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GoKwik को मिला $13 मिलियन का छोटा निवेश, लेकिन वैल्यूएशन में जबरदस्त छलांग – जानिए कैसे?

महज चार साल पुरानी इस भारतीय स्टार्टअप ने दिखाया बड़ा दम, D2C मार्केट को बदल रहा है GoKwik का AI और WhatsApp आधारित कॉमर्स मॉडल।

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GoKwik को $13 मिलियन की फंडिंग, 43% बढ़ा वैल्यूएशन – जानिए विस्तार से
GoKwik की टीम भारत से लेकर यूरोप तक D2C कॉमर्स में ला रही है डिजिटल क्रांति

भारत की उभरती ई-कॉमर्स स्टार्टअप इंडस्ट्री में GoKwik ने एक और बड़ा मुकाम हासिल किया है। नई दिल्ली स्थित इस स्टार्टअप ने हाल ही में $13 मिलियन (करीब 108 करोड़ रुपये) की फंडिंग जुटाई है, जिसे कंपनी ने “Growth Round” नाम दिया है। हालांकि यह राशि पिछले सीरीज़-B राउंड ($35 मिलियन) से छोटी है, लेकिन इस राउंड के बाद GoKwik का वैल्यूएशन सीधे 43% बढ़कर $450 मिलियन हो गया है।

ई-कॉमर्स सॉल्यूशन प्रदान करने वाली इस कंपनी की सबसे बड़ी ताकत है—उसकी AI आधारित सुइट प्रोडक्ट्स, जो Shopify, WooCommerce, Magento, और Salesforce जैसे प्लेटफॉर्म्स के साथ काम करते हैं। यही वजह है कि अब GoKwik के साथ Lenskart, Honasa Consumer, Lakmé, Pepe Jeans जैसे दिग्गज ब्रांड भी जुड़ चुके हैं।

The Gurugram-based startup, जो अब तक कुल $68 मिलियन की फंडिंग हासिल कर चुकी है, छोटे-बड़े ब्रांड्स को D2C यानी Direct-to-Consumer सेगमेंट में तेज़ी से प्रवेश दिलाने में सक्षम है। इसका KwikEngage प्रोडक्ट, खास तौर पर WhatsApp कॉमर्स पर फोकस करता है — एक ऐसा प्लेटफॉर्म जो भारत, यूरोप और ब्राज़ील जैसे देशों में तेज़ी से अपनाया जा रहा है।


GoKwik के सह-संस्थापक और CEO चिराग तनेजा का दावा है कि उनकी कंपनी के ग्राहक औसतन दो या उससे अधिक प्रोडक्ट्स लेते हैं क्योंकि उनके समाधान एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। जैसे कि अगर आप उनकी लॉगिन सेवा का इस्तेमाल करते हैं, तो उसे KwikEngage से जोड़कर WhatsApp पर बेहतर रीटारगेटिंग की जा सकती है।

यह रणनीति रंग ला रही है—कंपनी का वार्षिक राजस्व (ARR) $30 मिलियन पार कर चुका है और कंपनी अब तक $2 बिलियन की GMV (संपूर्ण बिक्री मूल्य) प्रोसेस कर चुकी है। इसमें से 55% लेन-देन प्रीपेड मोड में और बाकी कैश ऑन डिलीवरी के ज़रिये हुआ है। सबसे खास बात यह है कि इन प्रीपेड भुगतान में से 80% भारत सरकार के UPI प्लेटफॉर्म के ज़रिए हुए हैं।

GoKwik की अगली योजना अब वैश्विक बाजारों में विस्तार करने की है। कंपनी जर्मनी, फ्रांस और ब्राजील जैसे देशों में WhatsApp-केंद्रित कॉमर्स को और मजबूत करना चाहती है। इसके अलावा, यह AI टेक्नोलॉजी को और गहरा बनाना चाहती है, जिसमें AI कॉलिंग जैसी सुविधाएं पहले से ही मौजूद हैं।

कंपनी का इरादा है कि वह अगले 18 महीनों में प्रॉफिटेबल बन जाए और 3 से 5 सालों के भीतर IPO लाने की दिशा में कदम बढ़ाए। वर्तमान में GoKwik के पास 400 कर्मचारियों की टीम है, जिनमें से अधिकांश गुरुग्राम और बेंगलुरु में कार्यरत हैं।

एक ऐसे समय में जब अधिकांश स्टार्टअप्स निवेश के लिए संघर्ष कर रहे हैं, GoKwik का यह विकास यह दर्शाता है कि भारत में टेक्नोलॉजी और D2C इकोसिस्टम तेजी से बदलाव की राह पर है।

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