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3 लाख करोड़ के Eternal सपने ने किया बाजार को दो फाड़ FII पीछे हटे लेकिन DII ने दिखाई हिम्मत

Eternal के 3 ट्रिलियन वैल्यूएशन ने FII को डराया लेकिन DII को दिखा ग्रोथ का सुनहरा मौका

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Eternal के 3 लाख करोड़ के सपने से डरा FII लेकिन DII को दिखा अवसर
Eternal के 3 लाख करोड़ के वैल्यूएशन ने FII को डराया लेकिन DII को दिखी ग्रोथ की संभावना

भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की चमकती हुई कंपनी Eternal Ltd आज हर निवेशक की जुबान पर है, लेकिन इसके 3 लाख करोड़ INR के मार्केट कैप ने शेयर बाजार को साफ तौर पर दो भागों में बांट दिया है। जहां एक ओर Foreign Institutional Investors (FIIs) लगातार अपनी हिस्सेदारी घटा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर Domestic Institutional Investors (DIIs) इस डिजिटल ग्रोथ स्टोरी पर बड़ा दांव लगा रहे हैं।

Eternal का मार्केट कैप अब Tata Motors, ONGC और Wipro जैसी दिग्गज कंपनियों से भी अधिक हो गया है, लेकिन इसका बिजनेस मॉडल अब तक स्थिर मुनाफे की ओर नहीं बढ़ पाया है।


FII की सतर्कता: ग्रोथ के नाम पर ओवरहीटिंग?

पिछले 12 क्वार्टर में FIIs ने Eternal में अपनी हिस्सेदारी 58% से घटाकर 42% कर दी है। इसका प्रमुख कारण है कंपनी के वैल्यूएशन का 9x सेल्स से अधिक होना, जबकि इसके मुकाबले वैश्विक कंपनियाँ जैसे DoorDash, Meituan और Delivery Hero कहीं कम मल्टीपल पर ट्रेड कर रही हैं और उनके पास मुनाफे की बेहतर स्पष्टता है।

Dolat Capital के रिसर्च हेड Amit Khurana के अनुसार, “कई बड़े संस्थागत निवेशक इतनी कीमत इसलिए नहीं देना चाहते क्योंकि Eternal का बिजनेस अभी भी नेगेटिव फ्री कैश फ्लो दिखाता है और उसे लगातार लागत संबंधी दबावों का सामना करना पड़ रहा है।”

DII का भरोसा: भविष्य की दुकानें और डिजिटल उपभोक्ता

इसके उलट, भारतीय संस्थागत निवेशकों का Eternal पर भरोसा बढ़ता जा रहा है। DII की हिस्सेदारी सिर्फ 6% से बढ़कर 26.5% हो चुकी है। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि भारतीय निवेशक Eternal को सिर्फ वर्तमान प्रदर्शन से नहीं, बल्कि इसके लंबे समय के उपभोक्ता वर्चस्व के नजरिए से देख रहे हैं।

इस भरोसे की वजह बनी है Eternal की डिलीवरी इकाई Blinkit, जिसने Q1FY26 में 155% YoY GOV ग्रोथ दर्ज की और कंपनी के प्रबंधन का दावा है कि वर्ष के अंत तक वह 2,000 स्टोर्स खोल सकती है।

3 लाख करोड़ के Eternal सपने ने किया बाजार को दो फाड़ FII पीछे हटे लेकिन DII ने दिखाई हिम्मत


मगर हकीकत कुछ और कहती है?

हालांकि, कई विश्लेषक मानते हैं कि Eternal के वैल्यूएशन उसके बुनियादी प्रदर्शन से कहीं आगे निकल चुके हैं।

Vikas Gupta, जो Omniscience Capital के प्रमुख हैं (और कंपनी में कोई पोजीशन नहीं रखते), का कहना है कि “अगर आप Tier 3 और Tier 4 शहरों में विस्तार कर रहे हैं, जहाँ क्रय शक्ति कम है और मार्जिन पतले हैं, तो Eternal का ‘प्रॉफिटेबल ग्रोथ’ वाला दौर शायद पहले ही गुजर चुका है।”

Eternal की रणनीति: ग्रोथ के लिए घाटा मंज़ूर?

Blinkit का तेजी से विस्तार और भारी छूट आधारित रणनीति भले ही GMV बढ़ा रही हो, लेकिन इसका दबाव मार्जिन पर साफ देखा जा सकता है।

Amit Khurana कहते हैं, “मार्केट बहुत आक्रामक रूप से भविष्य का अनुमान लगा रहा है। Blinkit का भविष्य उत्साहजनक है लेकिन खर्चों का दबाव अभी भी बना हुआ है और विस्तार से मार्जिन में कटौती हो रही है।”

Eternal बनाम ग्लोबल प्लेयर्स

जब Eternal की तुलना वैश्विक प्लेयर्स से की जाती है तो सवाल उठता है कि इतने ऊँचे वैल्यूएशन को कैसे जस्टिफाई किया जाए?

कंपनी का नामP/S मल्टीपललाभप्रदता
Eternal9xनकारात्मक
DoorDash~4.5xसीमित
Meituan~2.8xस्थिर
Delivery Hero~1.2xबेहतर


इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि Eternal की स्टोरी ग्रोथ पर टिकी है लेकिन निवेशकों को अब मुनाफे का सबूत भी चाहिए।

DIIs का विजन: भारत की डिजिटल क्रांति में Eternal

भारत में इंटरनेट यूज़र्स की संख्या, e-commerce अपनाने की दर और डिजिटल भुगतान की सफलता को देखते हुए DIIs Eternal को India Consumption Supercycle का प्रतिनिधि मानते हैं।

हालांकि निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। Eternal जैसी कंपनियों में तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ जोखिम भी उतना ही बड़ा होता है, खासकर जब मुनाफा अभी भी सपना ही है।

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