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पुतिन ने मोदी को बताया बेहद बुद्धिमान नेता ट्रंप टैरिफ विवाद के बीच भारत रूस की दोस्ती पर बड़ा बयान
अमेरिकी दबाव के बीच व्लादिमीर पुतिन ने कहा भारत कभी झुकेगा नहीं मोदी हमेशा देशहित को प्राथमिकता देते हैं
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें “बहुत बुद्धिमान और संतुलित नेता” बताया है। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसमें से आधा रूस से तेल खरीद को लेकर है।
पुतिन का मोदी पर विश्वास
पुतिन ने कहा कि भारत किसी भी दबाव में निर्णय नहीं लेता और प्रधानमंत्री मोदी हमेशा अपने देश को सर्वोपरि मानते हैं। उनका कहना था कि यदि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करता है तो उसे करीब 9-10 अरब डॉलर का नुकसान होगा और अगर खरीद जारी रखता है तो उस पर अमेरिकी प्रतिबंधों का खतरा रहेगा।

उन्होंने कहा – “तो फिर क्यों मना किया जाए, जब दोनों ही रास्ते नुकसान की ओर ले जाते हैं। भारतीय जनता कभी अपमान स्वीकार नहीं करेगी और मैं जानता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी भी ऐसा कोई निर्णय नहीं लेंगे।”
भारत रूस संबंधों पर जोर
पुतिन ने वलदाई डिस्कशन फोरम में बोलते हुए कहा कि भारत-रूस की दोस्ती दशकों पुरानी है। उन्होंने याद दिलाया कि सोवियत दौर से ही रूस ने भारत की स्वतंत्रता और विकास की लड़ाई में साथ दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत और रूस के बीच “प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप” संबंध है, जो 15 साल पहले स्थापित हुई थी और आज भी उतनी ही मजबूत है।
व्यापार असंतुलन दूर करने की कोशिश
पुतिन ने स्वीकार किया कि तेल आयात की वजह से भारत-रूस व्यापार संतुलन में अंतर है। उन्होंने कहा कि रूस अब भारत से कृषि और दवाइयों के अधिक आयात पर विचार कर रहा है ताकि इस असंतुलन को कम किया जा सके। उन्होंने यह भी माना कि लॉजिस्टिक चुनौतियों को हल किए बिना इन अवसरों का पूरा फायदा नहीं उठाया जा सकता।

मोदी-पुतिन की बॉन्डिंग और ट्रंप का बदला रुख
हाल ही में चीन में हुए SCO सम्मेलन में मोदी और पुतिन की मुलाकात चर्चा में रही। दोनों नेताओं ने गले मिलते हुए और साथ में कार यात्रा करते हुए भारत-रूस की नजदीकियों को प्रदर्शित किया।
इसके बाद ट्रंप ने भी नरम रुख अपनाते हुए मोदी को “ग्रेट प्राइम मिनिस्टर” कहा और दोस्ती का भरोसा दिलाया। मोदी ने भी ट्रंप की इन बातों का स्वागत करते हुए कहा कि वे भारत-अमेरिका संबंधों को सकारात्मक रूप से देखते हैं।
हालांकि, ट्रंप का सुर एक बार फिर बदला और संयुक्त राष्ट्र महासभा में उन्होंने भारत और चीन पर रूस-यूक्रेन युद्ध को तेल व्यापार के जरिए फंड करने का आरोप लगाया।
निष्कर्ष
स्पष्ट है कि वैश्विक राजनीति में भारत की भूमिका बेहद अहम है। जहां अमेरिका आर्थिक दबाव डाल रहा है, वहीं रूस लगातार भारत का समर्थन कर रहा है और प्रधानमंत्री मोदी की “देशहित सर्वोपरि” नीति की तारीफ कर रहा है। यह साफ संकेत है कि आने वाले समय में भारत की विदेश नीति और भी संतुलित और रणनीतिक हो सकती है।

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