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“लंदन में भी लोग तीन घंटे सफर करते हैं” – डीके शिवकुमार ने बेंगलुरु ट्रैफिक पर दिया बयान, बोले ‘शहर को संभालना आसान नहीं’

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बेंगलुरु की ट्रैफिक और कचरा समस्या पर खुलकर बात की, कहा – “ग्रेटर बेंगलुरु अथॉरिटी से शहर में होगा बड़ा बदलाव”

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डी.के. शिवकुमार बोले – “लंदन में भी लोग तीन घंटे सफर करते हैं, बेंगलुरु ट्रैफिक पर ज्यादा शोर सिर्फ मीडिया की वजह से”
डी.के. शिवकुमार बोले – “लंदन में भी लोग तीन घंटे सफर करते हैं, लेकिन बेंगलुरु में मीडिया की आज़ादी के कारण मुद्दे ज्यादा दिखते हैं।”

बेंगलुरु की ट्रैफिक जाम और कचरा समस्या को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और बेंगलुरु विकास मंत्री डी.के. शिवकुमार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक की समस्या सिर्फ बेंगलुरु में नहीं, बल्कि यह वैश्विक चुनौती है — “लंदन में भी लोग तीन घंटे तक सफर करते हैं।

शिवकुमार B.PAC (Bangalore Political Action Committee) और Mount Carmel College द्वारा आयोजित एक पैनल चर्चा में बोल रहे थे, जिसका विषय था “GBA: Transformative Vision for Bengaluru with GBA”

डी.के. शिवकुमार बोले – “लंदन में भी लोग तीन घंटे सफर करते हैं, बेंगलुरु ट्रैफिक पर ज्यादा शोर सिर्फ मीडिया की वजह से”

“बेंगलुरु दुनिया का अकेला शहर नहीं जहां ट्रैफिक है”

डी.के. शिवकुमार ने कहा,

“दिल्ली में भी एयरपोर्ट से संसद पहुंचने में डेढ़ घंटे लगते हैं। लेकिन बेंगलुरु को बाकी शहरों से ज्यादा सुर्खियां इसलिए मिलती हैं क्योंकि यहां मीडिया और सोशल मीडिया दोनों बहुत सक्रिय हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि बेंगलुरु में ट्रैफिक को लेकर जितनी आवाज उठती है, उतनी मुंबई, चेन्नई या हैदराबाद में नहीं होती, क्योंकि यहां नागरिकों की भागीदारी और मीडिया की आज़ादी दोनों हैं।


“कचरा माफिया से लड़ रहे हैं, शहर की सफाई आसान नहीं”

बेंगलुरु की कचरा प्रबंधन (Waste Management) समस्या पर बोलते हुए शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए “आसमान-पाताल एक कर दिया है”, लेकिन शहर में “गर्बेज माफिया” के दखल के कारण कई प्रोजेक्ट धीमे चल रहे हैं।

उन्होंने कहा,

“बेंगलुरु को संभालना आसान नहीं है। यह योजनाबद्ध शहर नहीं है। यहां की सबसे बड़ी समस्याएं हैं – ट्रैफिक, ठोस कचरा प्रबंधन और पीने के पानी की कमी।”

ग्रेटर बेंगलुरु अथॉरिटी (GBA) से मिलेगा नया ढांचा

शिवकुमार ने बताया कि सरकार Greater Bengaluru Authority (GBA) की नई रूपरेखा पर काम कर रही है, जिससे अलग-अलग विभागों के बीच समन्वय बढ़ेगा और शासन व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी।

उन्होंने कहा,

“हर नागरिक की इसमें भूमिका होनी चाहिए। निर्णय लेने से पहले हम सभी हितधारकों से सलाह लेते हैं। लोगों की भागीदारी के बिना विकास संभव नहीं है।”

महिलाओं के लिए 50% आरक्षण

उपमुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि नए नागरिक वार्डों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने कहा,

“पंचायत से लेकर संसद तक हमें और अधिक महिला नेताओं की जरूरत है। जो घर में निर्णय लेती हैं, उन्हें शासन का हिस्सा बनना चाहिए।”
डी.के. शिवकुमार बोले – “लंदन में भी लोग तीन घंटे सफर करते हैं, बेंगलुरु ट्रैफिक पर ज्यादा शोर सिर्फ मीडिया की वजह से”

सड़कें, सुरंगें और बिजनेस कॉरिडोर प्रोजेक्ट तेज़ी से आगे

बेंगलुरु के बुनियादी ढांचे पर बात करते हुए शिवकुमार ने कहा कि सरकार जल्द ही 104 किमी का बेंगलुरु बिजनेस कॉरिडोर, एलिवेटेड कॉरिडोर और टनल प्रोजेक्ट्स को तेज़ी से पूरा करेगी। उन्होंने बताया कि शहर में अब एक नया वार्ड जोड़ा जाएगा जिससे कुल संख्या 369 वार्ड्स हो जाएगी।

उन्होंने युवाओं से भी अपील की कि वे “ग्रेटर बेंगलुरु” के निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लें।


“हम मीडिया को आज़ादी देते हैं, इसलिए खबरें ज्यादा दिखती हैं”

सड़क की खराब स्थिति और ट्रैफिक की वजह से आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा,

“दिल्ली या चेन्नई से तो कोई खबर नहीं आती, लेकिन बेंगलुरु से आती है क्योंकि हम मीडिया की आज़ादी में विश्वास करते हैं। दुनिया भर से लोग यहां आते हैं, ट्वीट करते हैं, और अपनी राय साझा करते हैं। बेंगलुरु एक टैलेंट हब है और सबकी नजर इस पर रहती है।”

पूर्व इन्फोसिस CFO मोहनदास पै, बायोकॉन चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ और कंपनियों जैसे BlackBuck ने भी शहर की सड़कों की स्थिति और ट्रैफिक पर चिंता जताई थी, जिनका शिवकुमार ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि बेंगलुरु का बुनियादी ढांचा बेहतर हो।

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