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पीएम मोदी ने मेरी बात मानी डोनाल्ड ट्रंप का चौंकाने वाला दावा—भारत-पाक युद्ध रोकने का क्रेडिट फिर लिया

अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को उन्होंने ही रोका था। ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “महान मित्र” बताते हुए दावा किया कि उनके कॉल्स से ही युद्ध की स्थिति खत्म हुई।

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डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी की पुरानी मुलाकात की तस्वीर, जो अब फिर से सुर्खियों में है उनके नए दावे के चलते।
डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी की पुरानी मुलाकात की तस्वीर, जो अब फिर से सुर्खियों में है उनके नए दावे के चलते।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर सुर्खियों में हैं—और इस बार वजह है उनका नया और चौंकाने वाला दावा। ट्रंप ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो तनाव एक संभावित युद्ध की ओर बढ़ रहा था, उसे उन्होंने व्यक्तिगत प्रयासों से रोका।

एक प्रेस वार्ता के दौरान, ट्रंप ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं। वह एक महान सज्जन व्यक्ति हैं। मैंने उन्हें फोन किया, समझाया और कहा—यह युद्ध नहीं होना चाहिए। इसके बाद चीजें शांत हो गईं।”

दावों की मानें तो The Art of the Deal लेखक ने व्यापारिक कॉल्स की एक श्रृंखला के ज़रिए इस गंभीर मसले को सुलझाने की कोशिश की। अमेरिकी राजनीति में तेज़ तर्रार बयान देने वाले ट्रंप इस बार मध्य-पूर्व और दक्षिण एशिया में खुद को ‘शांति दूत’ के तौर पर पेश कर रहे हैं।

डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी की पुरानी मुलाकात की तस्वीर, जो अब फिर से सुर्खियों में है उनके नए दावे के चलते।



पूर्व राष्ट्रपति यहीं नहीं रुके। उन्होंने हिरोशिमा और नागासाकी का उदाहरण देते हुए कहा कि “एक गलत फैसला कितनी बड़ी तबाही ला सकता है, यह इतिहास गवाह है।” ट्रंप ने इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को भी इसी संदर्भ में जोड़ते हुए बताया कि कूटनीति ही एकमात्र समाधान है।

हालांकि अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का कहना है कि यह दावा “राजनीतिक रूप से प्रेरित” हो सकता है, खासकर जब अमेरिका में चुनावी माहौल धीरे-धीरे गरम हो रहा है। The Apprentice शो से लेकर व्हाइट हाउस तक का सफर तय करने वाले ट्रंप अब फिर से खुद को दुनिया का संकटमोचक दिखाने की कोशिश में हैं।

इससे पहले भी, ट्रंप कई बार यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने ही उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच बिगड़ते हालात को थामा था। और अब वह दक्षिण एशिया की बड़ी कूटनीतिक जीत का श्रेय भी खुद को दे रहे हैं।

अब देखना यह होगा कि भारत सरकार और खुद प्रधानमंत्री मोदी इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। क्या वाकई ट्रंप के दावों में दम है, या यह सिर्फ अमेरिका की घरेलू राजनीति का हिस्सा?

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