Connect with us

Breaking News

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, अनुच्छेद 370 के फैसले की छठी बरसी पर ली अंतिम सांस

राजनीति में स्पष्टवादिता और निर्भीकता के प्रतीक रहे सत्यपाल मलिक का दिल्ली में निधन, अनुच्छेद 370 की छठी वर्षगांठ पर इतिहास से विदा

Published

on

Satyapal Malik Passes Away on Article 370 Anniversary | Former Governor Dies in Delhi
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, जिनकी पहचान रही बेबाकी और ईमानदारी, दिल्ली में हुआ निधन

भारत की राजनीति से आज एक निर्भीक और बेबाक आवाज़ हमेशा के लिए खामोश हो गई। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार (5 अगस्त) को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।

जिस तारीख को उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा, वो तारीख भी इतिहास में दर्ज है — 5 अगस्त, जिस दिन साल 2019 में उनके कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था। यह महज़ एक संयोग नहीं, बल्कि इतिहास के साथ उनकी गहरी भागीदारी की अंतिम गवाही जैसा प्रतीत होता है।

Satyapal Malik Passes Away on Article 370 Anniversary | Former Governor Dies in Delhi


राजनीतिक सफर जो राज्यों से होता हुआ दिल्ली तक पहुंचा

सत्यपाल मलिक का राजनीतिक जीवन विविधताओं से भरा रहा। वे उत्तर प्रदेश विधानसभा से लेकर राज्यसभा और लोकसभा तक पहुंचे और बिहार, ओडिशा, गोवा, मेघालय और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में राज्यपाल पद संभाला।

उनका कार्यकाल 2018 से 2019 तक जम्मू-कश्मीर के अंतिम पूर्ण राज्यपाल के रूप में रहा। उसी दौरान केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेकर अनुच्छेद 370 को निरस्त किया और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया।

Satyapal Malik Passes Away on Article 370 Anniversary | Former Governor Dies in Delhi


सत्ता से नहीं, सच से जुड़े नेता

मलिक अपने बेबाक बयानों और सरकार की आलोचनाओं के लिए खासे चर्चित रहे। वे भाजपा सरकार में भी रहे, लेकिन जब उन्हें किसी नीति में जनहित की अनदेखी दिखी, तो वह मुखर होकर बोले।

उनकी सबसे अधिक चर्चा तब हुई जब उन्होंने कृषि कानूनों और किसानों के आंदोलन को लेकर सरकार की आलोचना की थी। इससे उन्हें सोशल मीडिया से लेकर संसद तक एक सशक्त विपक्षी स्वर मिला।

और भी पढ़ें: कन्नड़ अभिनेता संतोष बलराज का 34 की उम्र में निधन, पीलिया ने छीन ली उभरते सितारे की ज़िंदगी


लोकदल से लेकर कांग्रेस और बीजेपी तक का सफर

उनका राजनीतिक सफर लोकदल से शुरू हुआ, जहां वे 1980 में राज्यसभा सांसद बने। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस जॉइन की और फिर 1989 में जनता दल से लोकसभा सांसद बने।

Satyapal Malik Passes Away on Article 370 Anniversary | Former Governor Dies in Delhi


1990 में उन्हें केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया। 2004 में वे भाजपा में शामिल हुए और भूमि अधिग्रहण बिल पर बनी संसदीय समिति में अहम भूमिका निभाई।

राजनीतिक विरासत और शिक्षा से गहरा नाता

मेरठ विश्वविद्यालय छात्र संघ से राजनीति में कदम रखने वाले मलिक का सफर पूरी तरह राजनीतिक रहा, लेकिन उन्होंने सिद्धांतों की राजनीति की मिसाल पेश की।

उनकी साफगोई और साहसिक कार्यशैली ने उन्हें भीड़ में अलग पहचान दी। भले ही वो किसी पार्टी में रहे, उनका झुकाव हमेशा जनता की पीड़ा और हक की तरफ रहा।

Continue Reading
1 Comment

1 Comment

  1. Pingback: उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही: पर्यटक गांव में बही ज़िंदगी की रफ्तार - Dainik Diary - Authentic Hindi News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *