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नादिन डी क्लर्क ने कर दिखाया कमाल — भारत के खिलाफ रच दिया इतिहास, सादगी से जीता मैच और दिल
विजाग में हुए रोमांचक मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका की नादिन डी क्लर्क ने अपनी दमदार बल्लेबाज़ी से भारत को हरा दिया। उन्होंने साबित किया — “सादगी ही सब कुछ है।”

विजाग (विशाखापट्टनम) में गुरुवार रात क्रिकेट प्रेमियों ने ऐसा मुकाबला देखा जिसे आने वाले सालों तक याद रखा जाएगा। जब सबको लगा कि भारत आसानी से जीत जाएगा, तब मैदान पर उतरीं नादिन डी क्लर्क — दक्षिण अफ्रीका की वह खिलाड़ी जिनका नाम शायद विरोधी टीम की रणनीति में पहले कुछ पन्नों में नहीं लिखा जाता।
लेकिन इस बार कहानी अलग थी। भारत के खिलाफ आईसीसी वर्ल्ड कप 2025 के इस रोमांचक मैच में डी क्लर्क ने अपनी शानदार बल्लेबाज़ी से मैच पलट दिया और दक्षिण अफ्रीका को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई।
मुश्किल हालात में उतरीं डी क्लर्क
भारत के घरेलू मैदान पर 13,000 से ज़्यादा दर्शकों के बीच जब दक्षिण अफ्रीका की टीम 142 रन पर अपने छह विकेट खो चुकी थी, तब जीत की उम्मीद लगभग खत्म हो चुकी थी। ज़रूरत थी 85 गेंदों पर 110 रनों की — और सामने थीं भारत की स्पिन गेंदबाज़ों की तिकड़ी स्नेह राणा, कांति गौड़ और अमनजोत कौर।
ऐसे में डी क्लर्क मैदान पर उतरीं और उन्होंने अपने साथी क्लोए ट्रायन के साथ मिलकर एक नई कहानी लिख डाली। पहले उन्होंने श्री चरनी की गेंदों को लगातार दो चौकों में बदला, फिर आत्मविश्वास के साथ क्रीज़ से बाहर निकलकर गेंद को लेग साइड में शानदार टाइमिंग के साथ बाउंड्री पार भेजा।
“सादगी ही सब कुछ है” — डी क्लर्क
मैच के बाद डी क्लर्क ने कहा,
“आज बस यही सोचा था कि ज़्यादा ताक़त से नहीं, टाइमिंग से खेलना है। सादगी ही सब कुछ है। जब आख़िरी दस ओवर आते हैं, तब खुद पर भरोसा रखना ज़रूरी होता है। अगर खेल निकल जाता है तो वही 70-80 रन मैच का फ़ैसला बदल देते हैं।”
उनके शॉट्स में वही आत्मविश्वास दिखा जो एक हॉकी खिलाड़ी की लचीलापन सिखाता है — डी क्लर्क ने अपने पुराने हॉकी अनुभव का ज़िक्र करते हुए कहा कि इससे उन्हें फील्ड पर खाली जगह पहचानने और ‘अजीब एंगल्स’ पर हिट करने की कला आई।

क्लोए ट्रायन के साथ बनी मैच-विनिंग जोड़ी
डी क्लर्क और क्लोए ट्रायन ने मिलकर स्कोर को 60 रन तक पहुंचाया जब ट्रायन की बाईं टांग में खिंचाव के चलते उन्हें दिक्कत आने लगी। इसके बाद डी क्लर्क ने पूरा मोर्चा संभाला और स्नेह राणा के ओवर में एक छक्का और चौका लगाकर रनरेट को तेज़ किया।
जब ट्रायन आउट हुईं, तब भी डी क्लर्क ने हार नहीं मानी। उन्होंने खुद स्ट्राइक अपने पास रखी और भारतीय तेज़ गेंदबाज़ कांति गौड़ को दो लंबे छक्के जड़कर मैच का रुख पलट दिया। एक समय जब समीकरण था — 23 रन 18 गेंदों में, डी क्लर्क ने एक ही ओवर में 18 रन ठोक डाले।
आख़िरी वार — जीत और जोश
साथ में थीं आयाबोंगा खाका, लेकिन स्ट्राइक डी क्लर्क ने अपने पास रखी और दो छक्कों के साथ जीत का जश्न मना दिया। गेंद जैसे ही स्टेडियम के बाहर गई, भारतीय दर्शक सन्न रह गए और अफ्रीकी खिलाड़ी मैदान में दौड़ पड़ीं।
मैच के बाद डी क्लर्क बोलीं,
“यह जीत हमारे लिए बहुत बड़ी है। इस वर्ल्ड कप में उतार-चढ़ाव तो आएंगे, लेकिन असली पहचान मुश्किल हालात में लड़ी गई लड़ाई से होती है।”
भारत के खिलाफ अफ्रीका का दबदबा
दिलचस्प बात यह है कि पिछले तीन वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को हर बार मात दी है। यह जीत उस सिलसिले को और मज़बूत करती है। टीम की कप्तान लौरा वोल्वार्ट ने मैच के बाद कहा,
“नादिन आज सिर्फ रन नहीं बना रही थीं, वह हमें उम्मीद दे रही थीं।”
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