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अगले 24 घंटे में पूरे यूपी पर छा जाएगा मानसून! इन जिलों में भारी बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी

सहारनपुर से लेकर वाराणसी तक – यूपी के 70+ जिलों में गरज-चमक और तेज़ बारिश का खतरा, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज और येलो अलर्ट

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UP Monsoon Alert 2025: अगले 24 घंटे में पूरे प्रदेश में बारिश का कहर, जानिए किन जिलों में अलर्ट
यूपी में मानसून की धमाकेदार एंट्री, कई जिलों में बारिश और वज्रपात का अलर्ट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आसमान में अब बादल सिर्फ उमड़-घुमड़ नहीं रहे, बल्कि खुलकर बरसने वाले हैं। अगले 24 घंटे में मानसून पूरे प्रदेश में सक्रिय हो जाएगा, जिससे हर क्षेत्र में बारिश का सिलसिला शुरू हो जाएगा। मौसम विभाग ने बुधवार के लिए कई जिलों में भारी बारिश, गरज-चमक और वज्रपात को लेकर चेतावनी जारी की है।


आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, मानसून पश्चिमी यूपी में तेजी से सक्रिय हो रहा है और जल्द ही बचे हुए हिस्सों में भी पूरी तरह छा जाएगा। आने वाले दो से तीन दिन प्रदेश भर में झमाझम बारिश की पूरी संभावना है।

कहां जारी हुआ ऑरेंज और येलो अलर्ट?

मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद और रामपुर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, यानी इन जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश के साथ तेज़ हवाएं और वज्रपात की आशंका है।

वहीं, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, बरेली, पीलीभीत, जालौन, झांसी, ललितपुर सहित कई अन्य जिलों में येलो अलर्ट जारी हुआ है, जहां हल्की से मध्यम बारिश के साथ बिजली गिरने की संभावना जताई गई है।


70 से ज्यादा जिलों पर मेघगर्जन और वज्रपात का खतरा

बांदा, चित्रकूट, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, अयोध्या, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, कानपुर, फतेहपुर जैसे 70 से अधिक जिलों में मेघगर्जन, आकाशीय बिजली और तेज़ बारिश की चेतावनी दी गई है। इन जिलों में प्रशासन ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

राजस्थान और दिल्ली-NCR में भी बिगड़ा मौसम

उधर राजस्थान में भी भारी बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बारां जिले में तो बीते 24 घंटों में 180 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं, दिल्ली-NCR में अगले 36 घंटे में मानसून दस्तक देने वाला है, जिसके बाद लगातार तीन दिन मूसलाधार बारिश होने की उम्मीद जताई गई है।

पूर्वी यूपी में बारिश का कहर शुरू

पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहले ही मानसून ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। जौनपुर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ और कानपुर जैसे जिलों में बीते दो दिनों से अच्छी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने यहां 30 जून तक भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है।

प्रशासन ने की ये अपील

बारिश के चलते कुछ जिलों में जलभराव और बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं। इसलिए स्थानीय प्रशासन ने लोगों से बहुत आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलने, और मौसम अपडेट्स पर नज़र बनाए रखने की सलाह दी है।

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Weather

पंजाब में बदला मौसम का मिज़ाज: अमृतसर-फरीदकोट में ज़बरदस्त बारिश, खेतों में घुसा मारकंडा नदी का पानी

उत्तर भारत में भारी वर्षा से बिगड़े हालात, पंजाब में गिरा तापमान तो हिमाचल-उत्तराखंड में बादल फटने से तबाही, मारकंडा और यमुना नदी उफान पर

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Punjab Weather Alert: Heavy Rainfall in Amritsar, Flood Risk from Markanda & Yamuna Rivers
अमृतसर में बारिश के बाद सड़कों पर जलभराव, खेतों में घुसा मारकंडा नदी का पानी

उत्तर भारत में मानसून पूरी ताकत से सक्रिय हो चुका है। मंगलवार को पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश देखने को मिली, जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया है। विशेषकर अमृतसर और फरीदकोट जिलों में झमाझम बारिश ने तापमान में भी गिरावट ला दी।

अमृतसर में 60.4 मिमी और फरीदकोट में 32.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई। अधिकतर जिलों में अधिकतम तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि फरीदकोट ने 40 डिग्री का आंकड़ा छू लिया। मौसम विभाग ने बुधवार को भी कई हिस्सों में मौसम बिगड़ने की चेतावनी जारी की है।



