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5 वजहें क्यों Jagdeep Dhankhar का इस्तीफा देश की राजनीति में हलचल मचा रहा है
Jagdeep Dhankhar ने उपराष्ट्रपति पद से दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य कारणों का हवाला, PM Modi बोले – “देश की सेवा के कई अवसर मिले, उनके योगदान को याद किया जाएगा”

भारत के उपराष्ट्रपति Jagdeep Dhankhar द्वारा अचानक दिए गए इस्तीफे ने देश की राजनीति में चर्चा की लहर पैदा कर दी है। 74 वर्षीय नेता ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र सौंपते हुए अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देने का निर्णय लिया और इसके पीछे उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी कारणों को प्रमुख रूप से बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Jagdeep Dhankhar के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें ‘देश सेवा का एक सशक्त उदाहरण’ बताया। उन्होंने कहा कि “श्री जगदीप धनखड़ जी को उपराष्ट्रपति सहित कई पदों पर देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।”
इस घटनाक्रम ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं – क्या सचमुच केवल स्वास्थ्य कारणों की वजह से उन्होंने पद छोड़ा या इसके पीछे कुछ और राजनीतिक संकेत छिपे हैं?

1. Jagdeep Dhankhar का राजनीतिक सफर और उनकी अहम भूमिकाएं
Jagdeep Dhankhar, जिन्होंने अगस्त 2022 में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी, एक कुशल वकील, पूर्व सांसद और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के तौर पर भी अपनी सेवा दे चुके हैं। बंगाल में उनके कार्यकाल के दौरान राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कई बार टकराव की स्थिति बनी थी, जिससे वे राष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियों में रहे।
राज्यसभा के सभापति के रूप में उन्होंने कई बार विपक्ष को अनुशासन में रखने की कोशिश की, जिससे उनका कार्यकाल ‘आक्रामक परंतु व्यावहारिक’ कहा जा सकता है।
2. PM Narendra Modi का भावुक संदेश – एक साथी का विदा होना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावुक पोस्ट करते हुए कहा, “Jagdeep Dhankhar जी को देश सेवा का कई अवसर मिला, जिसमें उपराष्ट्रपति जैसे गरिमामय पद भी शामिल है। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।”
पीएम मोदी का यह बयान यह दर्शाता है कि धनखड़ को केवल एक संवैधानिक पदाधिकारी नहीं, बल्कि एक नजदीकी सहयोगी के रूप में देखा जाता था।
3. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जताया आभार, स्वीकृत किया इस्तीफा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपे गए पत्र में Jagdeep Dhankhar ने लिखा,
“मैं स्वास्थ्य की प्राथमिकता और चिकित्सकीय सलाह का पालन करने के लिए उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं।”
राष्ट्रपति ने उनके इस्तीफे को स्वीकृत करते हुए उनके कार्यकाल की सराहना की और कहा कि उनका योगदान सदैव याद रखा जाएगा।

4. क्या है राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चा?
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “Jagdeep Dhankhar और केंद्र सरकार के बीच पहले जैसी सामंजस्य की स्थिति अब नजर नहीं आती।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब मानसून सत्र शुरू हो रहा था, जिससे इसकी टाइमिंग पर भी सवाल उठ रहे हैं। कुछ विशेषज्ञ इसे सरकार और संवैधानिक पदाधिकारियों के बीच ‘नरम और गरम’ संबंधों के संकेत के रूप में देख रहे हैं।
5. Jagdeep Dhankhar के इस्तीफे का भविष्य पर असर
Jagdeep Dhankhar का इस्तीफा केवल एक संवैधानिक रिक्ति नहीं है, बल्कि यह विपक्ष को भी नया मुद्दा दे सकता है। अब इस बात पर भी नजर है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा और क्या विपक्ष इसपर आम सहमति बना पाएगा।
इसके अलावा राज्यसभा की कार्यवाही पर भी प्रभाव देखने को मिल सकता है क्योंकि उपराष्ट्रपति सदन के सभापति होते हैं। एक नई नियुक्ति तक सदन की कार्यवाही किस प्रकार से चलेगी, यह भी देखने योग्य होगा।

निष्कर्ष: Jagdeep Dhankhar का इस्तीफा एक बड़ा राजनीतिक संदेश
Jagdeep Dhankhar का इस्तीफा महज एक स्वास्थ्य कारण नहीं बल्कि एक बड़ा राजनीतिक संकेत हो सकता है। पीएम मोदी का सम्मानजनक विदाई संदेश, राष्ट्रपति का सहानुभूति भरा रुख और विपक्ष की ओर से सवालों की बौछार – ये सभी इस बात की ओर इशारा करते हैं कि आने वाले समय में यह इस्तीफा एक बड़ी राजनीतिक बहस का हिस्सा बन सकता है।
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