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7 Days to Decide: NATO प्रमुख Rutte की चेतावनी – ‘अगर दिल्ली या बीजिंग में रहते हैं तो यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है’

Donald Trump ने दी 100% सेकेंडरी टैक्स की धमकी, NATO प्रमुख ने भारत, चीन और ब्राज़ील को दी कड़ी चेतावनी – “अब फोन करो पुतिन को!”

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NATO Chief Warns India-China: 'This Will Hit You Hard' Over Russia Trade | Trump Tariff Alert
NATO प्रमुख मार्क रुट्टे अमेरिकी कांग्रेस में भारत, चीन और ब्राज़ील को चेतावनी देते हुए।


रूस-यूक्रेन युद्ध अब सिर्फ यूरोप या अमेरिका की चिंता नहीं रह गई है, बल्कि भारत, चीन और ब्राज़ील जैसे देशों के लिए भी गंभीर संकट बनता जा रहा है। NATO के महासचिव Mark Rutte ने अमेरिकी कांग्रेस में अपनी चेतावनी देते हुए कहा, “अगर आप दिल्ली, बीजिंग या ब्राज़ीलिया में रहते हैं तो आपको बहुत सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि अगला वार आपके ऊपर पड़ सकता है।”

यह बयान तब आया जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और चुनावी उम्मीदवार Donald Trump ने ऐलान किया कि यदि 50 दिनों के अंदर Vladimir Putin कोई शांति समझौता नहीं करते हैं तो रूस के व्यापारिक साझेदारों पर 100% सेकेंडरी टैरिफ (उपकर) लगा दिया जाएगा।


Rutte ने साफ तौर पर कहा कि यह चेतावनी विशेष रूप से भारत, चीन और ब्राज़ील के लिए है। “अब समय आ गया है कि आप पुतिन को फोन करें और कहें कि अब शांति वार्ता को गंभीरता से लें। वरना इसका असर आपके देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरी तरह पड़ेगा,” उन्होंने पत्रकारों से कहा।


ट्रंप की धमकी: 50 दिन की डेडलाइन और ‘बाइटिंग’ टैक्स

ट्रंप द्वारा प्रस्तावित ‘बाइटिंग सेकेंडरी टैरिफ़’ का मतलब है कि यदि कोई देश रूस से तेल, गैस या अन्य वस्तुओं का आयात करता है, तो उस पर 100% अतिरिक्त टैक्स लगाया जाएगा। यह न केवल कच्चे तेल की कीमतों को प्रभावित कर सकता है बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को भी अस्त-व्यस्त कर सकता है।

Thom Tillis, अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटर, ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा, “ट्रंप का यह कदम सराहनीय है, लेकिन मुझे डर है कि पुतिन इन 50 दिनों का फायदा उठाकर युद्ध में अपनी स्थिति मजबूत कर सकते हैं।”


भारत-चीन के लिए बड़ा खतरा क्यों?

भारत और चीन रूस से ऊर्जा स्रोतों के बड़े खरीदार हैं। Narendra Modi के नेतृत्व वाली भारतीय सरकार ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद रूस से तेल खरीद को जारी रखा है, जो अमेरिका और NATO के लिए चिंता का विषय रहा है।

Rutte के मुताबिक, यदि भारत और चीन ने रूस से व्यापारिक रिश्ते नहीं रोके तो आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, “यूरोप अब पीछे नहीं हटेगा, हम यूक्रेन को हथियार देंगे – एयर डिफेंस से लेकर मिसाइल और गोला-बारूद तक। अमेरिका के साथ मिलकर यूरोप इस जंग को निर्णायक मोड़ पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

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NATO और अमेरिका का नया एक्शन प्लान

Rutte ने ट्रंप के साथ मीटिंग के बाद बताया कि अब अमेरिका ‘मैसिव’ यानी बड़े स्तर पर यूक्रेन को हथियार देने वाला है। इसमें न केवल डिफेंसिव बल्कि ऑफेंसिव हथियार भी शामिल होंगे। यह निर्णय Pentagon और यूरोपीय कमांड के प्रमुखों के साथ मिलकर लिया जाएगा।


उन्होंने कहा, “अब सिर्फ एयर डिफेंस नहीं, मिसाइल और भारी गोलाबारी के उपकरण भी यूक्रेन को मिलेंगे। इसका भुगतान यूरोप करेगा ताकि यूक्रेन शांति वार्ता में मजबूत स्थिति में पहुंचे।”


रूस पर वैश्विक दबाव: क्या भारत बदलेगा रुख?

अब सवाल यह है कि क्या भारत, चीन और ब्राज़ील NATO और अमेरिका की इस धमकी के बाद रूस से अपने रिश्तों में बदलाव करेंगे? क्या Xi Jinping और Lula da Silva जैसे नेता वाकई पुतिन से संपर्क करेंगे?

Rutte का यह बयान निश्चित रूप से नई भू-राजनीतिक हलचल का संकेत है। अगर भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की तो यह उसका व्यापारिक भविष्य प्रभावित कर सकता है, विशेषकर अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ।