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Meta को देना होगा न्यूज पब्लिशर्स को पैसा! यूरोपीय अदालत के सलाहकार ने इटली के पक्ष में सुनाया फैसला
Facebook की पैरेंट कंपनी Meta को झटका, EU की टॉप कोर्ट में इटली की पब्लिशर्स फीस नीति को बताया वैध

यूरोप में डिजिटल मीडिया और बड़ी टेक कंपनियों के बीच चल रहे अधिकारों और राजस्व को लेकर खींचतान अब एक नए मोड़ पर पहुंच गई है। Meta Platforms (Facebook की पैरेंट कंपनी) और इटली की कम्युनिकेशन अथॉरिटी AGCOM के बीच चल रहे विवाद में यूरोपीय संघ की टॉप अदालत के सलाहकार ने इटली के पक्ष में राय दी है।
यह फैसला उन देशों के लिए बड़ा संकेत है जो चाहते हैं कि बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स, जैसे कि Meta, Google आदि, स्थानीय न्यूज पब्लिशर्स को उनके कंटेंट के उपयोग के लिए भुगतान करें।
क्या है मामला?
Meta पर आरोप है कि वह इटली के न्यूज पब्लिशर्स की खबरों के स्निपेट्स (News Snippets) को Facebook और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर बिना शुल्क के उपयोग कर रहा है। इटली की एजेंसी AGCOM ने Meta से इन कंटेंट के लिए फीस की मांग की थी। इस पर Meta ने आपत्ति जताई और मामला European Court of Justice (CJEU) तक पहुंच गया।
Meta का तर्क था कि यह इटली का नियम EU के कॉपीराइट कानून का उल्लंघन करता है। लेकिन कोर्ट के एडवोकेट जनरल माचेज स्प्ज़नर ने स्पष्ट किया कि:
EU ने पब्लिशर्स को सिर्फ यह अधिकार नहीं दिया कि वे भुगतान के बिना कंटेंट रोक सकें, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि सदस्य देश पब्लिशर्स के हितों की रक्षा के लिए अपनी नीति बना सकते हैं, जब तक वह अनुबंध की स्वतंत्रता का उल्लंघन न करें।
अनुबंध की स्वतंत्रता और डिजिटल अधिकार
इस मामले में कोर्ट की राय यह रही कि जब तक किसी देश का नियम फ्रीडम ऑफ कॉन्ट्रैक्ट (अनुबंध की स्वतंत्रता) को बाधित नहीं करता, तब तक वह स्थानीय समाचार संगठनों की रक्षा के लिए कानून लागू कर सकता है।
यह टिप्पणी पूरे यूरोप में डिजिटल कंटेंट को लेकर चल रही बहस के लिए प्रेरणास्रोत बन सकती है, क्योंकि कई देश Google और Meta जैसी कंपनियों से रेवेन्यू शेयरिंग की मांग कर रहे हैं।
ग्लोबल टेक कंपनियों के लिए नई चेतावनी
यह फैसला सिर्फ Meta के लिए नहीं, बल्कि उन सभी वैश्विक तकनीकी दिग्गजों के लिए चेतावनी है जो न्यूज़ पब्लिशर्स के कंटेंट का लाभ तो उठाते हैं लेकिन उनके लिए कोई भुगतान नहीं करते
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Huawei ने लॉन्च किया दुनिया का पहला स्विचेबल टेलीफोटो कैमरा’ फोन – Pura 80 Ultra
तीन कैमरों के गेम में हुवावे ने मचाई हलचल, अब 9.7x ऑप्टिकल ज़ूम के साथ आएगा दुनिया का सबसे बड़ा टेलीफोटो सेंसर

Huawei एक बार फिर स्मार्टफोन फोटोग्राफी की दुनिया में बड़ा धमाका करने को तैयार है। चीनी टेक कंपनी ने हाल ही में अपना नया फ्लैगशिप डिवाइस Huawei Pura 80 Ultra लॉन्च किया है, जो दुनिया का पहला ऐसा स्मार्टफोन है जिसमें दो स्विचेबल टेलीफोटो लेंस एक के ऊपर एक स्टैक किए गए हैं।
अब तक Huawei की अधिकांश डिवाइसेज़ सिर्फ चीन तक सीमित रहती थीं, लेकिन इस बार Pura 80 Ultra को ग्लोबल मार्केट में भी उतारा जा रहा है, जिससे इसकी लोकप्रियता और मुकाबला दोनों ही बढ़ने वाले हैं।
कैमरा सेटअप: अब हर शॉट होगा सिनेमैटिक!
Huawei Pura 80 Ultra की सबसे बड़ी खासियत है इसका ट्रायंगल-शेप्ड कैमरा आइलैंड और इसके भीतर छिपा हुआ शानदार हार्डवेयर:
- 50MP 1-inch RYYB मेन सेंसर
- 40MP अल्ट्रा-वाइड लेंस
- 1.5MP स्पेक्ट्रल सेंसर – कलर एक्युरेसी बढ़ाने के लिए
- और सबसे खास – 50MP टेलीफोटो लेंस जो दो ज़ूम मोड्स ऑफर करता है:
- 3.7x ऑप्टिकल ज़ूम
- 9.7x मोटराइज्ड पेरिस्कोप ज़ूम
हालांकि Galaxy S23 Ultra में 10x ज़ूम उपलब्ध था, लेकिन Huawei ने इससे कहीं बड़ा सेंसर इस्तेमाल किया है, जो क्वालिटी में भारी फर्क ला सकता है।
डिस्प्ले और डिज़ाइन: क्लास और क्लैरिटी का कॉम्बो
Huawei ने फोन के फ्रंट में 6.8 इंच का LTPO OLED डिस्प्ले दिया है, जिसमें 120Hz रिफ्रेश रेट और 3000 निट्स की पीक ब्राइटनेस है। इससे सूरज की रोशनी में भी स्क्रीन साफ और ब्राइट नज़र आती है।
डिज़ाइन की बात करें तो फोन के रियर कैमरा मॉड्यूल का यूनिक ट्रायंगल शेप इसे बाकी स्मार्टफोन्स से अलग बनाता है।
चिपसेट पर सस्पेंस बरकरार
Huawei ने फिलहाल यह साफ नहीं किया है कि इस फोन में कौन सा प्रोसेसर लगा है, लेकिन तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें कंपनी का इन-हाउस डिवेलप्ड Kirin 9020 चिपसेट हो सकता है।
चीन से ग्लोबल तक: Huawei की रणनीति में बदलाव
Pura 80 Ultra को चीन से बाहर लॉन्च करना Huawei की रणनीति में बड़ा बदलाव है। कंपनी का मकसद अब सिर्फ स्थानीय नहीं, ग्लोबल फ्लैगशिप सेगमेंट में मुकाबला करना है — चाहे वह Samsung हो या Apple।
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Samsung Galaxy S25 Edge रिव्यू: पतल हल्का और भविष्य की झलक देने वाला स्मार्टफोन
Galaxy S25 Edge सिर्फ एक फोन नहीं, बल्कि स्मार्टफोन डिज़ाइन की अगली क्रांति का संकेत है — Samsung का अब तक का सबसे स्टाइलिश और प्रोग्रेसिव डिवाइस

Samsung ने हमेशा स्मार्टफोन टेक्नोलॉजी को एक कदम आगे ले जाने की कोशिश की है, लेकिन इस बार Galaxy S25 Edge के साथ कंपनी ने सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि डिज़ाइन फिलॉसफी में भी बदलाव लाया है। यह फोन न केवल देखने में प्रीमियम है, बल्कि इसे पकड़ते ही यह एहसास होता है कि आप भविष्य के किसी डिवाइस को हाथ में लिए हुए हैं।
Galaxy S25 Edge को पहली बार इस्तेमाल करते समय यह बिल्कुल वैसा ही अनुभव देता है जैसा फैशन की दुनिया में कोको शनेल की वापसी के समय महसूस हुआ था — कुछ ऐसा जो जाना-पहचाना भी है, और फिर भी पूरी तरह नया और साहसी।
डिज़ाइन: पतलेपन की नई परिभाषा
Galaxy S25 Edge शायद अब तक का सबसे पतला और हल्का फ्लैगशिप स्मार्टफोन है। इसका एल्यूमिनियम और ग्लास का कॉम्बिनेशन इसे प्रीमियम लुक देता है, लेकिन साथ ही यह बेहद पोर्टेबल भी है। इसका कर्व्ड एज डिज़ाइन और शार्प फिनिश इसे बाकी स्मार्टफोन्स से अलग बनाता है।
परफॉर्मेंस और इंटरनल्स
Samsung ने इसमें नया Exynos 2500 या Snapdragon 8 Gen 4 चिपसेट (बाज़ार क्षेत्र के अनुसार) दिया है, जो इसे न सिर्फ तेज बनाता है, बल्कि मल्टीटास्किंग, गेमिंग और वीडियो एडिटिंग जैसे टास्क्स में भी फ्लूड एक्सपीरियंस देता है।
- डिस्प्ले: 6.8-इंच AMOLED QHD+
- रिफ्रेश रेट: 120Hz
- बैटरी: 4,500 mAh (Super Fast Charging सपोर्ट के साथ)
- कैमरा: 200MP मेन सेंसर, 12MP अल्ट्रावाइड, 10MP टेलीफोटो
कैमरा जो ब्रांड एम्बेसडर बन गया है
Samsung ने जिस तरह से इस फोन के कैमरा सेटअप को पॉलिश किया है, वह इसे केवल एक फीचर नहीं बल्कि एक स्टेटमेंट बना देता है। लो लाइट परफॉर्मेंस से लेकर 8K वीडियो रिकॉर्डिंग तक, हर शॉट में Galaxy S25 Edge आपको प्रोफेशनल आउटपुट देता है।
स्टाइल + टेक्नोलॉजी = Galaxy S25 Edge
यह फोन सिर्फ एक डिवाइस नहीं है, बल्कि Samsung की ओर से एक डिज़ाइन स्टेटमेंट है। जिस तरह कोको शनेल अपनी क्रिएशन की सबसे बड़ी ब्रांड एम्बेसडर थीं, उसी तरह Galaxy S25 Edge भी अपने आप में Samsung ब्रांड की पहचान बन रहा है।
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भारत की Vertical AI स्टार्टअप्स का बड़ा दांव – एंटरप्राइज टेक्नोलॉजी में लाएंगी अगला क्रांति
VIBE50 रिपोर्ट में शामिल 50 भारतीय स्टार्टअप्स अब हेल्थकेयर से लेकर फाइनेंस तक AI को गहराई से इंटिग्रेट करने में जुटे हैं

