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Iran-Israel Ceasefire पर India का बड़ा बयान: “डायलॉग और डिप्लोमेसी का कोई विकल्प नहीं!”
Donald Trump के दावे के बाद भारत ने जताई राहत, कहा- “हम शांति बहाली में निभाएंगे अपनी भूमिका”

नई दिल्ली: ईरान-इज़राइल संघर्ष को लेकर लगातार बढ़ती चिंता के बीच भारत ने मंगलवार को बड़ा बयान जारी किया। Donald Trump के ईरान-इज़राइल सीजफायर के दावे के कुछ ही घंटों बाद विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि भारत इस मुद्दे को सुलझाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है, लेकिन समाधान सिर्फ डायलॉग और डिप्लोमेसी से ही संभव है।
MEA ने अपने बयान में कहा, “हमने ईरान और इज़राइल के बीच संघर्ष से जुड़ी ताजा घटनाओं को नजदीकी से ट्रैक किया है, जिसमें अमेरिका की ईरान के न्यूक्लियर फैसिलिटीज पर कार्रवाई और ईरान की कतर में अमेरिकी बेस पर जवाबी कार्रवाई शामिल है।”
भारत ने कहा कि वह पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता को लेकर अभी भी बेहद चिंतित है लेकिन सीजफायर की खबरों का स्वागत करता है।
“यूएस और कतर की भूमिका को सराहना”
विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम ईरान और इज़राइल के बीच सीजफायर की खबरों और इसमें अमेरिका और कतर की भूमिका का स्वागत करते हैं।”
MEA ने यह भी दोहराया कि इस क्षेत्र के बहुस्तरीय विवादों को सुलझाने के लिए कोई विकल्प संवाद और कूटनीति का नहीं है।
भारत निभाएगा सक्रिय भूमिका
सरकार ने साफ कर दिया है कि भारत हर उस प्रयास में सहयोग के लिए तैयार है, जिससे शांति और स्थिरता को मजबूती मिले। MEA ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि सभी संबंधित पक्ष स्थायी शांति और स्थिरता के लिए काम करेंगे और भारत इसमें अपनी जिम्मेदारी निभाएगा।”
क्यों है भारत की चिंता?
गौरतलब है कि ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव से मध्य पूर्व क्षेत्र में भारतीय नागरिकों और वहां के व्यापार पर भी खतरा मंडराता है। ऐसे में भारत का हर कदम क्षेत्रीय सुरक्षा और अपने नागरिकों के हित को ध्यान में रखते हुए होता है।