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NDTV रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा: कैसे महज 32 सेकंड में तबाह हुआ Air India Flight 171

कॉकपिट में अंतिम शब्द थे – Why did you cut off? और फिर शुरू हुआ विनाश का सिलसिला। Dreamliner की यह पहली घातक दुर्घटना थी, जिसमें 260 से ज़्यादा लोग मारे गए।

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NDTV रिपोर्ट में खुलासा: कैसे हुआ Air India Flight 171 का क्रैश? | Dainik Diary
Air India Flight 171 का मलबा, जहां सपने जलकर राख हो गए – NDTV द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कई रहस्य उजागर।

12 जून की दोपहर, जब Air India Flight 171 ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरी, तो किसी ने नहीं सोचा था कि यह 2025 की सबसे भीषण विमान दुर्घटना में बदल जाएगी। उड़ान भरने के मात्र 32 सेकंड बाद ही विमान एक मेडिकल हॉस्टल पर जा गिरा, जिसमें 242 में से 241 यात्री और क्रू मेंबर, और ज़मीन पर मौजूद 19 लोग मारे गए।

यह दुर्घटना Boeing 787 Dreamliner के इतिहास में पहली जानलेवा दुर्घटना बन गई, जिसने ना सिर्फ एविशन इंडस्ट्री को हिला दिया, बल्कि कई सवालों को भी जन्म दिया।

हादसे के पीछे की तकनीकी गुत्थी

NDTV द्वारा रिपोर्ट की गई Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) की जांच में जो तथ्य सामने आए, वे बेहद चौंकाने वाले हैं। Flight 171 ने सामान्य तरीके से टेकऑफ किया, 153 नॉट्स (लगभग 283 किमी/घंटा) की गति से। उड़ान की शुरुआत में सब कुछ सामान्य था—फ्लैप सेटिंग 5 डिग्री, लैंडिंग गियर ‘डाउन’ पोजीशन में, और मौसम भी पूरी तरह साफ।

मगर अचानक, इंजन 1 और इंजन 2 के फ्यूल कंट्रोल स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ में बदल गए—एक सेकंड के अंदर दोनों बंद हो गए। इसका मतलब था कि दोनों इंजनों को ईंधन मिलना बंद हो गया। परिणामस्वरूप, विमान ने तुरंत ऊंचाई खोनी शुरू कर दी और कुछ ही पलों में वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

कॉकपिट में आखिरी बातचीत

Captain Sumeet Sabharwal (LinkedIn) और First Officer Clive Kunder, दोनों अनुभवी और फिट पायलट थे। दुर्घटना के समय दोनों कॉकपिट में मौजूद थे। Cockpit Voice Recorder (CVR) के अनुसार, आखिरी कुछ सेकंड में पायलट्स के बीच एक छोटा संवाद रिकॉर्ड हुआ:

यह संवाद बताता है कि किसी एक पायलट ने फ्यूल कटऑफ नहीं किया, तो फिर ये किसने किया? क्या यह तकनीकी खराबी थी या फिर सिस्टम फेल्योर?

एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति की कहानी

इस त्रासदी में एकमात्र जीवित व्यक्ति एक ब्रिटिश-इंडियन यात्री हैं, जो Row 11A में बैठे थे। उनकी जान कैसे बची, इस पर भी विशेषज्ञों की टीम अध्ययन कर रही है।

अब सवाल उठते हैं…

  • क्या यह किसी साइबर हैक का मामला हो सकता है?
  • क्या Boeing 787 के सॉफ्टवेयर में कोई खामी थी?
  • अगर कोई मानवीय भूल नहीं हुई, तो क्या ये विमान के ऑटोमेशन सिस्टम की विफलता थी?

Air India और Directorate General of Civil Aviation (DGCA) इन सभी पहलुओं पर गहन जांच कर रही हैं। अभी तक किसी आतंकवादी हमले या जानबूझकर की गई साजिश के संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन तकनीकी टीम हर संभावना की पड़ताल कर रही है।