Sambhal
3 महीने की बेटी को छोड़ गया अधिवक्ता पिता अचानक मौत से गांव में मचा कोहराम
संभल के धर्मेश कुमार की सड़क पर सांड़ के हमले से हुई दर्दनाक मौत, पत्नी और चार मासूम बच्चों पर टूटा दुखों का पहाड़

गांव के रास्ते पर मौत का साया, अधिवक्ता की दर्दनाक कहानी
उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। चंदौसी तहसील के गांव पचाक निवासी अधिवक्ता धर्मेश कुमार की सांड़ के हमले में हुई मौत ने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है। धर्मेश कुमार 9 जुलाई को न्यायिक कार्य निपटाकर बदायूं से वापस लौट रहे थे। लेकिन किसे पता था कि यह उनका आख़िरी सफर होगा।
शाम करीब 7:30 बजे, जब वे अपनी बाइक से घर की ओर लौट रहे थे, तभी कोतवाली बिसौली क्षेत्र के ग्राम भटपुरा में एक सड़क के किनारे खड़े सांड़ ने अचानक उन पर हमला कर दिया। इस हमले में धर्मेश गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत बरेली के रुहेलखंड अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ दिनों तक जीवन-मृत्यु से जूझते रहने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
धर्मेश की असमय मौत ने उनके परिवार की ज़िंदगी ही बदल दी है। पत्नी वर्षा और उनके चार छोटे-छोटे बच्चे — अमृता (7 वर्ष), अदिति (5 वर्ष), आरव (3 वर्ष) और तीन महीने की नवजात बेटी अन्वी — अब बेसहारा हो गए हैं। उनके सिर से पिता का साया उठ गया, और पूरे गांव में मातम पसर गया।

धर्मेश अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई पृथ्वीपाल सिंह सरकारी प्राइमरी स्कूल में अध्यापक हैं। परिवार के अनुसार, धर्मेश हमेशा अपने परिवार और पेशे को लेकर ईमानदार और जिम्मेदार थे।
गांव में शोक की लहर, प्रशासन पर उठे सवाल
धर्मेश की मौत के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। गांव के बुज़ुर्गों और परिजनों ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि क्षेत्र में आवारा पशुओं की बढ़ती समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया है। अगर समय रहते इन जानवरों पर नियंत्रण पाया जाता, तो धर्मेश की जान बचाई जा सकती थी।
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स्थानीय निवासी बताते हैं कि यह पहला मामला नहीं है जब किसी राहगीर को सांड़ ने निशाना बनाया हो। लेकिन प्रशासन की लापरवाही की वजह से अब एक हंसता-खेलता परिवार उजड़ गया।
सरकारी सहायता और न्याय की मांग
परिजनों और गांववालों ने सरकार से मुआवज़े और परिवार की सहायता की मांग की है। साथ ही अधिवक्ताओं के संगठन ने भी धर्मेश के परिवार को आर्थिक मदद और बेरोजगार हुई पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग की है, ताकि बच्चों का पालन-पोषण ठीक से हो सके।
इसके अलावा अधिवक्ताओं ने आवारा पशु नियंत्रण को लेकर प्रशासन को चेतावनी भी दी है कि अगर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो जिले भर में आंदोलन किया जाएगा।
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