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Weather

पंजाब में बदला मौसम का मिज़ाज: अमृतसर-फरीदकोट में ज़बरदस्त बारिश, खेतों में घुसा मारकंडा नदी का पानी

उत्तर भारत में भारी वर्षा से बिगड़े हालात, पंजाब में गिरा तापमान तो हिमाचल-उत्तराखंड में बादल फटने से तबाही, मारकंडा और यमुना नदी उफान पर

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Punjab Weather Alert: Heavy Rainfall in Amritsar, Flood Risk from Markanda & Yamuna Rivers
अमृतसर में बारिश के बाद सड़कों पर जलभराव, खेतों में घुसा मारकंडा नदी का पानी

उत्तर भारत में मानसून पूरी ताकत से सक्रिय हो चुका है। मंगलवार को पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश देखने को मिली, जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया है। विशेषकर अमृतसर और फरीदकोट जिलों में झमाझम बारिश ने तापमान में भी गिरावट ला दी।

अमृतसर में 60.4 मिमी और फरीदकोट में 32.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई। अधिकतर जिलों में अधिकतम तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि फरीदकोट ने 40 डिग्री का आंकड़ा छू लिया। मौसम विभाग ने बुधवार को भी कई हिस्सों में मौसम बिगड़ने की चेतावनी जारी की है।



हिमाचल और उत्तराखंड में बादल फटने से भारी नुकसान

बारिश का कहर सिर्फ मैदानों तक सीमित नहीं रहा। हिमाचल प्रदेश के चंबा और उत्तराखंड के चमोली जिले में बादल फटने की घटनाएं सामने आईं, जिससे संपर्क मार्ग बह गए और कई इलाकों में आवागमन ठप हो गया।

सिरमौर जिले के नाहन में सोमवार रात भारी वर्षा के चलते नाहन-सराहां-कुमारहट्टी राष्ट्रीय राजमार्ग का लगभग 50 मीटर हिस्सा धंस गया। वहीं, हमीरपुर में बिहार की रहने वाली 30 वर्षीय महिला किरण देवी का शव मंगलवार को मिला, जो 6 जुलाई को बहे जाने के बाद लापता थी।


मारकंडा नदी तीसरी बार उफान पर, खेतों में फैला पानी

हरियाणा की मारकंडा नदी ने इस मॉनसून में तीसरी बार उफान मचाया है। मंगलवार सुबह मुलाना क्षेत्र में इसका जलस्तर 8.3 फीट तक पहुंच गया, जिसके साथ इसका प्रवाह लगभग 36 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया। नदी का पानी खेतों में घुस गया, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।


यमुना और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर घट-बढ़

यमुना नदी सहित उसकी सहायक नदियों का जलस्तर भी लगातार घट-बढ़ रहा है। मंगलवार को हथनीकुंड बैराज पर यमुना का बहाव 24,326 क्यूसेक, जबकि पश्चिमी यमुना नहर में 12,010 क्यूसेक और पूर्वी यमुना नहर में 2,010 क्यूसेक दर्ज किया गया।

टांगरी नदी, जो मोरनी से अंबाला में प्रवेश करती है, उसका जलस्तर 8,000 क्यूसेक तक पहुंच गया। अधिकारियों का मानना है कि यदि पहाड़ों में बारिश जारी रही, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।


जनजीवन प्रभावित, खतरे की आहट

  • कई क्षेत्रों में सड़कें क्षतिग्रस्त, यातायात बाधित
  • कालोनियों और खेतों में पानी भरने की स्थिति
  • सावधानी और सतर्कता को लेकर प्रशासन की अपील
  • मौसम विभाग का अलर्ट: अगले कुछ दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है
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