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झंझारपुर सीट पर BJP के नितीश मिश्रा की बड़ी बढ़त, 43 हजार वोट पार—बिहार की सियासत में फिर मजबूत हुआ ‘मिश्रा फैक्टर’
नितीश कुमार सरकार के मंत्री नितीश मिश्रा ने झंझारपुर में दिखाई दमदार पकड़, परिवार की राजनीतिक विरासत फिर सुर्खियों में
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों में झंझारपुर सीट से बड़ा अपडेट सामने आया है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार और मौजूदा मंत्री नितीश मिश्रा ने इस सीट पर 43 हजार से अधिक वोटों की बढ़त हासिल कर ली है।
चुनाव आयोग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, मिश्रा का यह अंतर लगातार बढ़ रहा है और जीत के संकेत बेहद मजबूत दिख रहे हैं।
झंझारपुर में मतदान 11 नवंबर को दूसरी फेज़ में संपन्न हुआ था।
यह सीट लंबे समय से राजनीतिक रूप से प्रतिष्ठित मानी जाती है—और इस बार भी मुकाबले से ज्यादा चर्चा रही नितीश मिश्रा की बढ़ती लोकप्रियता की।

शानदार राजनीतिक विरासत—जगन्नाथ मिश्रा और लालित नारायण मिश्रा का परिवार
नितीश मिश्रा का परिवार बिहार की राजनीति में एक प्रतिष्ठित नाम रहा है।
- उनके पिता जगन्नाथ मिश्रा तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे।
- उनके चाचा ललित नारायण मिश्रा, भारत के चर्चित केंद्रीय मंत्री थे और जिन्हें आज भी देश भर में सम्मान के साथ याद किया जाता है।
ऐसे बड़े राजनीतिक घराने से आने के बावजूद
नितीश मिश्रा ने अपनी पहचान सामाजिक कार्यों और व्यक्तिगत मेहनत से बनाई, यह बात उनके समर्थक अक्सर दोहराते हैं।
विदेशी शिक्षा छोड़ी, बिहार लौटे—और जमीनी राजनीति में उतरे
विदेश में उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद उन्होंने बिहार की ज़मीनी राजनीति और सामाजिक सेवा में खुद को झोंक दिया।
उनकी राजनीतिक शुरुआत JDU से हुई और 2005 में पहली बार उन्होंने अपने पिता की परंपरागत सीट झंझारपुर से जीत दर्ज की।
इसके बाद—
- 2005
- 2006 (By-election)
- 2010
तीन बार लगातार विधायक बने और अपने क्षेत्र में मजबूत पकड़ बनाई।
2015—राजनीतिक उतार-चढ़ाव और दल बदल
2015 में जब नितीश कुमार ने महागठबंधन का साथ लिया तो झंझारपुर सीट RJD के खाते में चली गई।
लालू प्रसाद यादव ने गुलाब यादव को उतारा और मुकाबला कड़ा हुआ।
यहीं से समीकरण बदले—
नितीश मिश्रा ने JDU छोड़कर BJP जॉइन की, पर 834 वोटों के मामूली अंतर से चुनाव हार गए।
लेकिन 2020 में उन्होंने शानदार वापसी की और चौथी बार विधायक बने।

विभागों की ज़िम्मेदारी और साफ सियासी छवि
अपने राजनीतिक सफर में नितीश मिश्रा कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे हैं।
वे विकास योजनाओं, ग्रामीण कनेक्टिविटी और सामाजिक कल्याण के कामों के लिए जाने जाते हैं।
BJP में शामिल होने के बाद उनकी सक्रियता और बढ़ी है, और वे अब नितीश कुमार सरकार के अहम चेहरे बन चुके हैं।
इस बार रिकॉर्ड बढ़त—क्या है इसके मायने?
झंझारपुर में 43,000 से अधिक वोटों की बढ़त सिर्फ जीत नहीं, बल्कि क्षेत्र में मिश्रा की मजबूत जमीनी पकड़ का संकेत भी है।
BJP के लिए भी यह सीट महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उत्तर बिहार की उन चुनिंदा सीटों में से है जहां व्यक्तिगत छवि चुनाव को सीधे प्रभावित करती है।
14 नवंबर को होने वाली अंतिम गिनती से पहले ही
झंझारपुर सीट पर माहौल साफ है—
मिश्रा फैक्टर ने इस बार भी बाज़ी मार ली है।