हिमाचल और उत्तराखंड में बादल फटने से भारी नुकसान

बारिश का कहर सिर्फ मैदानों तक सीमित नहीं रहा। हिमाचल प्रदेश के चंबा और उत्तराखंड के चमोली जिले में बादल फटने की घटनाएं सामने आईं, जिससे संपर्क मार्ग बह गए और कई इलाकों में आवागमन ठप हो गया।

सिरमौर जिले के नाहन में सोमवार रात भारी वर्षा के चलते नाहन-सराहां-कुमारहट्टी राष्ट्रीय राजमार्ग का लगभग 50 मीटर हिस्सा धंस गया। वहीं, हमीरपुर में बिहार की रहने वाली 30 वर्षीय महिला किरण देवी का शव मंगलवार को मिला, जो 6 जुलाई को बहे जाने के बाद लापता थी।


मारकंडा नदी तीसरी बार उफान पर, खेतों में फैला पानी

हरियाणा की मारकंडा नदी ने इस मॉनसून में तीसरी बार उफान मचाया है। मंगलवार सुबह मुलाना क्षेत्र में इसका जलस्तर 8.3 फीट तक पहुंच गया, जिसके साथ इसका प्रवाह लगभग 36 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया। नदी का पानी खेतों में घुस गया, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।


यमुना और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर घट-बढ़

यमुना नदी सहित उसकी सहायक नदियों का जलस्तर भी लगातार घट-बढ़ रहा है। मंगलवार को हथनीकुंड बैराज पर यमुना का बहाव 24,326 क्यूसेक, जबकि पश्चिमी यमुना नहर में 12,010 क्यूसेक और पूर्वी यमुना नहर में 2,010 क्यूसेक दर्ज किया गया।

टांगरी नदी, जो मोरनी से अंबाला में प्रवेश करती है, उसका जलस्तर 8,000 क्यूसेक तक पहुंच गया। अधिकारियों का मानना है कि यदि पहाड़ों में बारिश जारी रही, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।


जनजीवन प्रभावित, खतरे की आहट

  • कई क्षेत्रों में सड़कें क्षतिग्रस्त, यातायात बाधित
  • कालोनियों और खेतों में पानी भरने की स्थिति
  • सावधानी और सतर्कता को लेकर प्रशासन की अपील
  • मौसम विभाग का अलर्ट: अगले कुछ दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है
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Nagpur

वाराणसी में खतरे के निशान से ऊपर पहुंची गंगा, डूबे घाट और मंदिर – आस्था पर भारी बारिश!

लगातार भारी बारिश से गंगा का जलस्तर हर दिन बढ़ रहा, मणिकर्णिका घाट और राम घाट पूरी तरह जलमग्न, श्रद्धालुओं को गंगा आरती देखने में हो रही दिक्कत

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Ganga Water Level Crosses Danger Mark in Varanasi, Ghats and Temples Submerged Amid Heavy Rain
वाराणसी में खतरे के निशान से ऊपर पहुंची गंगा, मणिकर्णिका घाट और मंदिर हुए जलमग्न

उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी एक बार फिर मानसून के प्रकोप की चपेट में है। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे घाट डूबने लगे हैं और मंदिरों में पानी घुस गया है

स्थानीय निवासियों के अनुसार, हर दिन गंगा एक-एक सीढ़ी ऊपर चढ़ रही है। “84 पारंपरिक घाटों के अलावा जबसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमो घाट बनवाया है, अब कुल 85 घाट हैं, लेकिन पानी की वजह से कई घाटों तक पहुंचना असंभव हो गया है,” स्थानीय निवासी सोनू साहनी ने बताया।


वाराणसी ही नहीं, प्रयागराज में भी गंगा का कहर

वाराणसी में मणिकर्णिका घाट जहां शवों का अंतिम संस्कार होता है, पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। वहीं प्रयागराज में भी राम घाट पूरी तरह पानी में डूब चुका है।

स्थानीय नाव चालक लखन कुमार साहनी का कहना है, “पानी हर दिन एक या दो सीढ़ी ऊपर चढ़ रहा है। इससे गंगा आरती देखना और नाव चलाना बेहद मुश्किल हो गया है।”



IMD का अलर्ट: अभी दो महीने और रहेगा संकट

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पहले ही 8 जुलाई से 11 जुलाई तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी जारी कर दी थी। अब इसका असर ज़मीन पर साफ दिख रहा है।

