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20 बच्चों की मौत के बाद DCGI का बड़ा एक्शन – खांसी की दवा बनाने वाली कंपनियों पर सख्ती

मध्य प्रदेश में कोल्डरिफ सिरप से हुई 20 बच्चों की मौत के बाद अब दवा निर्माण में कच्चे माल की जांच को लेकर DCGI ने जारी किया सख्त आदेश

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कोल्डरिफ सिरप से हुई 20 बच्चों की मौत के बाद DCGI ने सभी राज्यों को दवा निर्माण में सख्त जांच के निर्देश दिए।
कोल्डरिफ सिरप से हुई 20 बच्चों की मौत के बाद DCGI ने सभी राज्यों को दवा निर्माण में सख्त जांच के निर्देश दिए।

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 20 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने खांसी की दवा निर्माण करने वाली कंपनियों पर बड़ा एक्शन लिया है। इन मौतों का सीधा संबंध Coldrif Cough Syrup से जोड़ा गया था, जिसके बाद अब देशभर में दवा निर्माण प्रक्रियाओं की गहन जांच शुरू कर दी गई है।

DCGI डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने 7 अक्टूबर को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी दवा बनाने से पहले उसके कच्चे माल (raw materials) और inactive ingredients (excipients) की जांच अनिवार्य रूप से की जाए।

कोल्डरिफ सिरप से हुई 20 बच्चों की मौत के बाद DCGI ने सभी राज्यों को दवा निर्माण में सख्त जांच के निर्देश दिए।


उन्होंने कहा कि यह पाया गया है कि कुछ निर्माता कंपनियां दवा बनाने से पहले हर बैच की जांच नहीं कर रही थीं, जिससे quality compliance का उल्लंघन हो रहा था। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि कई कंपनियों के पास उचित लैब टेस्टिंग रिकॉर्ड नहीं था, जो Drugs Rules, 1945 के तहत अनिवार्य है।

DCGI ने सभी राज्य दवा नियंत्रकों (State Drug Controllers) को निर्देश दिया है कि वे दवा निर्माण इकाइयों का नियमित निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि हर कंपनी अपने कच्चे माल की जांच खुद की प्रयोगशाला या किसी मान्यता प्राप्त लैब में कराए। साथ ही, यह भी देखा जाए कि कंपनियां केवल विश्वसनीय और स्वीकृत विक्रेताओं (vendors) से ही कच्चा माल खरीदें।

डॉ. रघुवंशी ने कहा, “निर्माण से पहले और बाजार में बैच जारी करने से पहले कच्चे माल की जांच सुनिश्चित की जाए। कंपनियों को एक मजबूत vendor qualification system अपनाना होगा ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी न दोहराई जाए।”

कोल्डरिफ सिरप से हुई 20 बच्चों की मौत के बाद DCGI ने सभी राज्यों को दवा निर्माण में सख्त जांच के निर्देश दिए।


इस बीच, मध्य प्रदेश पुलिस ने तमिलनाडु स्थित उस दवा कंपनी के मालिक एस. रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने कोल्डरिफ सिरप बनाया था। छिंदवाड़ा एसपी ने बताया कि आरोपी को चेन्नई की अदालत में पेश किया जाएगा और ट्रांजिट रिमांड के बाद छिंदवाड़ा लाया जाएगा।

राज्य के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने पुष्टि की है कि इस घटना में 20 बच्चों की जान चली गई, जबकि पांच बच्चे अभी भी इलाजरत हैं। मृतकों में 17 बच्चे छिंदवाड़ा जिले के, दो बैतूल के और एक पांढुर्णा के बताए गए हैं।

यह घटना देश में फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री के गुणवत्ता मानकों पर गहरे सवाल खड़े करती है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में बनी दवाओं से जुड़े कई अंतरराष्ट्रीय विवाद सामने आए हैं — चाहे वह गाम्बिया में बच्चों की मौत का मामला हो या उज़्बेकिस्तान में खांसी की दवा से हुई त्रासदी।

DCGI का यह कदम न केवल जवाबदेही तय करने की दिशा में है बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी है कि भारत की मेडिकल मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री अपनी विश्वसनीयता बनाए रखे।