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एक ही दिन में कई त्रासदियाँ केन्या हिंसा अमेरिका में खसरा और मिस्र सड़क हादसा बना मौत का कारण
दुनिया भर में एक के बाद एक झकझोर देने वाली घटनाएं – केन्या में विरोध प्रदर्शन में 19 की मौत, अमेरिका-कनाडा में खसरे के मामले 3,000 पार और मिस्र में सड़क हादसे में 14 साल की बच्चियों समेत 19 की दर्दनाक मौत

दुनिया भर में इस हफ्ते कई घटनाओं ने मानवता को हिला कर रख दिया। अफ्रीका से लेकर उत्तर अमेरिका तक और मध्य पूर्व से लेकर मिस्र की सड़कों तक, मौत और त्रासदी की तस्वीरें उभरकर सामने आईं हैं।
केन्या में विरोध प्रदर्शन बना खूनी संघर्ष
केन्या में सरकार के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों ने उग्र रूप ले लिया है। ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक कम से कम 19 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 15 लोग लापता बताए जा रहे हैं। प्रदर्शनकारी टैक्स बढ़ोतरी और युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे। नैरोबी और अन्य शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें लगातार जारी हैं।
अमेरिका में खसरा बना राष्ट्रीय चिंता
दूसरी ओर, अमेरिका में खसरा के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। CDC (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, 2025 में अब तक 1,227 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। मिशिगन में दूसरी बार संक्रमण फैलने की पुष्टि हुई है, जबकि न्यू मैक्सिको के एक जेल में भी खसरे का प्रकोप फैल गया है। वहीं, कनाडा के ओंटारियो में 2,212 और अलबर्टा में 1,122 केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें एक नवजात की मौत भी शामिल है।
गाज़ा में मानवीय सहायता पर मौत का साया
संयुक्त राष्ट्र ने अमेरिका और इज़राइल समर्थित सहायता वितरण प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, गाज़ा में सहायता पाने की कोशिश में कई नागरिक मारे गए हैं। हालांकि, GHF (Gaza Humanitarian Foundation) और इज़राइली सेना ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। लेकिन स्थानीय चश्मदीदों का कहना है कि भुखमरी की कगार पर पहुंचे लोग सहायता शिविरों के पास मारे जा रहे हैं।
मिस्र की सड़कों पर मजदूरी के लिए निकली बच्चियों की मौत
मिस्र में शुक्रवार को एक दर्दनाक सड़क हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई। यह हादसा तब हुआ जब एक ट्रक ने किशोर बालिकाओं से भरी मिनीबस को टक्कर मार दी। ये सभी बच्चियां मजदूरी के लिए गांव से शहर जा रही थीं। Al-Ahram की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों में दो लड़कियाँ केवल 14 वर्ष की थीं। स्थानीय मीडिया ने उन्हें “रोटी की शहीदें” करार दिया है।
दैनिक डायरी का विश्लेषण:
इन घटनाओं से साफ है कि चाहे विकसित देश हों या विकासशील, मानव जीवन की असुरक्षा, स्वास्थ्य संकट और प्रशासनिक विफलता हर जगह मौजूद है। यह समय है जब वैश्विक स्तर पर मानवीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है – सड़क से संसद तक और सीलिंग से सीमाओं तक।