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किरोड़ी लाल अकेले क्यों मुख्यमंत्री भी करें छापेमारी — अशोक गहलोत का तंज गरमाया राजस्थान की सियासत
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की छापेमारी पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने उठाए सवाल, कहा- सुशासन चाहिए तो हर मंत्री करे कार्रवाई

राजस्थान की राजनीति में इन दिनों कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की छापेमारी सुर्खियों में है। नकली खाद और बीज बनाने वाली फैक्ट्रियों पर उनके लगातार छापों ने जहां प्रशासन में हलचल मचा दी है, वहीं विपक्ष भी सरकार पर सवाल उठाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा। इस कड़ी में अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का तंज भरा बयान फिर से चर्चा में है।
गहलोत ने कसा तंज — ‘मुख्यमंत्री भी करें छापेमारी
अशोक गहलोत ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में तीखे सवाल दागते हुए कहा, “अगर किरोड़ी लाल मीणा अकेले छापेमारी कर सकते हैं तो बाकी मंत्री और मुख्यमंत्री क्यों नहीं?” गहलोत ने कहा कि अगर सभी मंत्री अपने-अपने विभागों में छापेमारी करें तो हर जगह खामियां मिलेंगी और तब जाकर सही मायनों में सुशासन कायम होगा।
छापेमारी की परंपरा पर सवाल
पूर्व सीएम ने मंत्री द्वारा छापेमारी की प्रक्रिया को भी परंपरा के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि आम तौर पर ऐसी कार्रवाई नौकरशाही या एंटी करप्शन ब्यूरो, विजिलेंस और विभागीय अफसरों द्वारा की जाती है। मंत्री का खुद छापेमारी करना कई बार गलत मिसाल भी बना सकता है।
सुशासन का मॉडल बन जाएगा राजस्थान
गहलोत ने तंजिया लहजे में कहा कि अगर हर मंत्री और खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस नसीहत को अमल में ले लें तो राजस्थान भ्रष्टाचार, मिलावट और बेईमानी से मुक्त होकर देश में सुशासन का नया मॉडल बन जाएगा।
गहलोत के इस बयान के बाद राजस्थान की सियासी फिजा में गर्माहट साफ महसूस की जा रही है। कुछ लोग इसे विपक्ष की कड़ी निगरानी बता रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं।
अब आगे क्या?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विधानसभा चुनाव से पहले ऐसे बयान और छापेमारी जैसे कदम राजस्थान की राजनीति को और दिलचस्प बना देंगे। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री और दूसरे मंत्री गहलोत के इस तंज का जवाब कैसे देते हैं।
