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3 पोस्टर 2 आरोपी और 1 साजिश Momos की बिक्री में गिरावट पर दुकानदार ने रची चौंकाने वाली चाल
मुरादाबाद में Momos की बिक्री कम होने पर दुकानदार और नौकर ने पड़ोसी को फंसाने के लिए लगाए आपत्तिजनक पोस्टर, सीसीटीवी से हुआ खुलासा

कमाई घटने पर उबला गुस्सा, साजिश ने उड़ाए होश
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। Momos की बिक्री घटने से परेशान एक फास्ट फूड दुकानदार ने अपने नौकर के साथ मिलकर ऐसी साजिश रच डाली जिससे पूरे बाजार में सनसनी फैल गई। उन्होंने अपने पड़ोसी की दुकान को बदनाम करने के लिए आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्टर शहर के अलग-अलग हिस्सों में चिपका दिए।
मामला मुरादाबाद कोतवाली क्षेत्र के जीएमडी रोड और बुधबाजार का है, जहां मंगलवार को कई जगह पर विवादित पोस्टर लगे मिले। इन पोस्टरों में लिखा गया था कि “धर्म बदलकर सामान बेचने वालों से सावधान, धर्म बदलकर खाने-पीने की वस्तुएं बेचकर हिंदुओं का धर्म भ्रष्ट किया जा रहा है।”
CCTV फुटेज से खुला राज, पुलिस की तफ्तीश में सामने आई साजिश
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने कोतवाली पुलिस को मामले की जांच के निर्देश दिए। पुलिस ने दिनभर सीसीटीवी फुटेज खंगाली, जिसके बाद पूरी साजिश का खुलासा हुआ।

जांच में सामने आया कि कंजरी सराय निवासी एक फास्ट फूड दुकानदार और उसका नौकर, जो कि रामपुर का रहने वाला है, रात के समय आपत्तिजनक पोस्टर चिपकाते देखे गए। पुलिस ने तुरंत दोनों को हिरासत में ले लिया।
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Momos का ठेला बना रंजिश की जड़
पूछताछ के दौरान दुकानदार ने बताया कि करीब एक माह पहले एक अन्य युवक ने उसकी दुकान के बराबर में Momos का ठेला लगाना शुरू किया, जिससे उसकी बिक्री में भारी गिरावट आई। ग्राहक दूसरी दुकान की ओर जाने लगे, जिससे जलन और व्यापारिक रंजिश ने उसे इस गैरकानूनी और निंदनीय हरकत के लिए प्रेरित किया।
पोस्टर चिपकाकर वह यह दिखाना चाहता था कि पड़ोसी किसी साजिश के तहत लोगों को धर्म के नाम पर प्रभावित कर रहा है, जिससे उसकी दुकान की बिक्री पर असर पड़ा है।

पुलिस ने हटवाए पोस्टर, कार्रवाई की तैयारी
एसपी सिटी ने बताया कि पोस्टरों को हटवा दिया गया है और आरोपी दुकानदार व उसके नौकर से पूछताछ जारी है। दोनों के खिलाफ सांप्रदायिक भावना भड़काने, अफवाह फैलाने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोपों में केस दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।
व्यापारिक प्रतिस्पर्धा या नफरत की साजिश?
इस घटना ने सिर्फ बाजार ही नहीं, पूरे समाज में नफरत फैलाने के नए तरीके पर चिंता बढ़ा दी है। जब एक दुकान की बिक्री कम होने लगे और उसका हल समाज में ज़हर घोलने से निकाला जाए, तो यह केवल अपराध नहीं बल्कि समाजिक ताने-बाने पर हमला भी है।

प्रशासन की सख्ती जरूरी, ताकि औरों को मिले सबक
मुरादाबाद जैसे संवेदनशील शहर में इस तरह की हरकतें समाज में तनाव पैदा कर सकती हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की मुस्तैदी की वजह से समय रहते मामला उजागर हो गया। लेकिन सवाल उठता है कि अगर सीसीटीवी न होता तो?
सोशल मीडिया पर भी फैलाया जा रहा था भ्रम
जानकारी के अनुसार, पोस्टरों की फोटो व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर भी शेयर की जा रही थीं, जिससे बात फैलकर दूसरे मोहल्लों तक पहुंच रही थी। समय रहते पुलिस ने इसे रोक लिया, लेकिन अफवाह का असर पड़ चुका था।
अब पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि कहीं इसके पीछे कोई और राजनीतिक या सांप्रदायिक संगठन तो नहीं है जो माहौल को खराब करना चाहता था।
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