सुनवाई के दौरान छोड़े गए सबूतों को ठोस माना और याचिका खारिज कर दी गई।
अब अगली सुनवाई तीन-तीन महीने के अंतराल पर होगी, और इस बीच उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य और कानूनी प्रक्रिया का कलंक रहित होना सवालों के घेरे में है।
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