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दिल्ली में घटी रेप-डकैती की घटनाएं लेकिन वाहन चोरी बनी पुलिस की सबसे बड़ी चुनौती

2025 की पहली छमाही में दिल्ली में गंभीर अपराधों में गिरावट, मर्डर मामूली बढ़ा, वाहन चोरी और सड़क हादसे अब भी चिंता का विषय

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Delhi Crime Report 2025: Sharp Decline in Rape and Robbery, Vehicle Theft Still Rising
2025 की पहली छमाही में अपराधों में गिरावट, लेकिन वाहन चोरी और सड़क हादसे अब भी बनी चुनौती

देश की राजधानी दिल्ली ने 2025 की पहली छमाही में एक नई तस्वीर पेश की है—एक ऐसी तस्वीर, जहां बलात्कार, डकैती और अपहरण जैसे अपराधों में उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिली है। हालांकि, वाहन चोरी जैसी घटनाएं अब भी पुलिस विभाग के लिए सिरदर्द बनी हुई हैं। दिल्ली पुलिस द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है।

1 जनवरी से 30 जून 2025 के बीच 2,209 गंभीर अपराध दर्ज किए गए, जबकि यही आंकड़ा 2024 की समान अवधि में 2,543 था। यानी करीब 13 प्रतिशत की गिरावट। अधिकारियों के मुताबिक यह कमी मर्डर को छोड़कर बाकी सभी प्रमुख श्रेणियों में दर्ज की गई—जैसे कि हत्या का प्रयास, डकैती, फिरौती के लिए अपहरण, बलात्कार और POCSO एक्ट के अंतर्गत अपराध।

हालांकि, हत्या के मामलों में थोड़ा इज़ाफा देखने को मिला है—2024 में जहां यह आंकड़ा 241 था, वहीं 2025 में 250 तक पहुंच गया। स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम) देवेश चंद्र श्रीवास्तव के अनुसार, इन हत्याओं की प्रमुख वजह व्यक्तिगत रंजिश, आवेग में लिए गए फैसले और मामूली विवाद रहे हैं।

छेड़छाड़ की घटनाएं भी 2024 की तुलना में 10.85 प्रतिशत घटी हैं, और 2023 की तुलना में तो यह गिरावट 29 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो महिला सुरक्षा के नजरिए से एक सकारात्मक संकेत है।

गैर-गंभीर अपराधों की श्रेणी में भी गिरावट दर्ज की गई है। 2025 की पहली छमाही में 1,16,613 ऐसे अपराध हुए, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 1,27,150 और 2023 में 1,60,931 था। यानी दो वर्षों में लगभग 27.5% की गिरावट।

लेकिन जहां एक ओर ये आंकड़े सुकून देने वाले हैं, वहीं दूसरी ओर वाहन चोरी की घटनाएं अब भी राजधानी की सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती बनी हुई हैं। 2025 की पहली छमाही में 17,512 वाहन चोरी के मामले सामने आए, जो गैर-गंभीर अपराधों की सूची में सबसे ऊपर हैं।

सड़क दुर्घटनाएं भी चिंता का विषय हैं। 2025 में 667 मौतें दर्ज की गईं, जो 2023 के 653 से अधिक हैं, हालांकि 2024 के 673 से थोड़ी कम। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि ट्रैफिक नियमों के पालन और सड़क सुरक्षा को लेकर अभी काफी सुधार की आवश्यकता है।

इस गिरावट का श्रेय दिल्ली पुलिस के टेक्नोलॉजी आधारित कामकाज को भी जाता है। AI, बिग डेटा एनालिटिक्स और स्मार्ट विश्लेषण तकनीकों के इस्तेमाल से अपराधियों की धरपकड़ में तेजी आई है। साथ ही, आम जनता के साथ समन्वयात्मक और नागरिक-केंद्रित पुलिसिंग की नीति ने भी विश्वास बढ़ाया है।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, “सभी जिलों और इकाइयों की समन्वित कार्रवाई, अपराधियों और अपराध दोहराने वालों की गिरफ्तारी, और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई के कारण अपराध में यह गिरावट संभव हो पाई है।”

हालांकि वाहन चोरी और सड़क हादसे जैसी समस्याएं अभी भी हल होने की राह पर हैं, लेकिन राजधानी की कानून व्यवस्था को लेकर यह आंकड़े एक उम्मीद की किरण जरूर जगाते हैं।

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