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ट्रम्प सरकार का बड़ा बयान कहा भारत को सज़ा नहीं देना चाहते लेकिन रूसी तेल खरीद पर रोक ज़रूरी

अमेरिका ने भारत पर लगाया 50% टैरिफ ट्रंप प्रशासन ने कहा रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए भारत से सहयोग की उम्मीद

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ट्रम्प सहयोगी बोले अमेरिका भारत को सज़ा नहीं देना चाहता लेकिन रूसी तेल आयात पर रोक लगाए
अमेरिका का बड़ा संदेश रूस से सस्ता तेल खरीदने पर भारत को चेतावनी लेकिन सहयोग का भी भरोसा

अमेरिका और भारत के रिश्तों के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध एक बड़ा विवादित मुद्दा बना हुआ है। अमेरिकी ऊर्जा सचिव क्रिस राइट (Chris Wright) न्यूयॉर्क में दिए एक बयान में कहा कि अमेरिका भारत को सज़ा देना नहीं चाहता, लेकिन चाहता है कि नई दिल्ली रूस से सस्ता तेल खरीदना बंद करे।

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“भारत को सज़ा नहीं देना चाहते”

क्रिस राइट ने कहा, “हम भारत को दंडित नहीं करना चाहते। हमारा मकसद रूस पर दबाव डालकर युद्ध को खत्म करना है और साथ ही भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को बढ़ाना है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि अमेरिका भारत को एक अहम ऊर्जा सहयोगी मानता है और दोनों देशों के बीच गैस, कोयला, न्यूक्लियर और अन्य ईंधनों पर साझेदारी की अपार संभावनाएं हैं।

ट्रंप प्रशासन का बड़ा फैसला

यह बयान उस समय आया है जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारतीय आयात पर 50% तक टैरिफ लगा दिए हैं। इनमें से 25% टैरिफ सीधे तौर पर भारत की रूसी तेल खरीद से जुड़े हैं। ट्रंप ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीदकर अप्रत्यक्ष रूप से मॉस्को को यूक्रेन में युद्ध के लिए फंड मुहैया करा रहा है।

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“अमेरिकी तेल खरीदें”

क्रिस राइट ने सुझाव दिया कि भारत को रूसी तेल की जगह अमेरिकी या अन्य देशों से तेल खरीदना चाहिए। उन्होंने कहा, “दुनिया में कई तेल निर्यातक हैं। भारत को सिर्फ रूस से तेल खरीदने की ज़रूरत नहीं है। अमेरिका के पास भी पर्याप्त तेल है और हम चाहते हैं कि भारत हमारे साथ काम करे।”

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिकी चिंता

अमेरिका का मानना है कि रूस के तेल की बड़ी खेप भारत, चीन और तुर्किये को जा रही है, जिससे युद्ध को फंड मिल रहा है। राइट ने कहा, “हम सब चाहते हैं कि यह युद्ध जल्द खत्म हो। राष्ट्रपति ट्रंप की प्राथमिकता है कि इस संघर्ष का अंत हो और इससे भारत-अमेरिका के रिश्तों में आ रही रुकावट भी दूर हो।”

भारत की ऊर्जा ज़रूरतें

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। विशेषज्ञ मानते हैं कि नई दिल्ली रूस से सस्ते दामों पर तेल खरीदकर अपनी ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करता है। लेकिन अमेरिका चाहता है कि भारत अपनी रणनीति बदलकर पश्चिमी देशों के साथ ऊर्जा सहयोग बढ़ाए।

जयशंकर से मुलाकात

क्रिस राइट ने बताया कि उन्होंने जनवरी में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी और दोनों के बीच ऊर्जा सहयोग और रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा, “भारत और अमेरिका दोनों ही रचनात्मक समाधान ढूंढना चाहते हैं, लेकिन मुश्किल यह है कि रूस का तेल कहां जाता है। यही friction पैदा करता है।”

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