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हिंदुस्तान यूनिलीवर को पहली महिला CEO मिली! प्रिया नायर संभालेंगी कंपनी की कमान 1 अगस्त से
रोहित जावा 31 जुलाई को देंगे इस्तीफा, HUL की नई प्रमुख होंगी प्रिया नायर — 1995 में शुरू किया था करियर, अब बनीं इतिहास

भारत की अग्रणी एफएमसीजी कंपनी Hindustan Unilever Limited (HUL) ने इतिहास रचते हुए पहली बार किसी महिला को कंपनी का सीईओ और एमडी नियुक्त किया है। प्रिया नायर, जो फिलहाल यूनिलीवर में President – Beauty and Well-being के पद पर हैं, 1 अगस्त 2025 से HUL की नई CEO और MD बनेंगी।
31 जुलाई 2025 को रोहित जावा अपने पद से इस्तीफा देंगे। कंपनी ने एक आधिकारिक फाइलिंग में बताया कि जावा “अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के नए अध्याय” को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
कौन हैं प्रिया नायर?
1995 में HUL से अपने करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया नायर, बीते तीन दशकों से कंपनी के विभिन्न विभागों में अहम भूमिका निभा चुकी हैं। उन्होंने होम केयर, ब्यूटी और पर्सनल केयर सेगमेंट में कई महत्वपूर्ण पदों को संभाला है।
- 2014 से 2020 तक रहीं Executive Director – Home Care, HUL
- 2020 से 2022 तक बनीं Executive Director – Beauty & Personal Care
- फिर बनीं Global Chief Marketing Officer – Beauty & Well-being, Unilever
अब वह HUL बोर्ड की सदस्य भी बनेंगी, बशर्ते सभी आवश्यक अनुमतियां मिल जाएं। इसके साथ ही वह Unilever Leadership Executive का हिस्सा बनी रहेंगी।
रोहित जावा का कार्यकाल और ‘ASPIRE’ रणनीति
रोहित जावा ने 2023 में HUL की कमान संभाली थी और दो वर्षों में कंपनी को मजबूत volume-led growth की दिशा में अग्रसर किया। उनके द्वारा शुरू की गई ‘ASPIRE Strategy’ ने HUL के बिजनेस को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, विशेष रूप से पोर्टफोलियो और चैनल के विस्तार में।
यूनिलीवर का बड़ा संदेश
इस नियुक्ति के माध्यम से यूनिलीवर ने एक बड़ा संदेश दिया है — नेतृत्व में विविधता और महिलाओं को सशक्त बनाना उनकी प्राथमिकताओं में है। प्रिया नायर की नियुक्ति सिर्फ एक प्रमोशन नहीं, बल्कि भारतीय कॉरपोरेट वर्ल्ड में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का प्रतीक भी है।
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TCS में वेतन वृद्धि कब होगी? कर्मचारियों को अभी करना होगा इंतज़ार Q1 नतीजों के बाद कंपनी ने क्या कहा
देश की सबसे बड़ी IT कंपनी TCS ने अभी तक वेतनवृद्धि को लेकर कोई फैसला नहीं लिया, CHRO मिलिंद लक्कड़ ने दिया ताज़ा अपडेट

