Moradabad
DIG के आदेश के बाद भी नहीं दर्ज हुआ रेप का केस, मुरादाबाद में थाना प्रभारी सस्पेंड
शादी का झांसा देकर रेप, फिर इनकार — पीड़िता की शिकायत को नजरअंदाज करने पर मझोला थाने के इंस्पेक्टर पर गिरी गाज

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक बेहद शर्मनाक प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है, जिसने पुलिस तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रेप पीड़िता की शिकायत पर डीआईजी रेंज मुनिराज द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए जाने के बावजूद मझोला थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की गई। अब इस लापरवाही का खामियाज़ा मझोला थाना प्रभारी को भुगतना पड़ा है, जिन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि सेल्स टैक्स विभाग में क्लर्क पद पर कार्यरत ओमकार नामक युवक ने शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। रिश्ते की रस्में पूरी हो चुकी थीं, लेकिन जैसे-जैसे शादी की तारीख नजदीक आई, आरोपी पक्ष ने दहेज में 30 लाख रुपये की मांग शुरू कर दी। युवती का आरोप है कि आरोपी ने उसे अपने नए घर में बुलाकर कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर रेप किया और बाद में शादी से इनकार कर दिया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पीड़िता अपने माता-पिता के साथ डीआईजी मुनिराज से मिलने पहुंची और विस्तार से पूरा घटनाक्रम बताया। डीआईजी ने तत्काल एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए लेकिन थाने में कार्रवाई की जगह समझौते का दबाव बनाया गया।
जब दोबारा शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई, तब डीआईजी ने एसपी ट्रैफिक सुभाष चंद्र गंगवार को जांच सौंपी। रिपोर्ट में पीड़िता के सभी आरोपों को सही पाया गया। इसके बाद थाना मझोला के प्रभारी निरीक्षक रामप्रसाद शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए। साथ ही उन्हें बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने पर भी रोक लगा दी गई है।
यह मामला उत्तर प्रदेश पुलिस के भीतर कार्यप्रणाली की गंभीर खामियों की ओर इशारा करता है, जहां एक पीड़िता को बार-बार दरवाज़े खटखटाने के बावजूद न्याय नहीं मिला। हालांकि अब डीआईजी के हस्तक्षेप के बाद उम्मीद जगी है कि आरोपी को सजा मिलेगी और पीड़िता को न्याय।