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रामनगर में कोसी नदी में फंसा युवक, बाइक सवार बहने से बचा; पहाड़ी से गिरे पत्थर ने मचाई दहशत
लगातार बारिश से बढ़ा जलस्तर, दो दिनों में कई जानलेवा हादसे टले; आर्यन चंद्र ने ढाई किलोमीटर उबड़-खाबड़ रास्ता तय कर बचाई जान

उत्तराखंड के रामनगर और अल्मोड़ा क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। बरसाती नालों और नदियों का जलस्तर इतना बढ़ चुका है कि हर दिन हादसों की आशंका और डर भी बढ़ता जा रहा है। सोमवार को ऐसे ही दो घटनाएं सामने आईं जिन्होंने लोगों को दहला कर रख दिया।
कोसी नदी में फंसा युवक, जान बचाने चला 2.5 किलोमीटर पैदल
अल्मोड़ा के लोधिया निवासी आर्यन चंद्र सोमवार सुबह मालू के पत्ते तोड़ने जौरासी कोसी नदी के किनारे पहुंचे थे। लेकिन तभी अचानक नदी का जलस्तर बढ़ गया और वह किनारे पर ही फंस गए। घंटों इंतज़ार के बाद भी जब पानी का बहाव कम नहीं हुआ, तो आर्यन ने जान जोखिम में डालकर ढाई किलोमीटर का उबड़-खाबड़ जंगल रास्ता तय कर ज्याड़ीझूला के रास्ते घर पहुंचने का साहसिक निर्णय लिया।
आर्यन ने बताया, “सोचा था कुछ ही देर में पानी कम हो जाएगा, लेकिन हालात इतने खतरनाक हो गए कि वहां रुकना नामुमकिन था।”
बाइक सवार बहने से बचा, राहगीरों ने मिलकर बचाई जान
इसी दिन एक और घटना रामनगर से गर्जिया की ओर जाते समय रिंगौड़ा के बरसाती नाले में घटी। एक बाइक सवार युवक तेज बहाव में फंस गया और लगभग बह ही जाता, लेकिन वहां मौजूद अन्य राहगीरों की सतर्कता और मदद से उसकी जान बचाई जा सकी।
भवाली-अल्मोड़ा हाइवे पर पहाड़ी से गिरे पत्थर, बाल-बाल बचे वाहन चालक
भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग बारिश के मौसम में यात्रियों के लिए एक खतरा बन चुका है। क्वारव की पहाड़ी से पत्थर और बोल्डर गिरने की घटनाएं आम होती जा रही हैं। रविवार शाम को दोपहिया वाहनों पर बड़े पत्थर गिरते-गिरते बचे। चालकों ने समय रहते वाहन छोड़कर जान बचाई।
गनीमत रही कि किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन मार्ग पर लगातार हो रहे धंसाव और कीचड़ की वजह से यातायात ठप पड़ा है। पिथौरागढ़, बागेश्वर, धारचूला और हल्द्वानी की ओर जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पुलिस प्रशासन ने भारी वाहनों को रानीखेत डायवर्ट करना शुरू कर दिया है ताकि यातायात पर दबाव कम हो।