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), जो कि भारत की सबसे बड़ी IT कंपनी मानी जाती है, ने वेतन वृद्धि को लेकर अपने 6 लाख से अधिक कर्मचारियों को एक बार फिर इंतज़ार में डाल दिया है। कंपनी के कार्यकारी उपाध्यक्ष और मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (CHRO) मिलिंद लक्कड़ ने हाल ही में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि “वेतन वृद्धि को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
10 जुलाई 2025 को घोषित किए गए Q1 परिणामों में, TCS ने चालू वित्त वर्ष 2025–26 की पहली तिमाही में ₹12,760 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया, जो पिछले साल की समान तिमाही के ₹12,040 करोड़ से 6% अधिक है। वहीं, कंपनी की राजस्व वृद्धि 1.3% रही, जो ₹63,437 करोड़ पर पहुँची।
लेकिन सैलरी हाइक पर क्यों चुप्पी?
CHRO मिलिंद लक्कड़ के अनुसार, “वर्तमान में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। बिज़नेस की स्थिति के अनुसार वर्ष के किसी भी समय इस पर निर्णय लिया जा सकता है।” यह बयान उन्होंने पिछली तिमाही में भी दिया था, जब कंपनी ने FY 2024-25 के Q4 में अनिश्चित आर्थिक माहौल का हवाला देते हुए वेतन वृद्धि को टाल दिया था।
मजबूत मुनाफे के बावजूद टल रहा वेतन बढ़ोतरी का फैसला
TCS के मुनाफे में वृद्धि और स्थिर राजस्व के बावजूद, कर्मचारियों के लिए वेतन बढ़ोतरी की घोषणा न होना कई सवाल खड़े कर रहा है। कई कर्मचारी सोशल मीडिया पर TCS के इस निर्णय को लेकर निराशा जाहिर कर चुके हैं।
यहाँ यह भी गौर करने वाली बात है कि भारत की अन्य प्रमुख IT कंपनियाँ जैसे Infosys और Wipro भी इस साल वेतन वृद्धि को लेकर सतर्कता बरत रही हैं।
मिलिंद लक्कड़ ने क्या कहा?
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने दोहराया:
वेतन वृद्धि को लेकर हम इस वर्ष के दौरान किसी भी समय निर्णय ले सकते हैं, यह पूरी तरह से व्यापार की स्थिति पर निर्भर करेगा।”
कर्मचारियों की उम्मीदें अभी भी बरकरार हैं कि आगामी तिमाहियों में कंपनी यह निर्णय लेगी।
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Bank Holiday Today जानें क्या 7 जुलाई को मुहर्रम के बाद भी खुलेंगे बैंक या नहीं
Bank Holiday Today? जानें क्या 7 जुलाई को मुहर्रम के बाद भी खुलेंगे बैंक या नहीं

अगर आप भी इस सोमवार यानी 7 जुलाई को बैंक से जुड़ा कोई जरूरी काम निपटाने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। मुहर्रम के अवसर पर देशभर में अवकाश की उम्मीद के चलते सोशल मीडिया पर भ्रम फैला, लेकिन अब इस पर स्थिति पूरी तरह साफ हो चुकी है।
दरअसल, इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम इस साल 27 जून से शुरू हुआ था और इसका सबसे पवित्र दिन अशूरा यानी 10वां दिन, 6 जुलाई रविवार को मनाया गया। यह गजटेड अवकाश के तहत आता है, लेकिन चूंकि यह रविवार को पड़ा, इस कारण 7 जुलाई सोमवार को कोई छुट्टी नहीं है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और राज्यों की सरकारें हर साल बैंक हॉलिडे की लिस्ट जारी करती हैं, जिसमें राष्ट्रीय पर्व, धार्मिक उत्सव, क्षेत्रीय त्योहार और प्रशासनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए छुट्टियों का निर्धारण होता है। 7 जुलाई का दिन इन सूचीबद्ध छुट्टियों में शामिल नहीं है, इसलिए सभी सरकारी और निजी बैंक, जैसे कि SBI, HDFC, ICICI, सामान्य रूप से खुले रहेंगे।
जुलाई 2025 के बैंक हॉलिडे शेड्यूल पर एक नज़र
साप्ताहिक अवकाश (सभी राज्यों में लागू):
- 7 जुलाई (सोमवार) – ✔ बैंक खुले रहेंगे
- 13 जुलाई (दूसरा शनिवार) बैंक बंद
- 14 जुलाई (रविवार) – बैंक बंद
- 27 जुलाई (चौथा शनिवार) – बैंक बंद
- 28 जुलाई (रविवार) – बैंक बंद
अन्य क्षेत्रीय अवकाश (राज्य विशेष पर निर्भर):
- 17 जुलाई – उड़ीसा: राजा पर्व
- 21 जुलाई – नागालैंड: ख्रिस्तोफेस्ट
- 29 जुलाई – महाराष्ट्र: आषाढ़ी एकादशी
इसलिए यदि आप 7 जुलाई को बैंक से संबंधित कोई कामकाज करने की योजना बना रहे हैं, तो बेफिक्र रहें — बैंक अपने निर्धारित समय पर कार्य करेंगे।
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इस साल आम कितना मीठा कितना महंगा जानिए फसल मंडी और मौसम का पूरा गणित
कहीं बंपर पैदावार, कहीं नुकसान! उत्तर से दक्षिण तक कैसे बदला फलों के राजा का हाल — कीमत से लेकर निर्यात तक की पूरी रिपोर्ट

