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भारत से रिश्तों पर बोले मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश भारत विवाद और SAARC पुनर्जीवन पर बड़ा बयान
संयुक्त राष्ट्र महासभा में मुहम्मद यूनुस ने कहा कि छात्र आंदोलन से भारत नाराज़, साथ ही शेख हसीना को शरण देने पर भी उठाए सवाल

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान न्यूयॉर्क में बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने ऐसा बयान दिया जिसने भारत और बांग्लादेश के रिश्तों पर नई बहस छेड़ दी है। यूनुस ने कहा कि वर्तमान में दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव है और इसकी वजह पिछले साल हुए छात्र आंदोलन को लेकर भारत की नाराज़गी है।
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भारत से क्यों बिगड़े रिश्ते?
यूनुस ने साफ शब्दों में कहा, “हमारे भारत से इस समय समस्याएं हैं क्योंकि उन्हें पसंद नहीं आया कि छात्रों ने क्या किया।” उनका इशारा 2024 के उस ऐतिहासिक छात्र आंदोलन की ओर था, जिसने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता का अंत कर दिया था। यूनुस ने आरोप लगाया कि भारत से “फेक न्यूज” और “प्रोपेगैंडा” फैलाया जा रहा है जिसमें छात्र आंदोलन को इस्लामी उभार बताने की कोशिश की गई।
शेख हसीना को लेकर बड़ा आरोप
यूनुस ने भारत पर यह भी आरोप लगाया कि वह शेख हसीना को शरण दे रहा है। उन्होंने कहा, “भारत हसीना को पनाह दे रहा है, जिसने हमारे लिए समस्याएं पैदा कीं… यह दोनों देशों के बीच तनाव का कारण बनता है।”

भारत की चिंताएँ
भारत ने कई बार बांग्लादेश में बढ़ते हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों और उग्रवादी बयानों को लेकर चिंता जताई है। खासतौर पर बांग्लादेश के कुछ समूहों द्वारा भारत के पूर्वोत्तर हिस्सों पर दावा करने वाले भाषणों ने नई दिल्ली को सतर्क कर दिया। हाल ही में बैंकॉक में हुए BIMSTEC शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यूनुस से मुलाकात कर इस मुद्दे पर चिंता जताई थी।
SAARC और भारत की राजनीति
यूनुस ने SAARC को पुनर्जीवित करने की बात कही लेकिन भारत पर आरोप लगाया कि उसकी राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण यह मंच ठप पड़ा है। उन्होंने कहा, “SAARC काम नहीं कर रहा क्योंकि यह एक देश की राजनीति में फिट नहीं बैठता।”
यूनुस ने आगे यह भी संकेत दिए कि बांग्लादेश अब ASEAN से जुड़ने की कोशिश करेगा ताकि दक्षिण-पूर्व एशिया की अर्थव्यवस्थाओं के साथ तेजी से एकीकृत होकर विकास किया जा सके।
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SAARC बनाम BIMSTEC
गौरतलब है कि SAARC की आखिरी बैठक 2014 में हुई थी। 2016 में पाकिस्तान में होने वाली बैठक उरी आतंकी हमले के बाद रद्द कर दी गई। तब से भारत ने SAARC से दूरी बना ली और BIMSTEC पर ज्यादा जोर दिया, जिसमें पाकिस्तान शामिल नहीं है।
भारत ने BIMSTEC के मंच से ही बांग्लादेश को चेताया था कि “अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और ऐसे बयानों से बचें जो माहौल को बिगाड़ते हैं।”
निष्कर्ष
मुहम्मद यूनुस का यह बयान ऐसे समय आया है जब बांग्लादेश फरवरी 2025 में होने वाले आम चुनावों की तैयारी कर रहा है। यूनुस ने भरोसा दिलाया है कि चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण होंगे। लेकिन उनके भारत-विरोधी बयानों ने यह साफ कर दिया है कि ढाका और नई दिल्ली के बीच कूटनीतिक रिश्ते आने वाले महीनों में और भी तनावपूर्ण हो सकते हैं।