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मालवा में बारिश से पड़ी मुश्किल धान कटाई में देरी से किसान चिंतित

मालवा क्षेत्र में रविवार तड़के हुई बारिश और तेज़ हवाओं से धान और कपास की फसल पर मंडराया खतरा, कृषि विभाग ने किसानों को कुछ दिन प्रतीक्षा की सलाह दी

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मालवा में बारिश से टली धान की कटाई किसान चिंतित कृषि विभाग ने दी सलाह
मालवा में रविवार सुबह हुई बारिश से खेतों में खड़ी फसलें गीली, किसान परेशान

पंजाब के मालवा क्षेत्र में रविवार सुबह हुई हल्की बारिश और तेज़ हवाओं ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। मौसम में अचानक आए बदलाव से धान की कटाई अब 4 से 5 दिन तक टल सकती है। किसानों का कहना है कि अगर अगले कुछ दिनों में बारिश और हवा जारी रही तो खेतों में खड़ी खरीफ फसलें, खासकर धान और कपास, बिछ सकती हैं जिससे भारी नुकसान की आशंका है।

मौसम से बदला फसल चक्र

राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन मौसम ने फसल कटाई की गति को जरूर प्रभावित किया है। बठिंडा और आसपास के ज़िलों में रविवार सुबह तक लगातार हल्की बारिश और हवाएं चलती रहीं।

मालवा में बारिश से टली धान की कटाई किसान चिंतित कृषि विभाग ने दी सलाह


कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “मौसम विभाग ने पहले ही किसानों को चेतावनी दी थी कि हल्की बारिश और हवाएं चल सकती हैं। इस वजह से उन्हें कटाई स्थगित करने की सलाह दी गई थी। अभी तक किसी खेत से बड़े नुकसान की रिपोर्ट नहीं आई है।”

कपास और धान दोनों पर असर

मालवा क्षेत्र के अधिकांश किसान इस समय कपास की पहली तुड़ाई में व्यस्त हैं, जबकि धान की कटाई अभी शुरू नहीं हुई थी। मंसा के एक कपास किसान ने बताया कि, “बारिश से खेतों में नमी बढ़ गई है। इस वजह से कपास की क्वालिटी पर असर पड़ेगा। अगर यह सिलसिला लंबा चला तो हमें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।”

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मुख्य कृषि अधिकारी जगदीश सिंह, बठिंडा ने किसानों को सलाह दी है कि अगले 2 से 3 दिन तक वे कटाई और तुड़ाई रोक दें क्योंकि खेतों में नमी अधिक है और मौसम अभी अनुकूल नहीं है। उन्होंने बताया कि, “कपास की दूसरी तुड़ाई लगभग 10 दिन बाद शुरू हो सकेगी। वहीं, धान की कटाई जो 3-4 दिन में शुरू होनी थी, अब कम से कम एक हफ्ते तक टल सकती है।”

मालवा में बारिश से टली धान की कटाई किसान चिंतित कृषि विभाग ने दी सलाह


5.75 लाख एकड़ में बोई गई धान

बठिंडा ज़िले में करीब 5.75 लाख एकड़ भूमि पर धान की खेती की गई है। सिंह के अनुसार, “फसल की स्थिति सामान्य है, लेकिन बारिश से खेतों में पानी भर गया है। इसलिए ट्रैक्टर या कंबाइन हार्वेस्टर का इस्तेमाल फिलहाल संभव नहीं। अगर नमी कुछ दिनों में कम हो जाती है तो कटाई का काम फिर शुरू किया जा सकेगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक खरीफ फसलों में किसी बड़े नुकसान की रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन “यदि बारिश दोबारा हुई तो धान के पौधे झुक सकते हैं जिससे उपज पर असर पड़ेगा।”

CCI ने शुरू की खरीद, पर कपास में अधिक नमी

उधर, कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) ने 1 अक्टूबर से पंजाब के चार ज़िलों में कपास की खरीद शुरू की है। हालांकि रविवार तक कोई भी सरकारी खरीद नहीं हो पाई क्योंकि फसल में नमी की मात्रा अनुमेय सीमा 8% से कहीं अधिक, यानी 18–20% तक पाई गई।

निजी व्यापारी पहले ही लगभग तीन हफ्ते से कपास की खरीद कर रहे हैं, लेकिन वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने को तैयार नहीं हैं। कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि “जिन मंडियों में जांच की गई, वहां कपास में नमी औसतन 18-20% पाई गई, जिससे किसानों को दिक्कत आ रही है।”

किसानों की बढ़ी चिंता

किसानों का कहना है कि अगर बारिश कुछ और दिन जारी रही तो खेतों में खड़ी फसलें झुक जाएंगी और कटाई मुश्किल हो जाएगी। साथ ही, धान में नमी बढ़ने से उसे बेचने में भी समस्या आएगी।

मालवा क्षेत्र के किसान अब आसमान की ओर नज़रें टिकाए बैठे हैं, उम्मीद कर रहे हैं कि बारिश थमे और धूप निकले ताकि वे अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित निकाल सकें।

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