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मुरादाबाद में रामगंगा विहार जामा मस्जिद ताजपुर समेत कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात नदी किनारे बस्तियों में सिर तक घुसा पानी – देखें वीडियो
ताजपुर और जामा मस्जिद के पास भर गया नदी का पानी, बीकरपुर में 60 वर्षीय महिला बह गईं तेज धार में, दो दर्जन गांवों का संपर्क टूटा

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में रामगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है और अब यह लोगों के लिए मुसीबत बन चुका है। ताजपुर और जामा मस्जिद क्षेत्र से लेकर बीकरपुर, कुंदरखी और दलपतपुर तक जलभराव और तेज बहाव की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
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मुंडा पांडे ब्लॉक के बीकरपुर गांव में नदी की तेज धारा ने एक 60 वर्षीय महिला रामवती को निगल लिया। वह खेत में चारे के लिए गई थीं, तभी उनका पैर फिसला और वे बह गईं। स्थानीय ग्रामीणों और पुलिस की मदद से उन्हें खोजने की कोशिशें की गईं, लेकिन तेज बहाव के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन फिलहाल रोकना पड़ा है।
स्थानीय प्रशासन की टीम के साथ पीएसी के गोताखोर और SDRF मौके पर पहुंचे थे, लेकिन पानी की गहराई और रफ्तार ने राहत कार्य में बड़ी बाधा उत्पन्न की।
टूट गया ग्रामीणों की मेहनत से बना पुल
दलपतपुर-कुंदरखी मार्ग पर ग्रामीणों द्वारा बनाया गया अस्थाई लकड़ी का पुल भी इस तेज बहाव में बह गया। ग्रामीणों ने बताया कि इस पुल का एक हिस्सा पिछले साल भी बह गया था और तब से उन्होंने मिलकर इसे दोबारा बनाया था। लेकिन प्रशासन ने इस पर स्थायी निर्माण को लेकर कोई कदम नहीं उठाया।

अब यह पुल बह जाने से करीब 20 से ज्यादा गांवों का संपर्क पूरी तरह कट चुका है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, किसान अपने खेतों तक नहीं पहुंच पा रहे और पशुओं के लिए चारा भी संकट में है।
ग्रामीणों का आक्रोश और प्रशासन की चुप्पी
बीकरपुर के ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते इस पुल का पक्का निर्माण हो गया होता, तो आज ऐसी स्थिति नहीं होती। लोगों ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों को कई बार सूचना दी गई थी लेकिन फाइलें धूल खाती रहीं और ज़मीन पर कुछ नहीं हुआ।
अब गांवों में सिर्फ नाव ही एकमात्र साधन बचा है, लेकिन वह भी सभी क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पा रही है। भूसा, चारा और जरूरी सामान गांव में फंस गया है।
प्रशासन की चेतावनी, लेकिन इंतजाम नदारद
प्रशासन ने फिलहाल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को चेतावनी दी है कि कोई भी व्यक्ति जलमग्न क्षेत्रों में न जाए। तहसीलदार और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं, लेकिन लोग प्रशासनिक तैयारियों से नाखुश हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, डूबने की घटना करीब 2 किलोमीटर दूर उस स्थान पर हुई है जहां प्रशासन का ट्रक भी नहीं पहुंच पाया। अब सुबह नाव या स्टीमर की मदद से रेस्क्यू मिशन शुरू किया जाएगा।
बारिश और नदी के बढ़ते जलस्तर ने खड़ा किया संकट
रविवार रात से लगातार हो रही बारिश के कारण रामगंगा नदी उफान पर है। कई किलोमीटर तक जलभराव की स्थिति बन चुकी है। कई गांवों में पानी घरों तक घुस गया है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अब जरूरत है कि प्रशासन सिर्फ चेतावनियों पर नहीं, ठोस राहत और पुनर्निर्माण कार्यों पर ध्यान केंद्रित करे, ताकि आने वाले समय में इस तरह की त्रासदी को रोका जा सके।
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