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब सिर्फ चैटबॉट या इमेज जनरेशन टूल तक सीमित नहीं रह गई है। भारत में अब एक नई लहर शुरू हो चुकी है — Vertical AI Startups की, जो उद्योगों की जड़ों तक पहुंचकर उनके लिए विशेष समाधान विकसित कर रही हैं।
VIBE50 रिपोर्ट, जो हाल ही में जारी हुई है, इसमें 50 उभरती हुई भारतीय Vertical AI स्टार्टअप्स को सूचीबद्ध किया गया है। इन कंपनियों का लक्ष्य एक सामान्य AI नहीं, बल्कि उद्योग-विशेष समस्याओं का हल निकालना है। चाहे बात हेल्थकेयर की हो, फाइनेंशियल सर्विसेज की, लॉजिस्टिक्स की या मैन्युफैक्चरिंग की — ये स्टार्टअप्स अब AI को बिज़नेस वर्कफ़्लो में गहराई से इंटिग्रेट करने पर फोकस कर रही हैं।
क्या है Vertical AI और क्यों है यह खास?
Vertical AI का मतलब है किसी खास उद्योग के लिए तैयार की गई AI प्रणाली, जो उस क्षेत्र की चुनौतियों और ज़रूरतों को बारीकी से समझती है। उदाहरण के लिए:
- हेल्थकेयर में रोग की भविष्यवाणी के लिए विशेष AI टूल
- फाइनेंस में जोखिम मूल्यांकन और धोखाधड़ी रोकथाम की ऑटोमेटेड प्रणाली
- लॉजिस्टिक्स में ट्रैकिंग, रूट ऑप्टिमाइज़ेशन और सप्लाई चेन प्रेडिक्शन
ये सब ऐसे समाधान हैं जो किसी एक सेक्टर के लिए गहराई से डिज़ाइन किए गए हैं — और यही इस ट्रेंड को Horizontal AI से अलग बनाता है।
भारत के स्टार्टअप्स क्यों हैं तैयार?
भारत में AI को लेकर स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से परिपक्व हो रहा है। VIBE50 में शामिल स्टार्टअप्स न सिर्फ तकनीकी रूप से मजबूत हैं, बल्कि उनके फाउंडर्स गहरी डोमेन एक्सपर्टीज़ भी रखते हैं।

कई कंपनियाँ पहले ही पायलट लेवल पर अपने AI टूल्स को बड़े एंटरप्राइजेज के साथ टेस्ट कर चुकी हैं। हालांकि बड़ी कंपनियाँ अभी थोड़ा सतर्क हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि Vertical AI आने वाले वर्षों में एंटरप्राइज टेक्नोलॉजी का बड़ा स्तंभ बनने जा रहा है।
किन उद्योगों में हो रहा सबसे तेज़ विस्तार?
VIBE50 रिपोर्ट के अनुसार, जिन 12 सेक्टर्स में Vertical AI स्टार्टअप्स सबसे अधिक सक्रिय हैं, उनमें शामिल हैं:
- हेल्थकेयर
- बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज
- मैन्युफैक्चरिंग
- लॉजिस्टिक्स
- रिटेल
- एडटेक
- एग्रीटेक
- फार्मास्युटिकल्स
- एनर्जी और क्लाइमेट
- मीडिया और एंटरटेनमेंट
- गवर्नमेंट टेक
- इंश्योरेंस
निष्कर्ष:
भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में Vertical AI एक निर्णायक मोड़ ला सकता है। जहां एक ओर ग्लोबल कंपनियाँ अभी इस क्षेत्र में प्रयोग कर रही हैं, वहीं भारत के युवा उद्यमी तेजी से AI को इंडस्ट्री के डीएनए में उतारने का काम कर रहे हैं।
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