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जिसने ज़िंदगी से जंग जीत ली वो टेस्ट मैच क्या चीज़ है आकश दीप की कहानी

पिता की मौत भाई की असमय विदाई और बहन का कैंसर — इन सबके बीच आकश दीप ने क्रिकेट के ज़रिए लिखा जुनून और जज़्बे का नया अध्याय

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Akash Deep: दर्द, संघर्ष और दस विकेट की ऐतिहासिक कहानी
कठिनाइयों से निकले हीरे — आकश दीप ने बहन के नाम की ऐतिहासिक जीत

इंग्लैंड के एजबेस्टन टेस्ट में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद जब उन्होंने चेतेश्वर पुजारा से कहा कि वह इस जीत को अपनी बहन को समर्पित करना चाहते हैं, तो एक पल के लिए मैदान पर सन्नाटा छा गया। उनकी बहन कैंसर से जूझ रही है और ये जीत उसके चेहरे पर मुस्कान लाने का कारण बनी।

यह वही आकश दीप हैं, जिन्होंने कभी पिता को ब्रेन स्ट्रोक से खोया, और फिर छोटे भाई को एक मामूली सर्दी-जुकाम के बाद, जो गांव के डॉक्टरों की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। बिहार के छोटे से कस्बे से ताल्लुक रखने वाले इस युवा को न तो सुविधाएँ मिलीं और न ही सही प्लेटफॉर्म, लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी।

शुरुआती दौर में घर से क्रिकेट खेलने पर पाबंदी थी। पिता की नज़रों में यह एक “बर्बादी” का रास्ता था। लेकिन आकश दीप ने रोज़गार की तलाश का बहाना बनाया और छोटे क्लबों से क्रिकेट खेलना शुरू किया, वहीं से जो भी पैसा मिलता, घर भेजते रहे। उस समय शायद उन्होंने भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में वही भारत की तेज़ गेंदबाज़ी की कमान संभालेंगे।

बेंगाल टीम में जब पहली बार उन्होंने जगह बनाई, तब वह तकनीकी रूप से उतने सधे हुए नहीं थे। लेकिन तब मोहम्मद शमी से हुई एक मुलाकात ने उनके करियर की दिशा बदल दी। शमी ने उन्हें फिटनेस और निरंतरता का महत्व बताया। नतीजा ये हुआ कि आकश दीप ने एक ऐसी गेंदबाज़ी शैली विकसित की, जिसमें ऊँचा रिलीज़ पॉइंट, तेज़ आर्म एक्शन और सीम मूवमेंट शामिल है — और इसी के बूते उन्होंने इंग्लैंड के जो रूट और ओली पोप जैसे धुरंधरों को क्लीन बोल्ड कर दिया।

Border-Gavaskar Trophy 2024-25 के दौरान ऑस्ट्रेलिया में जब वो लगातार अच्छे स्पेल के बावजूद विकेट से चूकते रहे, तब स्टीव स्मिथ ने भी उनकी तारीफ की थी। लेकिन किस्मत ने फिर उन्हें अस्पतालों में भेज दिया — IPL 2025 के दौरान वे Lucknow Super Giants की ओर से खेलते हुए हर रात अपनी बहन से मिलने अस्पताल जाते थे।

अब Birmingham टेस्ट में उन्होंने इतिहास रच दिया। भारत के लिए Umesh Yadav के बाद किसी तेज़ गेंदबाज़ का यह पहला दस विकेट का मैच है — और बुमराह के पास भी यह रिकॉर्ड नहीं है।

आकश दीप का सपना सिर्फ एक था — बहन के चेहरे पर मुस्कान देखना। और आज, ना सिर्फ़ उनकी बहन, बल्कि पूरा देश उनके जुनून और संघर्ष को सलाम कर रहा है।

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T20 वर्ल्ड कप की दौड़ में स्कॉटलैंड की जोरदार वापसी नीदरलैंड को 6 रन से हराया

ओली हेयर्स की अर्धशतकीय पारी और स्कॉटिश गेंदबाज़ों की घातक रणनीति ने बढ़ाई वर्ल्ड कप में क्वालिफाई करने की उम्मीदें

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Scotland Beats Netherlands by 6 Runs in T20 World Cup Qualifier | Dainik Diary
स्कॉटलैंड की टीम ने नीदरलैंड को रोमांचक मुकाबले में हराया, वर्ल्ड कप क्वालिफिकेशन की उम्मीदें तेज़

स्कॉटलैंड की क्रिकेट टीम ने मंगलवार को T20 वर्ल्ड कप क्वालिफायर मुकाबले में नीदरलैंड को 6 रन से हराकर टूर्नामेंट में खुद को मज़बूती से बनाए रखा है। इस रोमांचक मुकाबले में स्कॉटिश गेंदबाज़ों ने आखिरी ओवर तक दबाव बनाए रखा और टीम को महत्वपूर्ण जीत दिलाई।

मैच की शुरुआत स्कॉटलैंड के लिए बेहद खराब रही जब ओपनर जॉर्ज मंसी को तीसरी गेंद पर नोआ क्रोज़ ने कैच आउट कर दिया। इसके बाद ब्रैंडन मैकमुलन, माइकल लीस्क, मैथ्यू क्रॉस, मार्क वॉट, और सफयान शरीफ भी जल्दी-जल्दी पवेलियन लौटे। लेकिन ओली हेयर्स ने 52 रनों की अहम पारी खेलकर पारी को संभाला। रिची बेरिंगटन (28 रन) और चार्ली टियर (32 रन) ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे स्कॉटलैंड ने 148/9 का स्कोर खड़ा किया।

गेंदबाज़ों ने किया कमाल, जीत दिलाई स्कॉटलैंड को

नीदरलैंड की पारी की शुरुआत में ही ब्रैंडन मैकमुलन ने मैक्स ओ’डॉड और जैक लायन-कैशे को आउट कर झटका दिया। फिर सफयान शरीफ ने माइकल लेविट को बोल्ड कर दिया।

इसके बाद क्रिस ग्रीव्स ने कप्तान स्कॉट एडवर्ड्स, बास डी लीडे (LBW), और तेजा निदामनुरु के विकेट लेकर मैच स्कॉटलैंड की ओर मोड़ दिया। आखिरी ओवरों में ब्रैड क्यूरी ने रूलोफ वैन डर मर्वे को आउट कर जीत की पुष्टि की।

हालांकि नोआ क्रोज़ (52*) और आर्यन दत्त (6*) अंत तक जमे रहे, लेकिन स्कॉटलैंड ने 6 रन से यह मुकाबला अपने नाम किया।

वर्ल्ड कप में स्कॉटलैंड की उम्मीदें ज़िंदा

डग वॉटसन की कोचिंग में स्कॉटलैंड की यह पहली जीत रही, क्योंकि गुएर्नसे के खिलाफ पहला मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था। अब टीम के पास एक जीत और एक ड्रॉ है। वहीं उनके अगले मुकाबले इटली से बुधवार को और जर्सी से शुक्रवार को होंगे।

अभी जर्सी तीन अंकों के साथ शीर्ष पर है, जबकि स्कॉटलैंड और इटली के दो-दो अंक हैं। शीर्ष दो टीमें अगले साल भारत और श्रीलंका में होने वाले T20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए क्वालिफाई करेंगी।

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जोआओ पेड्रो का कमाल: चेल्सी को क्लब वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचाया फ्लुमिनेंस को किया बाहर

ब्राइटन से ट्रांसफर के सिर्फ 6 दिन बाद जोआओ पेड्रो ने पुराने क्लब के खिलाफ दागे दो गोल, अब फाइनल में चेल्सी की भिड़ंत रियल मैड्रिड या पीएसजी से

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João Pedro ने दो गोल दागे, Chelsea पहुंची Club World Cup फाइनल में | Dainik Diary
जोआओ पेड्रो के दो गोलों से चेल्सी ने फ्लुमिनेंस को हराया, क्लब वर्ल्ड कप फाइनल में बनाई जगह।

ईस्ट रदरफोर्ड न्यू जर्सी से बड़ी खबर — ब्राजीलियन फॉरवर्ड जोआओ पेड्रो ने चेल्सी FC में अपने डेब्यू को यादगार बना दिया है। उन्होंने क्लब वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में फ्लुमिनेंस के खिलाफ दो बेहतरीन गोल करके चेल्सी को 2-0 से जीत दिला दी और टीम को सीधे फाइनल में पहुंचा दिया। गौरतलब है कि यह वही क्लब है जहां से पेड्रो ने फुटबॉल की शुरुआत की थी।

महज £55 मिलियन के ट्रांसफर के बाद पेड्रो को लेकर सवाल उठे थे, लेकिन अब उनके प्रदर्शन ने हर आलोचक को शांत कर दिया है। इस जीत से चेल्सी को £25 मिलियन का इनाम मिला है और अब उनका मुकाबला रियल मैड्रिड या पेरिस सेंट-जर्मेन से होने वाला है।

द रईस क्लब की आक्रमण रणनीति बनी निर्णायक

द ब्राइटन एक्सपोर्ट, जो डिलैप के सस्पेंशन के कारण मैदान में उतरे, ने पहली बार स्टार्ट करते हुए जिस आत्मविश्वास से गोल किया, उसने सबको चौंका दिया। पहला गोल बॉक्स के बाहर से दमदार शॉट और दूसरा गोल बाएं विंग से अंदर कट करते हुए नेट के ऊपरी कोने में ठोकना – ये दोनों स्ट्राइक बताती हैं कि वह सिर्फ एक फॉरवर्ड नहीं बल्कि एक “missing link” हैं जिसे मैनेजर एंज़ो मारेस्का ढूंढ़ रहे थे।

कोल पामर की प्लेमेकिंग और एंज़ो फर्नांडेज़ की मिडफील्ड से भागीदारी ने पेड्रो को वो स्पेस दिया, जहां उन्होंने अपना जलवा दिखाया।

फ्लुमिनेंस का सफर खत्म, लेकिन ब्राजीलियन क्लबों ने किया प्रभावित

थियागो सिल्वा की अगुआई में फ्लुमिनेंस ने सेमीफाइनल तक पहुंचकर सबको चौंकाया, जबकि घरेलू सीज़न में टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। हालांकि थियागो ने उम्र के बावजूद अपनी क्लास दिखाई, खासकर क्रिस्टोफर एनकुंकू के शॉट को लाइन पर क्लियर करना उनकी समझदारी का सबूत था।

इस टूर्नामेंट में ब्राज़ील की चार टीमें नॉकआउट स्टेज तक पहुंची, जिनमें से फ्लेमेंगो ने ग्रुप स्टेज में चेल्सी को हराकर शुरुआती झटका दिया था और बोटाफोगो ने पीएसजी को हराकर सनसनी मचा दी थी।


VAR, RefCam और विवादों के बीच न्या

मैच में एक और बड़ी चर्चा रही VAR तकनीक और ‘RefCam’ की। रेफरी Francois Letexier ने जब ट्रेवो चलोबा के हैंडबॉल पर पेनल्टी दी, फिर VAR समीक्षा के बाद निर्णय पलट दिया गया – और इस सबकी लाइव व्याख्या “RefCam” पर देखी गई, जिसने यह दिखाया कि कैसे उनके दृष्टिकोण से चलोबा का हाथ फैला हुआ नजर आया था। इससे स्पष्ट होता है कि VAR और RefCam अब सिर्फ तकनीक नहीं बल्कि फैसलों को पारदर्शी बनाने का माध्यम बन चुके हैं।

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Sourav Ganguly के ये 5 रिकॉर्ड आज भी कायम हैं… एक पारी में 117 रन से लेकर 239 रनों का जलवा, कोई तोड़ भी पाएगा?

भारतीय क्रिकेट के ‘दादा’ सौरव गांगुली के जन्मदिन पर जानिए वो 5 अविश्वसनीय रिकॉर्ड्स जो आज भी क्रिकेट इतिहास में मिसाल बने हुए हैं।

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Sourav Ganguly Birthday Special: 5 cricket records still untouched by the legend
सौरव गांगुली — एक ऐसा नाम जिसने भारतीय क्रिकेट को आत्मविश्वास देना सिखाया और कई अटूट रिकॉर्ड्स छोड़े।

Sourav Ganguly यानी भारतीय क्रिकेट का वो चेहरा, जिसने मैदान पर आक्रामकता, आत्मविश्वास और नेतृत्व को परिभाषित किया। The Prince of Kolkata ने न सिर्फ एक कप्तान के रूप में भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि अपने बल्ले से ऐसे कारनामे किए जो आज भी रिकॉर्ड बुक्स में चमकते हैं। 8 जुलाई 2025 को ‘दादा’ 53 साल के हो गए हैं और इस खास मौके पर Dainik Diary आपको बता रहा है उनके 5 ऐसे रिकॉर्ड्स जो आज भी कायम हैं — और शायद ही कोई उन्हें तोड़ पाए।

Sourav Ganguly Birthday Special: 5 cricket records still untouched by the legend


1. चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल की सबसे बड़ी पारी

वर्ष 2000 में खेले गए Champions Trophy फाइनल में, सौरव गांगुली ने 117 रनों की धमाकेदार पारी खेली थी। यह आज भी किसी चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल की सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी मानी जाती है। उस समय ‘दादा’ का बल्ला बोलता नहीं, गरजता था।

2. भारतीय बाएं हाथ के बल्लेबाज़ की सबसे बड़ी टेस्ट पारी

The Former Indian Captain का टेस्ट करियर भी उतना ही शानदार रहा। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ Bangalore टेस्ट में 239 रनों की धैर्यपूर्ण पारी खेली थी — जो आज तक किसी भी भारतीय लेफ्ट हैंडेड बल्लेबाज की सबसे बड़ी पारी है।

Sourav Ganguly Birthday Special: 5 cricket records still untouched by the legend


3. पहले वनडे में शतक ठोकने वाले इकलौते भारतीय कप्तान

जब गांगुली को कप्तानी सौंपी गई, तो उन्होंने अपने पहले ही वनडे मुकाबले में 111 रनों की पारी खेली थी। आज तक कोई भी Indian Captain ऐसा डेब्यू मैच नहीं खेल सका।

4. लगातार चार ICC नॉकआउट मुकाबलों में अर्धशतक

ICC टूर्नामेंट में परफॉर्म करना हमेशा दबाव भरा होता है, लेकिन ‘दादा’ ने चार लगातार नॉकआउट मैचों में अर्धशतक जड़े थे — जो आज भी एक अद्वितीय ICC रिकॉर्ड है।

5. भारत को विदेशी ज़मीन पर जीत दिलाने वाले पहले आक्रामक कप्तान

सौरव गांगुली ही थे जिन्होंने भारतीय टीम को विदेशी धरती पर टेस्ट सीरीज़ ड्रॉ और जीतना सिखाया। 2003-04 में Australia Tour पर भारत ने सीरीज़ ड्रॉ की, जिसमें उनका नेतृत्व सराहनीय रहा। The Leader Who Taught India to Win Abroad — यही पहचान थी उनकी।

MS Dhoni और Virat Kohli जैसे कप्तानों ने भी माना है कि गांगुली ने ही भारतीय टीम को आक्रामक बनना सिखाया।

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