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हुंडई ने टाटा को पछाड़ा अगस्त 2025 में 60,501 यूनिट्स की बिक्री से मारी बाज़ी
अगस्त 2025 में हुंडई की बिक्री 60,501 यूनिट्स रही, टाटा मोटर्स को पीछे छोड़ कंपनी ने घरेलू और निर्यात दोनों मोर्चों पर दर्ज की बड़ी बढ़त।

भारत का ऑटोमोबाइल बाज़ार हर महीने नई प्रतिस्पर्धा और नए आंकड़ों का गवाह बन रहा है। अगस्त 2025 में हुंडई मोटर इंडिया ने अपनी मजबूत पकड़ दिखाते हुए टाटा मोटर्स को पीछे छोड़ दिया। कंपनी ने कुल 60,501 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की, जबकि टाटा मोटर्स की बिक्री 43,315 यूनिट्स पर सिमट गई।
घरेलू और निर्यात दोनों मोर्चों पर मजबूती
हुंडई ने अगस्त महीने में 44,001 यूनिट्स घरेलू बाज़ार में बेचीं, वहीं 16,500 यूनिट्स का निर्यात किया। यह आंकड़े जुलाई 2025 के 60,073 यूनिट्स की तुलना में एक मजबूत रिकवरी को दर्शाते हैं। खास बात यह रही कि साल-दर-साल आधार पर अगस्त 2025 में कंपनी के निर्यात में 21% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

‘मेक-इन-इंडिया’ से जुड़ी हुंडई की राह
जनवरी से अगस्त 2025 तक हुंडई ने भारत से कुल 1,18,840 यूनिट्स निर्यात किए हैं। यह प्रदर्शन दर्शाता है कि कंपनी भारत को एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के अपने लक्ष्य पर मजबूती से आगे बढ़ रही है। कंपनी के डायरेक्टर और COO तरुण गर्ग ने कहा, “भारत को हम सिर्फ एक घरेलू बाज़ार ही नहीं, बल्कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए रणनीतिक मैन्युफैक्चरिंग बेस मानते हैं। हमारा उद्देश्य है कि भारत को दक्षिण कोरिया के बाहर सबसे बड़ा एक्सपोर्ट हब बनाया जाए।”
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टाटा मोटर्स पर बढ़त
जहां टाटा मोटर्स की अगस्त 2025 की बिक्री 7% कम होकर 43,315 यूनिट्स पर आ गई, वहीं हुंडई ने अपनी प्रोडक्ट स्ट्रेटेजी और मजबूत सप्लाई चेन के दम पर बिक्री बढ़ाई। एसयूवी सेगमेंट में क्रेटा और वर्ना जैसी कारें कंपनी की रीढ़ साबित हो रही हैं।

वित्तीय मजबूती का सबूत
सिर्फ बिक्री ही नहीं, बल्कि वित्तीय मोर्चे पर भी हुंडई ने भरोसा कायम रखा है। हाल ही में CRISIL Limited ने कंपनी को AAA/Stable रेटिंग दी है। यह दर्शाता है कि कंपनी वित्तीय अनुशासन, बेहतर प्रदर्शन और जोखिम प्रबंधन में शीर्ष स्तर पर है।
भविष्य की राह
हुंडई का फोकस अब भारत में अपनी निवेश योजनाओं को और आगे बढ़ाने पर है। कंपनी ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को मजबूत करने के साथ-साथ वैश्विक बाज़ारों में अपनी पैठ गहरी करने की दिशा में काम कर रही है। एक्सपोर्ट में लगातार बढ़ोतरी और घरेलू बिक्री में स्थिरता इस बात का संकेत है कि हुंडई आने वाले महीनों में भी भारतीय ऑटो सेक्टर में शीर्ष दावेदार बनी रहेगी।
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