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एक बार फिर पाकिस्तान का ‘इनकार कार्ड’! मसूद अजहर पर बोला झूठ, हाफिज सईद की गिरफ्तारी का दावा
बिलावल भुट्टो ने इंटरव्यू में कहा – “हाफिज सईद आज़ाद नहीं हैं, मसूद अजहर पाकिस्तान में नहीं”… भारत से मांगे सबूत

इस्लामाबाद/नई दिल्ली: पाकिस्तान ने एक बार फिर दुनिया की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की है। आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह माने जाने वाले देश ने अब कुख्यात आतंकवादी मसूद अजहर और हाफिज सईद को लेकर नया ‘इनकार कार्ड’ खेला है।
पाकिस्तानी नेता और PPP के वरिष्ठ नेता बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने हाल ही में Al Jazeera को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया कि पाकिस्तान को मसूद अजहर के ठिकाने की कोई जानकारी नहीं है और हाफिज सईद आज़ाद नहीं बल्कि “पाकिस्तानी राज्य की हिरासत” में हैं।
भारत से फिर मांगा सबूत
बिलावल ने कहा, “अगर भारत हमें मसूद अजहर की जानकारी देगा, तो हम उसे गिरफ्तार करने को तैयार हैं।” उन्होंने यहां तक कह दिया कि मसूद अजहर पाकिस्तान में नहीं बल्कि “अफगानिस्तान” में हो सकता है।
वहीं जब उनसे New York Times की उस रिपोर्ट का ज़िक्र किया गया जिसमें हाफिज सईद को आज़ाद घूमता बताया गया था, तो उन्होंने कहा — “यह तथ्यात्मक रूप से गलत है, सईद राज्य की हिरासत में हैं।”
कौन है मसूद अजहर?
मसूद अजहर वही आतंकी है जिसे 1999 में इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट IC-814 के अपहरण के बाद रिहा किया गया था। भारत के लिए यह एक गहरा राष्ट्रीय आघात था। इसके बाद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद संगठन की स्थापना की, जिसका नाम 2001 संसद हमले, 2008 मुंबई हमला, 2016 पठानकोट हमला और 2019 पुलवामा हमले से जुड़ा है।
2019 में संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया था, लेकिन पाकिस्तान अब भी उसे न पहचानने का नाटक कर रहा है।
हाफिज सईद — लश्कर का सरगना
हाफिज सईद, जो लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है, 26/11 मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। अमेरिका और भारत कई बार पाकिस्तान से उसकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की मांग कर चुके हैं। लेकिन पाकिस्तान बार-बार या तो उसकी गिरफ्तारी को ‘सांकेतिक’ बताता है या फिर कहता है कि वह सक्रिय नहीं है।
अब बिलावल भुट्टो द्वारा की गई यह सफाई उसी पुराने रुख को दोहराती है — इनकार करो, सवाल उठाओ और कार्रवाई से बचो।
भारत ने क्या कहा?
भारत पहले भी बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंकियों की पनाहगाह बताते हुए ठोस सबूत पेश कर चुका है। ऐसे में पाकिस्तान का यह कहना कि “हमें सबूत दो, तभी कार्रवाई करेंगे”, सिर्फ एक पुरानी चाल की पुनरावृत्ति मानी जा रही है।
पाकिस्तान की इस रणनीति पर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह “रणनीतिक भ्रम फैलाने की नीति” है, जिससे अंतरराष्ट्रीय दबाव को कम किया जा सके।