IMD के अनुसार, 7 से 20 सेंटीमीटर तक की भारी से बहुत भारी बारिश उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाकों में रिकॉर्ड की गई है। आने वाले हफ्तों तक भी भारी बारिश की आशंका जताई गई है, जिससे जलस्तर और बढ़ सकता है।


जनजीवन पर पड़ा गहरा असर

  • सड़कें बंद, यातायात में बाधा
  • श्रद्धालुओं को घाटों पर पहुंचने में मुश्किल
  • गंगा आरती का अनुभव प्रभावित
  • घरों और दुकानों में पानी भरने की संभावना

स्थानीय प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि गंगा किनारे जाने से फिलहाल बचें, और आवश्यक जानकारी के लिए सरकारी सोशल मीडिया हैंडल्स जैसे @IMDWeather और @UPGovt को फॉलो करें।

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India

रामनगर में कोसी नदी में फंसा युवक, बाइक सवार बहने से बचा; पहाड़ी से गिरे पत्थर ने मचाई दहशत

लगातार बारिश से बढ़ा जलस्तर, दो दिनों में कई जानलेवा हादसे टले; आर्यन चंद्र ने ढाई किलोमीटर उबड़-खाबड़ रास्ता तय कर बचाई जान

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रामनगर बारिश अपडेट: कोसी नदी में फंसा युवक, बाइक सवार बहने से बचा, भूस्खलन से हाइवे पर खतरा
रामनगर में उफनती कोसी नदी और खतरनाक बरसाती नाले — हादसे की दहलीज़ पर टिका जनजीवन

उत्तराखंड के रामनगर और अल्मोड़ा क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। बरसाती नालों और नदियों का जलस्तर इतना बढ़ चुका है कि हर दिन हादसों की आशंका और डर भी बढ़ता जा रहा है। सोमवार को ऐसे ही दो घटनाएं सामने आईं जिन्होंने लोगों को दहला कर रख दिया।

कोसी नदी में फंसा युवक, जान बचाने चला 2.5 किलोमीटर पैदल

अल्मोड़ा के लोधिया निवासी आर्यन चंद्र सोमवार सुबह मालू के पत्ते तोड़ने जौरासी कोसी नदी के किनारे पहुंचे थे। लेकिन तभी अचानक नदी का जलस्तर बढ़ गया और वह किनारे पर ही फंस गए। घंटों इंतज़ार के बाद भी जब पानी का बहाव कम नहीं हुआ, तो आर्यन ने जान जोखिम में डालकर ढाई किलोमीटर का उबड़-खाबड़ जंगल रास्ता तय कर ज्याड़ीझूला के रास्ते घर पहुंचने का साहसिक निर्णय लिया।

आर्यन ने बताया, “सोचा था कुछ ही देर में पानी कम हो जाएगा, लेकिन हालात इतने खतरनाक हो गए कि वहां रुकना नामुमकिन था।”


बाइक सवार बहने से बचा, राहगीरों ने मिलकर बचाई जान

इसी दिन एक और घटना रामनगर से गर्जिया की ओर जाते समय रिंगौड़ा के बरसाती नाले में घटी। एक बाइक सवार युवक तेज बहाव में फंस गया और लगभग बह ही जाता, लेकिन वहां मौजूद अन्य राहगीरों की सतर्कता और मदद से उसकी जान बचाई जा सकी।


भवाली-अल्मोड़ा हाइवे पर पहाड़ी से गिरे पत्थर, बाल-बाल बचे वाहन चालक

भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग बारिश के मौसम में यात्रियों के लिए एक खतरा बन चुका है। क्वारव की पहाड़ी से पत्थर और बोल्डर गिरने की घटनाएं आम होती जा रही हैं। रविवार शाम को दोपहिया वाहनों पर बड़े पत्थर गिरते-गिरते बचे। चालकों ने समय रहते वाहन छोड़कर जान बचाई।

गनीमत रही कि किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन मार्ग पर लगातार हो रहे धंसाव और कीचड़ की वजह से यातायात ठप पड़ा है। पिथौरागढ़, बागेश्वर, धारचूला और हल्द्वानी की ओर जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

पुलिस प्रशासन ने भारी वाहनों को रानीखेत डायवर्ट करना शुरू कर दिया है ताकि यातायात पर दबाव कम हो।

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