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जयपुर से उड़ान भरते ही एयर इंडिया की फ्लाइट में तकनीकी गड़बड़ी 18 मिनट बाद कराई गई इमरजेंसी लैंडिंग
AI612 फ्लाइट को कार्गो डोर अलर्ट के बाद वापस लौटना पड़ा, यात्री सुरक्षित, जांच जारी

राजस्थान की राजधानी जयपुर से मुंबई के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI612 को शुक्रवार को महज 18 मिनट बाद आपात स्थिति में लौटकर लैंड करना पड़ा। पायलट को उड़ान के दौरान कार्गो डोर खुला होने का अलर्ट मिला, जिससे तुरंत एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क कर विमान को वापस बुला लिया गया।
यह फ्लाइट दोपहर 1:35 बजे उड़ान भरने वाली थी, लेकिन निर्धारित समय से 23 मिनट की देरी से करीब 1:58 बजे टेक ऑफ कर सकी। तकरीबन 2:16 पर पायलट को तकनीकी गड़बड़ी का अलर्ट मिला और उन्होंने बिना देर किए वापस लौटने का फैसला लिया। एटीसी की अनुमति मिलते ही फ्लाइट की सुरक्षित इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई।
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फ्लाइट में सवार सभी यात्री सुरक्षित हैं और फिलहाल उन्हें विमान में ही रुकने को कहा गया है। तकनीकी टीमें जांच में जुटी हैं। सूत्रों की मानें तो पायलट ने कार्गो डोर की गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए बड़ा जोखिम उठाने से इनकार कर दिया और तुरंत रिटर्न फ्लाइट की योजना बनाई। यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया।
इस घटना पर एयर इंडिया की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है, लेकिन मौके पर मौजूद सूत्रों ने बताया कि यात्रियों को वैकल्पिक उड़ान के माध्यम से मुंबई भेजने की व्यवस्था की जा रही है।
बता दें कि हाल के दिनों में एयर इंडिया की उड़ानों में तकनीकी गड़बड़ियों के मामले बढ़े हैं। 22 जुलाई 2025 को हांगकांग से दिल्ली आई फ्लाइट AI315 की लैंडिंग के बाद विमान की ऑक्जिलरी पावर यूनिट में आग लग गई थी। सौभाग्य से सभी यात्री सुरक्षित रहे थे।
वहीं, 21 जुलाई को कोची से मुंबई आई फ्लाइट AI2744 की लैंडिंग के वक्त भारी बारिश के चलते विमान रनवे से बाहर चला गया था। लेकिन चालक दल की सूझबूझ से विमान सुरक्षित टैक्सी कर गेट तक पहुंचाया गया।
सबसे भीषण हादसा 12 जून 2025 को हुआ था जब अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट टेक ऑफ के तुरंत बाद एक इमारत से टकरा गई। हादसे में 260 लोगों की जान गई थी। टाटा ग्रुप ने इस दुर्घटना के बाद “AI171 मेमोरियल एंड वेलफेयर ट्रस्ट” की स्थापना की है।
इन घटनाओं से साफ है कि एयर इंडिया को अपनी तकनीकी प्रणाली की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर फिर से गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।