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त्रिनिदाद में ‘सोहरी पत्ते’ पर परोसा गया खाना, पीएम मोदी बोले – यह हमारे सांस्कृतिक रिश्ते का प्रतीक है

त्रिनिदाद की भारतीय मूल की पहली महिला प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर ने पारंपरिक अंदाज़ में किया प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत, राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू जल भेंट में शामिल

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PM Modi in Trinidad: सोहरी पत्ते पर भोजन, राम मंदिर भेंट और सांस्कृतिक कूटनीति का प्रतीक
त्रिनिदाद में पारंपरिक अंदाज़: सोहरी पत्ते पर भोजन करते हुए पीएम मोदी, साझा की सांस्कृतिक विरासत की झलक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्रिनिदाद और टोबैगो यात्रा सिर्फ राजनीतिक नहीं, सांस्कृतिक जुड़ाव का भी प्रतीक बन गई है। भारतीय मूल की नेता और त्रिनिदाद की पूर्व प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर द्वारा आयोजित रात्रिभोज में एक पारंपरिक भारतीय पद्धति ने सबका ध्यान खींचा — ‘सोहरी पत्ते’ पर खाना परोसना।

प्रधानमंत्री मोदी ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि “यह परंपरा त्रिनिदाद और टोबैगो के भारतीय मूल के लोगों के लिए अत्यंत सांस्कृतिक महत्व रखती है। यह उस गहरी जड़ से जुड़ाव को दर्शाता है जो भारत और कैरिबियाई द्वीपों के बीच बना हुआ है।”


क्या है सोहरी पत्ता?

त्रिनिदाद और टोबैगो में सोहरी पत्ता, ठीक वैसे ही इस्तेमाल होता है जैसे भारत में केले के पत्ते पर भोजन परोसा जाता है। विशेष अवसरों, त्यौहारों और धार्मिक आयोजनों में इस पत्ते का उपयोग वहां की हिंदू आबादी के बीच सामान्य है। यह सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि संस्कृति से जुड़ाव का जीवंत प्रतीक है।

सांस्कृतिक कूटनीति की मिसाल

इस भव्य रात्रिभोज के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कमला प्रसाद-बिसेसर को अयोध्या राम मंदिर की प्रतिकृति और महाकुंभ 2025 में प्रयागराज से लाया गया सरयू नदी का पवित्र जल भेंट किया। यह gesture केवल धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि भारत और उसकी संस्कृति को विश्व में फैलाने का सजीव प्रयास है।


भारतीयता की गूंज त्रिनिदाद में

गौरतलब है कि त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय मूल की आबादी सबसे अधिक है, और उनमें भी हिंदू धर्म और रामायण की परंपरा आज भी जीवंत है। लेखक शैरी-ऐन सिंह ने अपनी किताब ‘The Ramayana Tradition and Socio-Religious Change in Trinidad’ में बताया है कि रामायण और धार्मिक पहचान कैसे इंडो-कैरिबियाई समुदाय की आत्मा बन चुके हैं।

सोशल मीडिया पर मिली तारीफ

सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने इस पूरे पल को “संस्कृति का संगम” और “भारत और त्रिनिदाद के गहरे रिश्ते का प्रतीक” बताया। एक यूज़र ने लिखा, “जब विदेशों में हमारी जड़ों को ऐसे सम्मान मिलता है, तो गर्व महसूस होता है।” वहीं एक अन्य यूज़र ने कहा, “हम भारत में पश्चिम की नकल कर रहे हैं और वहां हमारी संस्कृति को अपनाया जा रहा है। सोचने की बात है।”


कौन हैं कमला प्रसाद-बिसेसर?

कमला प्रसाद-बिसेसर त्रिनिदाद और टोबैगो की पहली महिला प्रधानमंत्री, पहली महिला अटॉर्नी जनरल और पहली महिला विपक्ष नेता रही हैं। वह भारत के बाहर किसी देश का नेतृत्व करने वाली पहली भारतीय मूल की महिला भी हैं। उनका जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था, जहां उनके पिता Texaco कंपनी में काम करते थे और उनकी मां एक रोटी शॉप चलाती थीं।

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