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जेसिका पेगुला का कमाल, चीन ओपन सेमीफाइनल में पहुंचीं तीसरी अमेरिकी खिलाड़ी — “मैंने खुद को शांत रहने को कहा”
अमेरिकी टेनिस स्टार जेसिका पेगुला ने साथी खिलाड़ी एम्मा नवैरो को हराकर चीन ओपन के सेमीफाइनल में जगह बनाई, अब उनका सामना लिंडा नॉस्कोवा से होगा।
चीन के बीजिंग में चल रहे चाइना ओपन (China Open) में अमेरिकी टेनिस स्टार जेसिका पेगुला (Jessica Pegula) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। शुक्रवार को खेले गए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में पेगुला ने अपने ही देश की खिलाड़ी एम्मा नवैरो (Emma Navarro) को 6-7(2), 6-2, 6-1 से मात दी।
इस जीत के साथ पेगुला इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली तीसरी अमेरिकी खिलाड़ी बन गई हैं।
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पहली सेट में संघर्ष, फिर जबरदस्त वापसी
पेगुला के लिए मुकाबले की शुरुआत उम्मीद के मुताबिक नहीं रही। उन्होंने पहले सेट में छह सेट प्वाइंट गंवा दिए और टाईब्रेकर में 6-7(2) से हार गईं। लेकिन अनुभवी खिलाड़ी ने इसके बाद पूरी तरह लय हासिल की और अगले दो सेटों में नवैरो को कोई मौका नहीं दिया।
उन्होंने दूसरे सेट को 6-2 और तीसरे को 6-1 से जीतकर मुकाबला अपने नाम किया।
मैच के बाद पेगुला ने कहा,
“मैंने खुद से कहा कि ज्यादा निराश मत हो, शांत रहो। मैं अपने गेम प्लान को जबरदस्ती लागू करने की कोशिश कर रही थी। जैसे ही मैंने खुद को रिलैक्स किया, मेरा खेल अपने आप निखरने लगा।”

सेमीफाइनल में लिंडा नॉस्कोवा से भिड़ंत
पेगुला अब सेमीफाइनल में 20 वर्षीय लिंडा नॉस्कोवा (Linda Noskova) से भिड़ेंगी। चेक गणराज्य की नॉस्कोवा ने ब्रिटेन की सोने कारटल (Sonay Kartal) को 6-3, 6-4 से हराया।
नॉस्कोवा 2009 में WTA 1000 फॉर्मेट की शुरुआत के बाद से इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाली सबसे युवा चेक खिलाड़ी बन गई हैं।
एक और ऑल-अमेरिकन सेमीफाइनल
टूर्नामेंट के दूसरे सेमीफाइनल में मौजूदा चैंपियन कोको गौफ (Coco Gauff) और तीसरी वरीयता प्राप्त अमांडा अनीसिमोवा (Amanda Anisimova) आमने-सामने होंगी। इसका मतलब यह है कि फाइनल में एक बार फिर पूरी तरह अमेरिकी मुकाबला देखने को मिल सकता है।
यह प्रदर्शन अमेरिकी महिला टेनिस के बढ़ते दबदबे को दर्शाता है। जहां एक तरफ गौफ और अनीसिमोवा नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, वहीं पेगुला जैसे अनुभवी खिलाड़ी स्थिरता और दृढ़ता का उदाहरण बनकर सामने आए हैं।
मानसिक मजबूती बनी जीत की कुंजी
पेगुला ने मैच के बाद कहा कि पहले सेट में चूक के बावजूद उन्होंने खुद पर नियंत्रण रखा और रणनीति बदली।
“पहला सेट हारने के बाद मैंने बस अपने आप से कहा कि हर पॉइंट को नए सिरे से खेलो। कभी-कभी हमें बस मानसिक रूप से मजबूत रहना होता है। जब मैं शांत हुई, तो सब कुछ सही लगने लगा।”
गौरवशाली सफर
जेसिका पेगुला ने इस सीज़न में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने इस साल पहले भी कई बड़े खिलाड़ियों को हराया और अब चीन ओपन के खिताब की दौड़ में मजबूती से बनी हुई हैं।
अगर पेगुला यह टूर्नामेंट जीत जाती हैं, तो वह 2024 सीज़न को अपने करियर का सबसे सफल वर्ष बना सकती हैं।
निष्कर्ष
चीन ओपन का सेमीफाइनल अमेरिकी खिलाड़ियों के लिए गौरव का पल बनने जा रहा है। जेसिका पेगुला की शांति, संतुलन और अनुभव ने यह साबित कर दिया कि टेनिस सिर्फ ताकत का नहीं, बल्कि मानसिक खेल भी है। अब देखना होगा कि क्या वह लिंडा नॉस्कोवा को हराकर फाइनल में पहुंचकर नया इतिहास रच पाती हैं।
