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पंजाबी सिंगर राजवीर जवांदा को नम आंखों से दी अंतिम विदाई — हजारों फैंस और सितारों ने दी श्रद्धांजलि
लोकप्रिय पंजाबी गायक राजवीर जवांदा का लुधियाना के पास उनके पैतृक गांव पोना में अंतिम संस्कार, संगीत जगत और प्रशंसकों में शोक की लहर।

पंजाबी संगीत जगत के उभरते सितारे राजवीर जवांदा अब इस दुनिया में नहीं रहे। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार लुधियाना जिले के जगरोआं के पास स्थित उनके पैतृक गांव पोना में किया गया। इस मौके पर परिवार, रिश्तेदारों, और अनगिनत फैंस की आंखें नम थीं।
राजवीर जवांदा का निधन बुधवार को हुआ था। 27 सितंबर को हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में हुए सड़क हादसे में उन्हें गंभीर चोटें आई थीं। उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वह पिछले कई दिनों से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। लेकिन डॉक्टरों की पूरी कोशिशों के बावजूद, बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
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आखिरी यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
राजवीर के गांव में हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। गांव के हर कोने से लोग “राजवीर अमर रहे” के नारे लगाते हुए उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे।
संगीत जगत से कई बड़े नाम — सतिंदर सरताज, बब्बू मान, अम्मी विर्क, हरभजन मान, करणजीत अनमोल, रंजीत बावा, कंवर ग्रेवाल, और कुलविंदर बिल्ला — भी उपस्थित रहे। सभी ने उनके पार्थिव शरीर पर फूल अर्पित किए और भावनाओं से भरी आंखों से अपने साथी कलाकार को अलविदा कहा।
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने जताया शोक
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी राजवीर जवांदा के घर पहुंचे और परिवार को ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा,
“राजवीर ने पंजाब के संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनका जाना अपूरणीय क्षति है।”
एक आवाज जो हमेशा जिंदा रहेगी
राजवीर जवांदा ने अपने करियर की शुरुआत साल 2014 में सिंगल “मुंडा लाइक मी” से की थी। लेकिन उन्हें असली पहचान मिली 2016 में रिलीज़ हुए हिट गाने “काली जवांदे दी” से। उनकी गायकी में लोक संगीत की गहराई और आधुनिक बीट्स का मिश्रण था, जिसने युवाओं को भी दीवाना बना दिया।

उनके लोकप्रिय गीतों में “तु दिस पेन्दा”, “खुश रह कर”, “सरदारी”, “सरनेम”, “अफरीन”, “लैंडलॉर्ड”, “डाउन टू अर्थ” और “कंगनी” जैसे गाने शामिल हैं।
फिल्मों में भी दिखाया अभिनय का जलवा
सिर्फ गायक ही नहीं, राजवीर ने अभिनय में भी अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने गिप्पी ग्रेवाल स्टारर फिल्म “सूबेदार जोगिंदर सिंह” (2018) में यादगार भूमिका निभाई थी। इसके अलावा उन्होंने “जिंद जान” और “मिंडो तसीलदारनी” जैसी फिल्मों में भी काम किया।
हादसे ने छीन ली एक चमकती प्रतिभा
27 सितंबर को जब राजवीर हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले से शिमला की ओर बाइक से जा रहे थे, तब उनका भयानक एक्सीडेंट हो गया। हादसे में उनके सिर और रीढ़ की हड्डी पर गंभीर चोटें आईं। इसके बाद उन्हें तुरंत फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने कुछ दिनों बाद दम तोड़ दिया।
फैंस का दुख सोशल मीडिया पर छलका
सोशल मीडिया पर #RajvirJawanda ट्रेंड कर रहा है। फैंस और साथी कलाकार लगातार श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
एक यूज़र ने लिखा — “राजवीर पंजाबी संगीत का गर्व थे, उनकी आवाज़ हमेशा जिंदा रहेगी।”
दूसरे ने लिखा — “इतनी कम उम्र में इतना बड़ा नाम — सच में वो ‘बहादुर दिल’ थे।”
अंत में बस यादें रह गईं
राजवीर जवांदा केवल 35 वर्ष के थे। उन्होंने अपनी आवाज़ और सादगी से करोड़ों दिलों में जगह बनाई थी। उनकी कमी अब लंबे समय तक महसूस की जाएगी।