Bihar
“इतना सुंदर बना है बापू टावर, लोग बार-बार आएं देखना चाहेंगे” — सीएम नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन, बच्चों से भी की मुलाकात
पटना के गर्दनीबाग में बापू टावर का नया प्रशासनिक कार्यालय और प्रदर्शनी दीर्घाएं बनीं आकर्षण का केंद्र, सीएम नीतीश कुमार ने कहा — “नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्थल”

बिहार की राजधानी पटना में आज का दिन ऐतिहासिक रहा जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गर्दनीबाग स्थित बापू टावर के नवनिर्मित प्रशासनिक कार्यालय का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने बापू टावर के विभिन्न तलों का निरीक्षण कर न सिर्फ व्यवस्थाओं की जानकारी ली बल्कि यहां मौजूद दर्शनीय प्रदर्शों की जमकर प्रशंसा भी की।
छठे माले पर बने नए कार्यालय के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने ग्राउंड फ्लोर से लेकर पांचवें तल तक बापू टावर की संपूर्ण संरचना को बारीकी से देखा। विशेष रूप से ओरियंटेशन हॉल, प्रेक्षागृह, अनुसंधान केंद्र और गैलरी में लगे म्यूरल, स्क्रीन प्रोजेक्शन और गांधी जी के जीवन से जुड़े कटआउट्स मुख्यमंत्री के आकर्षण का केंद्र बने।
मुख्यमंत्री को इस दौरान भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने विस्तार से जानकारी दी कि किस तरह इस टावर में महात्मा गांधी की जीवनी, उनके आदर्श और उनके विचारों को आधुनिक तकनीक और विजुअल्स के जरिए दर्शाया गया है।

नीतीश कुमार, जो वर्षों से गांधीवादी विचारधारा को बढ़ावा देते रहे हैं, ने कहा —
“बापू टावर बहुत ही भव्य बना है। यहां आकर हर आयु वर्ग के लोग बापू के जीवन और सोच को समझ सकेंगे। यह नई पीढ़ी के लिए एक जीवंत प्रेरणास्थल है।”
बापू के जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाने वाली यह इमारत न सिर्फ दर्शनीय है बल्कि शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक भी है। गांधी जी के बिहार से जुड़ाव और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को यहां दृश्यात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे आमजन उन्हें नज़दीक से महसूस कर सकें।
बच्चों से हुई आत्मीय भेंट
निरीक्षण के दौरान बापू टावर के भ्रमण पर आए स्कूली बच्चों से भी मुख्यमंत्री मिले। उन्होंने बच्चों से बातचीत करते हुए कहा कि —
“यह टावर आप सबके लिए है, यहां आकर सीखिए, समझिए कि कैसे गांधी जी ने अपने विचारों से देश को बदला।”
मुख्यमंत्री के इस संवाद ने बच्चों के बीच उत्साह का माहौल बना दिया और यह पल बापू टावर की उद्घाटन यात्रा का सबसे मानवीय और भावुक दृश्य बना।
पर्यावरण और रखरखाव पर भी दिया गया ज़ोर
मुख्यमंत्री ने इस परिसर को हरा-भरा और साफ-सुथरा बनाए रखने की भी बात कही। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इसकी सुंदरता और व्यवस्थाएं बनी रहें ताकि आने वाले समय में यह स्थान बिहार की सांस्कृतिक पहचान बन सके।