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लद्दाख में भड़का गुस्सा युवाओं ने BJP ऑफिस पर हमला और पुलिस वाहन में लगाई आग
राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा की मांग पर उग्र हुआ आंदोलन 6 अक्टूबर को केंद्र सरकार के साथ बैठक तय
लेह-लद्दाख में बीते बुधवार को हालात अचानक बिगड़ गए जब Gen-Z प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए। राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा की मांग कर रहे युवाओं का प्रदर्शन हिंसक हो गया। भीड़ ने न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दफ्तर पर हमला बोला, बल्कि वहां जमकर पत्थरबाजी भी की। हालात और बिगड़े जब एक पुलिस वाहन को आग के हवाले कर दिया गया।
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क्यों उबल रहा है लद्दाख?
लद्दाख के लोग लंबे समय से अपनी चार मुख्य मांगों को लेकर सरकार से बातचीत कर रहे हैं। इनमें राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची (Sixth Schedule) में शामिल करना, अलग लोक सेवा आयोग और दो संसदीय सीटें शामिल हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद उनकी स्वायत्तता कम हो गई और रोजगार के अवसर भी सीमित हो गए हैं।
6 अक्टूबर को बैठक
केंद्र सरकार ने हालात को देखते हुए लद्दाख के प्रतिनिधियों को 6 अक्टूबर को बैठक के लिए बुलाया है। हालांकि, प्रदर्शनकारी इसे बहुत देर से उठाया गया कदम मान रहे हैं। उनके अनुसार, बातचीत की प्रक्रिया बार-बार टल रही है, जिससे स्थानीय युवाओं में असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है।

सोनम वांगचुक की भूख हड़ताल
प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक बीते कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उनका कहना है कि जब तक लद्दाख के लोगों की आवाज़ नहीं सुनी जाएगी, तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे। हाल ही में उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उनके कुछ साथियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस घटना से भीड़ और ज्यादा उत्तेजित हो गई और गुस्से का इजहार सड़कों पर देखने को मिला।
महिलाओं की तबीयत बिगड़ी तो भड़का आंदोलन
प्रदर्शन के दौरान दो महिला कार्यकर्ताओं की तबीयत अचानक बिगड़ गई। जब उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया तो भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। गुस्से से बेकाबू भीड़ ने लेह हिल काउंसिल की इमारत पर भी पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके बाद प्रशासन को अतिरिक्त सुरक्षा बल बुलाना पड़ा।
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बढ़ती बेरोजगारी से असंतोष
लद्दाख के युवाओं के बीच बेरोजगारी का संकट भी बड़ा कारण है। हाल की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां लगभग 26% स्नातक बेरोजगार हैं। ऐसे में युवाओं की मांग है कि लद्दाख के लिए अलग लोक सेवा आयोग बने, ताकि स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता मिल सके।
आगे क्या?
फिलहाल प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस बल की संख्या बढ़ा दी है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अगर केंद्र सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है। सजाद कारगिली जैसे नेताओं ने भी अपील की है कि सरकार तत्काल संवाद शुरू करे और लद्दाख की मांगों को संवेदनशीलता के साथ पूरा करे।
