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Asia Cup 2025 Final भारत पाकिस्तान मैच मैदान से बाहर भी मचा रहा हंगामा

एशिया कप 2025 का ऐतिहासिक फाइनल पहली बार भारत और पाकिस्तान के बीच, विवादों और कारोबारी खेल ने बढ़ाई गर्मी

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भारत बनाम पाकिस्तान एशिया कप 2025 फाइनल प्रतिद्वंद्विता विवाद और क्रिकेट का कारोबार

एशिया कप 2025 का फाइनल महज एक क्रिकेट मैच नहीं, बल्कि एक ऐसा मुकाबला है जिसने एशिया और दुनिया भर के करोड़ों क्रिकेटप्रेमियों का ध्यान खींच लिया है। भारत और पाकिस्तान पहली बार इस टूर्नामेंट के इतिहास में खिताबी भिड़ंत में आमने-सामने होंगे। क्रिकेट के लिहाज़ से यह रोमांचकारी होना चाहिए, लेकिन इसके इर्द-गिर्द कई विवाद और व्यावसायिक हित भी जुड़ गए हैं।

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पहली बार फाइनल में भारत-पाकिस्तान

पिछले चार दशकों में एशिया कप में कई यादगार पल आए, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ कि भारतीय टीम और पाकिस्तानी टीम सीधे फाइनल में भिड़ें। यह पहली बार है जब दोनों टीमें खिताब के लिए जंग लड़ेंगी। भारत का पलड़ा भारी माना जा रहा है क्योंकि उसने इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान को दो बार हराया है और एशिया कप इतिहास में भी उसका रिकॉर्ड 12-6 का है।

विवादों ने बढ़ाई गर्मी

इस एशिया कप के दौरान क्रिकेट से ज्यादा विवाद सुर्खियों में रहे।

  • गन सल्यूट और एयरप्लेन जेस्चर: सुपर-4 मुकाबले में पाकिस्तान के हैरिस रऊफ और साहिबजादा फर्खान ने भारत के खिलाफ कथित तौर पर भड़काऊ सेलिब्रेशन किए। ICC को भारत ने इसकी शिकायत दर्ज कराई है।
  • नो हैंडशेक विवाद: दो मैचों में खिलाड़ियों ने मैच के बाद हाथ मिलाने की परंपरा तोड़ी। यह खेलभावना के विरुद्ध माना जा रहा है।
भारत बनाम पाकिस्तान एशिया कप 2025 फाइनल प्रतिद्वंद्विता विवाद और क्रिकेट का कारोबार

  • पूर्व खिलाड़ियों की आलोचना: कई पूर्व क्रिकेटरों और विशेषज्ञों ने इन हरकतों को खेल का अपमान बताया है।

क्या क्रिकेट का स्तर गिरा?

रोचक बात यह है कि इस बार के एशिया कप को सांख्यिकीय रूप से कमजोर माना जा रहा है।

  • एकतरफा मुकाबले ज्यादा रहे।
  • बल्लेबाजी में लगातार ध्वस्त होती पारी ने रोमांच कम किया।
  • औसत रन रेट भी पिछले पांच सीजन से कम रहा।

यानी क्रिकेट की गुणवत्ता घटने के बावजूद भारत-पाकिस्तान की प्रतिद्वंद्विता ने टूर्नामेंट को जिंदा रखा।

कारोबारी पहलू

एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) और प्रसारकों के लिए भारत-पाकिस्तान मैच सोने की खान है।

  • दर्शक संख्या: इन मैचों के टीआरपी और ऑनलाइन व्यूज बाकी मुकाबलों से कई गुना ज्यादा रहे।
  • स्पॉन्सरशिप: विज्ञापनदाताओं ने प्रीमियम स्लॉट खरीदने के लिए दोगुनी कीमत चुकाई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक भारत-पाकिस्तान मैच की कमाई ग्रुप स्टेज के आधे राजस्व के बराबर है।
  • राजनीतिक और सांस्कृतिक असर: दोनों देशों का आमने-सामने आना खुद में एक राजनयिक और सांस्कृतिक घटना है।

फाइनल में क्या होगा अहम?

  • पाकिस्तान की गेंदबाजी बनाम भारत की टॉप ऑर्डर: शुरुआती विकेट ही पाकिस्तान का सहारा हैं।
  • भारत की बेंच स्ट्रेंथ: भारत के पास गहराई है, असफलता की भरपाई आसानी से कर सकता है।
  • दबाव झेलने की ताकत: यह मुकाबला स्किल से ज्यादा मानसिक दृढ़ता का इम्तिहान होगा।

ट्रॉफी से परे

यह फाइनल सिर्फ कप जीतने की जंग नहीं है। यह दिखाता है कि भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता कैसे विवादों, कारोबारी फायदे और सांस्कृतिक ताकत की वजह से क्रिकेट की सीमाओं से बाहर निकलकर एक ब्रांड बन चुकी है।

फैंस के लिए यह मुकाबला शायद यह तय न कर पाए कि कौन सी टीम बेहतर है, लेकिन यह जरूर साबित कर देगा कि आधुनिक क्रिकेट में भारत-पाकिस्तान भिड़ंत सिर्फ रन और विकेट से नहीं, बल्कि उसकी कीमत और असर से भी आंकी जाती है।

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