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Politics

कर्नाटक में सब कुछ ठीक नहीं सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की दिल्ली यात्रा ने बढ़ाई नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा

मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों एक साथ पहुंचे दिल्ली, कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात के मायनों पर सियासी अटकलें तेज

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Karnataka Politics: Siddaramaiah and DK Shivakumar's Delhi Visit Fuels CM Change Speculation | Dainik Diary
दिल्ली में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद कर्नाटक की राजनीति में फिर गरमाई सीएम चेहरा बदलने की चर्चा

क्या कर्नाटक कांग्रेस सरकार में अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार दोनों एक साथ दिल्ली दौरे पर पहुंच गए हैं। दोनों नेताओं की यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं, पार्टी के अंदर असंतोष की आहट, और अगले विधानसभा सत्र से पहले संगठनात्मक असमंजस दिख रहा है।

हालांकि दोनों नेताओं ने इसे आधिकारिक दौरा बताया है, लेकिन राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की खबरों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।

क्या फिर से ‘ढाई-ढाई साल’ फॉर्मूले की ओर?

2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की थी। लेकिन तभी से यह चर्चा चल रही थी कि मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच एक गुप्त समझौता हुआ है – जिसके तहत दोनों नेता 2.5-2.5 साल के लिए पद साझा करेंगे।

अब जब सरकार को एक साल से अधिक समय हो चुका है, और शिवकुमार के समर्थकों में बढ़ती बेचैनी देखी जा रही है, ऐसे में यह यात्रा सत्ता के बंटवारे की दूसरी किस्त के लिए दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखी जा रही है।

कांग्रेस आलाकमान की भूमिका और चुप्पी

दिल्ली में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात का उद्देश्य यदि सिर्फ संगठनात्मक समन्वय होता, तो यह यात्रा अलग-अलग भी हो सकती थी। लेकिन दोनों नेताओं का एक साथ दिल्ली पहुंचना यह संकेत देता है कि पार्टी आलाकमान अब इस “दो ध्रुवीय सत्ता” के समन्वय के लिए हस्तक्षेप करना चाहता है।

कांग्रेस हाईकमान की ओर से हालांकि अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन उनकी साइलेंस भी बहुत कुछ कह रही है

विपक्ष और जनता की नज़र

BJP और JDS जैसे विपक्षी दल इस यात्रा को लेकर सरकार पर हमलावर हैं। भाजपा प्रवक्ताओं ने सवाल उठाए हैं कि
“अगर सब कुछ ठीक है तो दोनों नेता एक साथ दिल्ली क्यों गए?”

जनता की ओर से भी यह सवाल उठ रहा है कि जब राज्य में बिजली संकट, सूखा राहत और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे सामने हैं, तब मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का एक साथ दिल्ली जाना किस बात का संकेत है?