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भारतीय मूल के अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ एशले टेलिस गुप्त दस्तावेज़ मामले में गिरफ्तार, वॉशिंगटन में मचा हड़कंप

यूएस-इंडिया संबंधों पर विशेषज्ञ रहे एशले टेलिस पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी रखने का आरोप, चीन अधिकारियों से मुलाकात की भी जांच जारी

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US Arrests Indian-Origin Defence Expert Ashley Tellis Over Secret Documents | Dainik Diary
भारतीय मूल के अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ एशले टेलिस गुप्त दस्तावेज़ रखने के आरोप में गिरफ्तार, जांच एजेंसियां कर रहीं हैं पूछताछ

अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। भारतीय मूल के प्रसिद्ध विदेशी नीति विशेषज्ञ और रक्षा रणनीतिकार एशले जे. टेलिस (Ashley J. Tellis) को अमेरिकी जांच एजेंसियों ने गुप्त राष्ट्रीय रक्षा दस्तावेज़ों को गैरकानूनी रूप से रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।

64 वर्षीय टेलिस, जो कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस (Carnegie Endowment for International Peace) में टाटा चेयर फॉर स्ट्रैटेजिक अफेयर्स के वरिष्ठ फेलो हैं, को सप्ताहांत में हिरासत में लिया गया। यह गिरफ्तारी ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ वर्जीनिया की अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस द्वारा की गई लंबी जांच के बाद हुई है।

अमेरिकी अभियोजकों का आरोप है कि टेलिस ने 18 USC § 793(e) का उल्लंघन किया है, जो राष्ट्रीय रक्षा से जुड़े दस्तावेज़ों के अनधिकृत कब्ज़े या संरक्षण को प्रतिबंधित करता है। बताया जा रहा है कि उन्होंने कुछ क्लासिफाइड सामग्री को सुरक्षित सरकारी स्थानों से बाहर ले जाया और कुछ दस्तावेज़ों को निजी रूप से अपने पास रखा।

अमेरिकी अटॉर्नी लिंडसे हैलिगन ने बयान जारी कर कहा,

“एशले टेलिस की कथित गतिविधियां हमारे नागरिकों की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों के लिए गंभीर खतरा पैदा करती हैं। यह मामला अमेरिका की गोपनीय जानकारी के गलत उपयोग की गंभीरता को दर्शाता है।”

अगर टेलिस पर लगे आरोप साबित हो जाते हैं, तो उन्हें 10 साल तक की जेल, $2,50,000 डॉलर का जुर्माना और संबंधित सामग्री की जप्ती (forfeiture) का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल अदालत ने स्पष्ट किया है कि यह केवल एक अभियोग (complaint) है और टेलिस तब तक निर्दोष माने जाएंगे जब तक कि अदालत उन्हें दोषी नहीं ठहराती।

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कौन हैं एशले जे. टेलिस?

एशले टेलिस को वॉशिंगटन में दक्षिण एशियाई सुरक्षा और अमेरिका-भारत संबंधों के सबसे प्रमुख विशेषज्ञों में से एक माना जाता है। उन्होंने अमेरिकी सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है —

  • नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (NSC) में राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के विशेष सहायक और दक्षिण-पश्चिम एशिया के लिए वरिष्ठ निदेशक के रूप में कार्य किया।
  • अंडर सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर पॉलिटिकल अफेयर्स के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में, उन्होंने यूएस-इंडिया सिविल न्यूक्लियर एग्रीमेंट की वार्ताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
  • इससे पहले वे RAND Corporation में वरिष्ठ नीति विश्लेषक और प्रोफेसर भी रह चुके हैं।

टेलिस ने कई उल्लेखनीय पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें “Striking Asymmetries: Nuclear Transitions in Southern Asia” और “Revising US Grand Strategy Toward China” प्रमुख हैं। वे काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (CFR) और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज़ (IISS) के सदस्य भी हैं।

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जांच एजेंसियां अब उनके चीनी अधिकारियों से संभावित संपर्क की भी पड़ताल कर रही हैं, जो उन्होंने विभिन्न अकादमिक कार्यक्रमों या सेमिनारों के दौरान किए थे। हालांकि फिलहाल जासूसी (espionage) के आरोप नहीं लगाए गए हैं, लेकिन यह कहा जा रहा है कि टेलिस द्वारा गोपनीय दस्तावेज़ों को निजी रूप से रखने से फेडरल सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है।

इस मामले में अब फेडरल कोर्ट यह तय करेगी कि टेलिस को ज़मानत मिलेगी या नहीं। सुनवाई इस सप्ताह के अंत में होने की संभावना है।

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