भारत में गर्मियों का मतलब सिर्फ चिलचिलाती धूप नहीं, बल्कि आम की मिठास भी है। लेकिन 2025 में इस मिठास पर मौसम और कीटों ने कई जगह पानी फेर दिया। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के बागानों में जहां बंपर फसल ने किसानों को राहत दी, वहीं दक्षिण भारत के बागवान कीट और ओलावृष्टि से परेशान नजर आए।
उत्तर भारत में रिकार्ड उत्पादन — किसानों के चेहरे पर मुस्कान
मलिहाबाद का दशहरी हो या सहारनपुर का लंगड़ा, उत्तर प्रदेश में इस साल बाग खिले हुए हैं। अच्छी पैदावार ने लोकल मंडियों में रौनक बढ़ा दी। वहीं महाराष्ट्र का हापुस यानी अल्फोंसो, जिसने फिर से अपनी बादशाहत साबित की, उसकी अंतरराष्ट्रीय मांग भी मजबूत रही। हालांकि कुछ क्षेत्रों में असमय बारिश से नुकसान भी हुआ।
दक्षिण के किसानों की परेशानी — बंगनपल्ली पर कीटों का वार
कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बंगनपल्ली और तोतापुरी किस्मों को कीट और फफूंदी ने बड़ा नुकसान पहुंचाया। किसानों ने बताया कि इस साल उत्पादन और क्वालिटी दोनों पर असर पड़ा। इसके उलट, बिहार और बंगाल में हिमसागर और मालदह की पैदावार ने स्थानीय बाजारों को सस्ता और मीठा आम दिया।
महानगरों में कीमतों का खेल — आम आदमी की जेब पर असर
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे शहरों में आम की कीमतें ₹120 से ₹180 प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। दिल्ली में दशहरी और लंगड़ा 120-160 में बिक रहे हैं तो मुंबई में हापुस की कीमतें 150-180 के आसपास हैं। कोलकाता और पटना में मालदह और हिमसागर अब भी 50-90 में मिल रहे हैं।

निर्यात ने तोड़ी रिकॉर्ड — दुनिया में छाया भारतीय आम
2024 में भारत ने करीब 20% अधिक आम निर्यात किया। यूरोप, खाड़ी देशों और मध्य एशिया में हापुस, केसर और बंगनपल्ली की डिमांड बनी हुई है। उद्योग जानकारों के अनुसार 2030 तक भारत का आम उत्पादन 23.3 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है।
दूधिया मालदह — बिहार का गर्व और GI टैग की राह
बिहार का दूधिया मालदह अपनी फाइबर-फ्री बनावट और दूध जैसी चमक के कारण खास है। स्थानीय कहावत है, “खालो मालदह, भूल जाओ हापुस।” इसे GI टैग दिलाने की कवायद तेजी से चल रही है।
जलवायु परिवर्तन की चुनौती — मिठास बनाए रखने की जंग
बारिश, लू और तापमान में उतार-चढ़ाव ने इस साल कई जगह आम के फूलों को झड़ा दिया। कीट और बीमारियों ने छोटे किसानों की कमर तोड़ दी। अब वक्त आ गया है कि टिकाऊ खेती और जलवायु संरक्षण को प्राथमिकता दी जाए ताकि आने वाले सालों में फलों का राजा यूं ही मीठा बना रहे।
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