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Hanumangarh

हनुमानगढ़ में फंदे पर लटकी मिली लिव‑इन महिला: पूजा रानी की मौत ने खड़ा किया युवाओं के ‘जीवन विकल्प’ का सवाल

हरियाणा छोड़कर प्रेमी के साथ रही पूजनगर में, दो साल बाद संदिग्ध हालात में हुई मृत्यु—परिवार पुलिस से मांग रहा न्याय

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हनुमानगढ़ (राजस्थान):
हनुमानगढ़ जिले की कुंजा कॉलोनी में रविवार की रात एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। यहाँ रहने वाली पूजा रानी (कर्नाल, हरियाणा मूल निवासी) का शव कमरे में फंदे से लटका मिला। पूजा पिछले दो साल से अपने प्रेमी परमजीत के साथ लिव‑इन रिलेशनशिप में रह रही थी। इस घटना ने न केवल रोमांटिक रिश्तों की स्वीकार्यता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि सवाल बने हैं—क्या यह आत्महत्या थी या हत्या का चेहरा?


🔍 घटना की तत्‍कालीन जानकारी

  • पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और फंदे की स्थिति, खून और चोट के निशान को खंगाला।
  • प्रेमी परमजीत को हिरासत में लिया गया है, लेकिन उसने केवल इतना कहा कि पूजा ने खुद फांसी लगा ली थी newstak.in
  • गर्दन पर गहरे निशान पाए गए, जिससे हत्या की आशंका बलवती हो गई है।

💔 प्रेम‑परिवार के बीच उलझा मामला

पूजा की शादी पहले हो चुकी थी और उसके तीन छोटे बच्चे भी हैं। लेकिन दो साल पहले उन्होंने अपनी ज़िंदगी में नया मोड़ लिया—हरियाणा छोड़कर प्रेमी के साथ राजस्थान आ गईं।

परिवार ने हालांकि कुछ भी कहने में संकोच नहीं किया। पिता‑परिवार इसे आत्महत्या का मामला मानने को तैयार नहीं हैं।


👁️ पुलिस जांच में तेजी

हनुमानगढ़ जंक्शन पुलिस स्टेशन के प्रभारी लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने बताया कि यह मामला संदिग्ध है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की सच्चाई सामने आएगी newstak.in

पुलिस ने प्रेमी से कड़ी पूछताछ शुरू कर दी है और दोनों परिवारों से जानकारी जुटा रही है।


🕯️ सामाजिक और कानूनी चुनौतियाँ

यह घटना उन लिव‑इन रिलेशनशिप वाले युवा जोड़ों में उठ रहे सवालों की एक नई लकीर खींचती है—क्या परिवार और समाज की निगाहों में अस्वीकार्यता निराशा का कारण बन सकती है?

यदि यह आत्महत्या है, तो यह हमें पुष्ट करता है कि मानसिक स्वास्थ्य संकट को सामान्य रिश्तों में भी गंभीरता से लेना जरूरी है।


👥 गांव‑समाज में तालियां नहीं, सवाल उठे

ग्रामीण और समाज जुड़ाव की इस घटना पर अलग‑अलग प्रतिक्रिया दिखा रहे हैं:

  • कुछ लिख रहे हैं कि जहां प्यार की स्वीकृति न हो, वहां का जीवन संकोच और आशंकाओं से घिरा हो सकता है।
  • वहीं, पारंपरिक सोच से जुड़ी महिलाएं कह रही हैं कि समाज में असामाजिक बर्ताव हानिकारक हो सकता है।
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