Sports
AUS vs SA कूपर कोनोली ने जड़ा पंजा रचा इतिहास ऑस्ट्रेलिया की जीत में बने हीरो
ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर कूपर कोनोली ने 5 विकेट झटके, साउथ अफ्रीका को 276 रन से हराया

ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच तीसरा वनडे मुकाबला मैके के ग्रेट बैरियर रीफ एरिना में खेला गया। यह मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ क्योंकि टीम ने बल्ले और गेंद दोनों से ऐसा प्रदर्शन किया जिसने क्रिकेट फैंस को रोमांचित कर दिया।
और भी पढ़ें : AUS vs SA ट्रेविस हेड मिचेल मार्श और कैमरून ग्रीन ने बरसाए रन बना दिया वनडे इतिहास का महारिकॉर्ड
पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम ने महज दो विकेट खोकर 431 रन का पहाड़ खड़ा कर दिया। ट्रेविस हेड, मिचेल मार्श और कैमरून ग्रीन ने शतकीय पारी खेली और टीम को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया। लेकिन असली शोस्टॉपर रहे लेफ्ट आर्म स्पिनर कूपर कोनोली।
कूपर कोनोली ने अपने छोटे से वनडे करियर में ही बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली। उन्होंने अफ्रीकी बल्लेबाजों को अपनी गेंदबाजी से चारों खाने चित कर दिया। कोनोली ने केवल 6 ओवर फेंके, जिसमें 22 रन दिए और 5 महत्वपूर्ण विकेट झटके। उनके इस प्रदर्शन ने साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी और पूरी टीम महज 155 रन पर ढेर हो गई।
कूपर कोनोली का महारिकॉर्ड
कूपर कोनोली ऑस्ट्रेलिया के पहले स्पिनर बन गए जिन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे में पांच विकेट लिए। इससे पहले यह कारनामा किसी ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर ने नहीं किया था। साथ ही, वह माइकल क्लार्क के बाद दूसरे ऑस्ट्रेलियाई लेफ्ट आर्म फिंगर स्पिनर बने जिन्होंने वनडे पारी में 5 विकेट झटके। क्लार्क ने 2004 में श्रीलंका के खिलाफ दांबुला में 35 रन देकर 5 विकेट झटके थे।
कोनोली का यह केवल पांचवां वनडे मैच था और इतनी जल्दी इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करना उन्हें एक अलग ही पहचान दिलाता है। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि वह आने वाले समय में ऑस्ट्रेलियाई स्पिन विभाग का बड़ा हथियार बन सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने 276 रन से दर्ज की सबसे बड़ी जीत
ऑस्ट्रेलिया ने साउथ अफ्रीका को इस मुकाबले में 276 रन से हराया। यह अंतर खुद ही बताता है कि मुकाबला कितना एकतरफा रहा। हालांकि सीरीज 2-1 से साउथ अफ्रीका के नाम रही, लेकिन तीसरे वनडे में जीत ने ऑस्ट्रेलियाई टीम की लाज बचा ली।
मैच के बाद कोनोली ने कहा कि वह इस मौके को कभी नहीं भूल पाएंगे। उनके मुताबिक, यह उनके करियर की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है और वह भविष्य में भी टीम के लिए लगातार बेहतर प्रदर्शन करना चाहेंगे।
कूपर कोनोली का यह रिकॉर्ड वनडे क्रिकेट इतिहास में लंबे समय तक याद रखा जाएगा। उन्होंने यह साबित कर दिया कि ऑस्ट्रेलियाई टीम में सिर्फ बल्लेबाज ही नहीं, बल्कि गेंदबाज भी विपक्षी टीम के लिए सिरदर्द साबित हो सकते हैं।