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बिक्रम सिंह मजीठिया को झटका, disproportionate assets केस में अब 29 जुलाई को होगी सुनवाई
अवैध संपत्ति मामले में मजीठिया की गिरफ्तारी को बताया ‘राजनीतिक साजिश’, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दी संशोधित याचिका दाखिल करने की मोहलत

शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं। 540 करोड़ रुपये के कथित ड्रग मनी से जुड़ी disproportionate assets (DA) केस में उनकी गिरफ्तारी को लेकर दाखिल याचिका पर अब 29 जुलाई को सुनवाई होगी।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को मामले की सुनवाई को स्थगित करते हुए मजीठिया के वकीलों को संशोधित याचिका दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया। अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई अब 29 जुलाई को होगी।
क्या है पूरा मामला?
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो (Punjab VB) ने 25 जून को बिक्रम मजीठिया को गिरफ्तार किया था। VB का दावा है कि प्रारंभिक जांच में मजीठिया द्वारा 540 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति इकट्ठा करने और मनी लॉन्ड्रिंग का पता चला है।
VB के अनुसार, यह पैसा ड्रग ट्रैफिकिंग से अर्जित किया गया था और मजीठिया ने विभिन्न माध्यमों से इसे सफेद करने में मदद की।
“राजनीतिक प्रतिशोध है यह कार्रवाई” – मजीठिया का पक्ष
1 जुलाई को दाखिल याचिका में मजीठिया ने अपनी गिरफ्तारी को “गैरकानूनी और मनमानी” बताते हुए आरोप लगाया कि यह मामला एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है।
याचिका में कहा गया:
“FIR पूरी तरह से अवैध है और गिरफ्तारी कानूनी प्रक्रिया का घोर उल्लंघन है। यह पूरी कार्रवाई मुझे बदनाम करने और प्रताड़ित करने के उद्देश्य से की गई है, क्योंकि मैं मौजूदा सरकार का मुखर आलोचक हूं।”
कब-कब हुआ रिमांड और न्यायिक हिरासत का आदेश
- 26 जून: मजीठिया को 7 दिन के विजिलेंस रिमांड पर भेजा गया
- 2 जुलाई: रिमांड 4 दिन और बढ़ाया गया
- 6 जुलाई: उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया
मजीठिया की ओर से कोर्ट में FIR रद्द करने, रिमांड आदेश को अवैध ठहराने और भविष्य में इस प्रक्रिया के दुरुपयोग से रोकने की मांग की गई है।
पिछले मामलों से भी जुड़ता है यह केस
मजीठिया पहले भी 2021 के NDPS (नारकोटिक्स) केस में जेल जा चुके हैं। यह केस 2018 में एसटीएफ द्वारा तैयार रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया गया था। वह 5 महीने तक पटियाला जेल में बंद रहे और अगस्त 2022 में हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद बाहर आए।