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बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन में मचा घमासान — सीट बंटवारे पर अटका फॉर्मूला, राहुल-खड़गे ने संभाली कमान
नामांकन की अंतिम तारीख से पहले कांग्रेस और आरजेडी में सीटों को लेकर टकराव गहराया, तीन सीटें बनीं विवाद का केंद्र — तेजस्वी की रैली से सियासी तापमान और बढ़ा

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां ज़ोरों पर हैं, लेकिन महागठबंधन (Mahagathbandhan) के भीतर सीट बंटवारे को लेकर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। नामांकन की अंतिम तारीख से कुछ ही घंटे पहले तक आरजेडी (RJD) और कांग्रेस (Congress) में सहमति नहीं बन सकी है। सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल तीन सीटें — कहलगांव, वैशाली और जाले — विवाद का मुख्य कारण बनी हुई हैं।
देर रात तक चली फोन कॉल्स और बैठकों की जंग
बुधवार देर रात तक दोनों पार्टियों के बीच कई दौर की बातचीत चली, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने खुद लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से संपर्क कर मतभेद सुलझाने की कोशिश की।
विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) ने भी नाराज़गी जताई और गठबंधन से अलग होने की चेतावनी दे डाली, हालांकि बाद में गांधी परिवार के हस्तक्षेप के बाद मामला कुछ शांत हुआ।
तीन सीटों पर तकरार — कहलगांव, वैशाली और जाले
1. कहलगांव (Bhagalpur जिला)
2020 में यह सीट कांग्रेस के खाते में थी, लेकिन इस बार RJD ने बिना परामर्श के इसे अपने उम्मीदवार राजनीश यादव, जो झारखंड मंत्री संजय यादव के बेटे हैं, को देने का फैसला किया। इसी सीट से तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अपनी चुनावी रैली की शुरुआत कर कांग्रेस की नाराज़गी और बढ़ा दी।
2. वैशाली (Vaishali जिला)
कांग्रेस यहां से अपने पुराने उम्मीदवार संजय सिंह को दोबारा टिकट देना चाहती है, जिन्होंने पिछली बार मात्र 7,413 वोटों से हार का सामना किया था। आरजेडी का मानना है कि इस सीट पर स्थानीय समीकरण बदले हैं और नया उम्मीदवार उतारना बेहतर रहेगा।
3. जाले (Darbhanga जिला)
यहां से कांग्रेस मो. नौशाद आलम (Mohammad Naushad Alam) को टिकट देना चाहती है, जिन्होंने वोटर अधिकार यात्रा के दौरान बड़ी रैली आयोजित की थी। लेकिन RJD को डर है कि उनके नाम पर विवाद से बीजेपी को फायदा मिल सकता है।

2020 के आंकड़े और 2025 का समीकरण
2020 के चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से केवल 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इस बार कांग्रेस 60 सीटों की मांग कर रही है, जबकि लालू यादव चाहते हैं कि छोटे दलों जैसे VIP और वाम दलों (Left parties) को भी उचित हिस्सेदारी दी जाए।
CPI (M-L), जिसने पिछली बार 12 सीटें जीती थीं, उसे इस बार 20 सीटें देने की बात हो रही है। वहीं मुकेश सहनी की पार्टी को 20 सीटों का ऑफर मिला है, लेकिन वह कम से कम 40 सीटें चाह रहे हैं।
कांग्रेस ने X पर डाले 13 उम्मीदवारों के नाम
सीटों पर सहमति न बनने के बावजूद कांग्रेस ने बुधवार रात 13 उम्मीदवारों की सूची X (Twitter) पर पोस्ट कर दी। इसमें बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम का नाम कटुंबा सीट से शामिल है।
सूत्रों के मुताबिक, इस कदम से CPI नाराज़ है, क्योंकि बछवाड़ा (Bachhwara) सीट पर कांग्रेस ने प्रकाश गरीब दास को उतार दिया है, जबकि CPI चाहती थी कि वहां से अवधेश कुमार राय को मौका मिले। यह सीट 2020 में सिर्फ 484 वोटों के अंतर से हारी थी। अब माना जा रहा है कि यहां “फ्रेंडली फाइट” की स्थिति बन सकती है।
नामांकन की डेडलाइन और चुनावी तारीखें
पहले चरण की 121 सीटों पर नामांकन की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर है।
पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर 2025 को होगा।
दूसरे चरण के लिए नामांकन 20 अक्टूबर तक चलेगा।
सियासी विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि महागठबंधन की यह खींचतान बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के लिए अप्रत्यक्ष रूप से फायदेमंद साबित हो सकती है।
यदि कांग्रेस और आरजेडी अंतिम समय तक एकमत नहीं हुए, तो सीट समन्वय की गड़बड़ी विपक्षी वोट बैंक में सेंध लगा सकती है।
वहीं आरजेडी समर्थक इसे “आखिरी मिनट की रणनीतिक बातचीत” बता रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि सब कुछ जल्द सुलझ जाएगा।
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